प्रवेशद्वार:यूरोप
यूरोप उत्तरी गोलार्ध में स्थित एक महाद्वीप है। इसमे यूरेशिया के महाद्वीपीय भूभाग के सबसे पश्चिमी प्रायद्वीप शामिल हैं, और यह उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और पूर्व में एशिया से घिरा है। यूरोप को एशिया से आमतौर पर यूराल पर्वत, यूराल नदी, कैस्पियन सागर, ग्रेटर काकेशस, काला सागर और तुर्की जलडमरूमध्य के जलमार्ग द्वारा अलग माना जाता है। यूरोप पृथ्वि का लगभग २% भूभाग और ग्रह का लगभग ६.८% क्षेत्रफल घेरता है जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप बनाता है। इसमे ५० के लगभग सम्प्रभु राज्य हैं जिनकी यथार्थ संख्या यूरोपीय सीमा की अंतर्निहित परिभाषा तथा अस्पष्ट अन्तर्राष्ट्रीय पहचान वाले समावेशित अथवा अपवर्जित राज्यों पर निर्भर करती है। इन ५० राज्यों में रूस सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है, जो महाद्वीप के ३९% हिस्से में विस्त्ति है और आबादी का १५% है। यूरोप की जनसंख्या लगभग ७३.१ करोड़ है जो की विश्व की कुल जनसंख्या की लगभग ११% है। यूरोपीय जलवायु काफी हद तक गर्म अटलांटिक धाराओं से प्रभावित होती है जो महाद्वीप के अधिकांश भाग में सर्दी और गर्मी को कम करती है, उन अक्षांश रेखाओं पर भी जहाँ एशिया और उत्तरी अमेरिका में जलवायु गंभीर है। यूरोप पाश्चात्य संस्कृति की जन्मस्थली है। यूरोपीय देशों की १६वीं सदी के बाद से, विशेषकर औपनिवेशीकरण के बाद, वैश्विक घटनाओं में सर्वाधिक भूमिका रही है। १७वीं और १८वीं सदी तक यूरोपीय देशों ने अफ़्रीका, अमेरिका और एशिया के विशाल क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लिया था। प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वैश्विक मामलों में यूरोप की भूमिका का पतन हुआ और संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सोवियत संघ ने प्राधान्य प्राप्त किया। इन महाशक्तियों के मध्य यूरोप दो भागों में विभाजित हो गया। १९९१ में सोवियत संघ के विघटन के बाद पश्चिमी यूरोप में यूरोपीय संघ और यूरोपीय परिषद के नेतृत्व में यूरोपीय एकीकरण का पूर्व की ओर विस्तार हुआ। नवपाषाण युग और भारत-यूरोपीय प्रवास के समय, यूरोप में पूर्व और दक्षिण-पूर्व से मानव प्रवाह हुआ और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और भौतिक आदान-प्रदान देखा गया। यूरोपीय शास्त्रीय प्राचीनकाल के रूप में जाना जाने वाला काल प्राचीन यूनान के शहर-राज्यों के उद्भव के साथ शुरू हुआ।उसके बाद रोमन साम्राज्य का विस्तार पूरे भूमध्य द्रोणी पर हुआ। ४७६ ई. में रोमन साम्राज्य का पतन परंपरागत रूप से मध्ययुग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। १४वीं शताब्दी की शुरुआत में ज्ञान के पुनर्जागरण ने विज्ञान और धर्मशास्त्र में पारंपरिक सिद्धांतों को चुनौती दी।१९वीं श्ताब्दी में, औद्योगिक क्रांति के कारण ब्रिटेन और पश्चिमी यूरोप में खूब समृद्धि हुई। निर्वाचित परिदृश्य चित्र |