नंद चतुर्वेदी (1923–2014) एक समाजवादी, जाने-माने हिंदी कवि और साहित्यकार थे।[1]

नंद चतुर्वेदी
जन्म 21 अप्रैल 1923
पिपलियारावजी (मेवाङ, राजस्थान अब मध्यप्रदेश में , ब्रितानी भारत
मौत 25 दिसम्बर 2014(2014-12-25) (उम्र 91 वर्ष)
उदयपुर, राजस्थान, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा कवि, साहित्यकार, समाजवादी[1]

शिक्षा और कार्य

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ब्राह्मण परिवार में जन्मे नंद चतुर्वेदी ने राजस्थान विश्वविद्यालय से हिंदी में कला में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। वह 1966 से 1972 तक त्रैमासिक पत्रिका बिंदू के संपादक थे।[1]

पढ़ाने के अलावा वे कविताएँ भी लिखते थे। उनके कुछ लोकप्रिय काम हैं:

  • यह समय मामूली नहीं - 1983.
  • शब्द संसार की यायावरी - 1985.
  • ईमानदार दुनिया के लिए - 1994.
  • वो सोये तो नहीं होंगे - 1997.
  • उत्सव का निर्मम समय

पुरस्कार

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  • 1996 में यह समय मामूली नहीं के लिए के के बिड़ला फाउंडेशन के बिहारी पुरस्कार प्राप्तकर्ता।[1]
  • प्रसार भारती ने उन्हें 1998 में प्रसार संमान से सम्मानित किया।[1]
  • वह जनवरी 2007 में आस्था संस्था द्वारा इक्विटी राइटर अवार्ड के प्राप्तकर्ता थे।[2]
  • उन्हें प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन के शीर्ष साहित्य सम्मान, 2008 के साहित्य वाचस्पति के लिए चुना गया था। मार्च 2008 में जयपुर में सम्मानित किया गया था।[3]
  • उन्हें राजस्थान सरकार के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान मीरा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[1]
  • उन्हें मुंबई के लोक मंगल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

व्यक्तिगत जीवन

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25 दिसंबर 2014 को उनका निधन हो गया; उनके चार बेटे और दो बेटियाँ है।[4]

  1. Luminous Peak of Nand Chaturvedi on Indialog
  2. Equality Writer Award by Astha Sansthan Archived 24 अप्रैल 2009 at the वेबैक मशीन
  3. "Nand Chaturvedi gets top Hindi Sahitya Sammelan Puraskar". मूल से 17 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अक्तूबर 2021.
  4. Nand Chaturvedi passes away, Mid-Day, 26-Dec-2014

बाहरी कड़ियाँ

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