राजस्थान विश्वविद्यालय
राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, एवं विधि अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से है।
राजस्थान विश्वविद्यालय | |
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राजस्थान विश्वविद्यालय | |
अंग्रेज़ी नाम: University of Rajasthan | |
आदर्श वाक्य: | धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा |
स्थापित | 8 जनवरी 1947 |
प्रकार: | सार्वजनिक |
कुलाधिपति: | कलराज मिश्र (2019 सितम्बर से प्रभार) |
कुलपति: | अल्पना कटेजा |
अवस्थिति: | जयपुर, राजस्थान, भारत |
परिसर: | शहरी |
पुराने नाम: | राजपूताना विश्वविद्यालय |
जालपृष्ठ: | http://www.uniraj.ac.in |
इतिहास एवं परिचय
संपादित करेंराजस्थान विश्वविद्यालयलगभग 300 एकड़ में फैला राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 8 जनवरी 1947 को राजपूताना विश्वविद्यालय के नाम से हुई थी, 1956 में इसे वर्तमान नाम दिया गया। डॉ॰ मोहन सिंह मेहता इसके पहले और संस्थापक उप कुलपति थे | आज यह राजस्थान में शिक्षा का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है। देश-विदेश के विद्यार्थी यहाँ पढ़ने आते हैं। इसका परिसर जयपुर नगर में बापूनगर में स्थित है। इसके 6 संघटक कालेज, 11 मान्यता प्राप्त अनुसंधान केन्द्र, 37 स्नातकोत्तर विभाग हैं| 305 महाविद्यालय इससे जुड़े हैं| यह 37 विषयों में डाक्टरेट, 20 विषयों में एम.फिल, 48 विषयों में स्नातकोत्तर और 14 विषयों में स्नातक डिग्री देता है। इसे नेशनल एसेसमेंट ऐंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) NAAC ने A+ स्तर दिया है।
उद्देश्य
संपादित करेंदेश की जनता को शिक्षित करना।
उल्लेखनीय छात्र
संपादित करें- हनुमान बेनीवाल (नागौर सांसद व रालोपा सुप्रीमो )
- जगदीप धनकड़ ( उपराष्ट्रपति, भारत )
संघटक कालेज
संपादित करेंविभाग
संपादित करें- वनस्पति शास्त्र
- रसायन शास्त्र
- भौतिकी
- भूगोल
- जीव विज्ञान
- नृविज्ञान
- गणित
- भूगर्भ विज्ञान
- गृह विज्ञान
- मनोविज्ञान
- सांख्यिकी
- राजनीति विज्ञान
- समाजशास्त्र
- अर्थशास्त्र
- लोक प्रशासन।[1]
- कन्वर्जिंग तकनीक
- भौतिकी शिक्षा केन्द्र
- दक्षिण एशिया अध्ययन केन्द्र
- समाज विज्ञान अनुसन्धान केन्द्र
- गाँधी भवन
- अंग्रेज़ी विभाग
- हिन्दी विभाग
- संस्कृत विभाग
- दर्शन विभाग
- भारतीय इतिहास तथा संस्कृति विभाग
- जनसंचार तथा पत्रकारिता
- जैन अध्ययन केन्द्र
- लेखा तथा व्यापार
- व्यवसायिक अर्थशास्त्र
- अर्थशास्त्र तथा वित्तीय प्रबंधन
- शिक्षा
- पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान
- शारीरिक शिक्षा
- विधि
- चित्रकला
- नितिशास्त्र
सुविधाएं
संपादित करेंइस विश्वविद्यालय में 16 छात्रावास, एक आधुनिक खेल-परिसर (क्रीडा-संकुल), पुस्तकालय के छात्रावास भी है| [1] तथा तरणताल हैं|
इन्हें भी देखें
संपादित करें- डॉ॰ मोहन सिंह मेहता
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2012.