पाइक (सैनिक)

मध्यकालीन भारत में पैदल सैनिक

पाइक भारत में मध्यकाल के दौरान पैदल सैनिक थे। इनका उपयोग तीरंदाजी में विशेषज्ञता वाले आक्रामक और रक्षात्मक युद्ध में किया जाता था।

दिल्ली सल्तनत

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दिल्ली सल्तनत के शासन के दौरान, पाइक पैदल सैनिक थे जिनका उपयोग आक्रामक और रक्षात्मक युद्ध में किया जाता था। वे धनुर्विद्या में निपुण थे। इब्न बतूता द्वारा लिखित ग्रंथों में उल्लेख है कि पाइक को मुल्तान से भर्ती किया गया था और उन्हें तीरंदाजी की परीक्षा देनी थी। उनका वेतन निश्चित कर दिया गया था।[1]

बंगाल में पाइक जमींदारों के लिए कार्यरत थे। जीवनयापन के लिए उन्हें खेतिहरी भूमि दिया जाता था, जिसे पाइकन भूमि कहा जाता था। जंगल महल के अधिकांश पाइक आदिवासी थे, मुख्यतः भूमिज आदिवासी।[2] चुआड़ विद्रोह के दौरान, 1798-99 में पाइकन भूमि छीन जाने पर पाइकों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया था।[3]

औरंगजेब के आधिकारिक रिकॉर्ड में कहा गया है कि असम के राजा, रुद्र सिंहा ने 1714 में बंगाल से लड़ने के लिए लगभग 4 लाख पाइक एकत्र किए थे। 4 लाख पाइक में से 2.6 लाख कनरी पाइक या पैदल सैनिक थे। पाइक तटबंध बनाने, जंगल साफ़ करने, सड़कों, घरों, शाही महलों के निर्माण में लगे हुए थे और सैनिकों के रूप में कार्यरत थे।[4]

ओडिशा में, पाइक ब्रिटिश शासन तक राजाओं द्वारा नियुक्त पैदल सैनिक थे।[5] पाइक विद्रोह के दौरान, पाइकों ने 1817 में ओडिशा के खोर्धा में कंपनी शासन के खिलाफ विद्रोह किया।[6]

इन्हें भी देखें

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  1. Athar, Ali (1994). "The "Paik" in the Army of Delhi Sultans During the 13th Century (summary)". Proceedings of the Indian History Congress. 55: 404–406. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2249-1937.
  2. तलवार, वीर भारत (2008). झारखंड के अदिवासियों के बीच: एक एक्टीविस्ट के नोट्स. भारतीय ज्ञानपीठ. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1567-3.
  3. Chatterjee, Gouripada (1987). History of Bagree-Rajya (Garhbeta): With Special Reference to Its Anti-British Role, from Late 18th Century Till the Present Times (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-014-7.
  4. Gogoi, Jahnabi (2002). Agrarian System of Medieval Assam (अंग्रेज़ी में). Concept Publishing Company. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7022-967-4.
  5. "Soldiers' dance". www.telegraphindia.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-01-20.
  6. Singh, Harish Kumar (2017-06-07). Aadhunik Bharat Ka Itihash. Educreation Publishing.