प्राचीन तमिल
प्राचीन तमिल (अंग्रेज़ी: Old Tamil ) 3री सदी ईसा पूर्व से 7वीं सदी ईसवी तक का तमिल भाषा का काल है। प्राचीन तमिल से पहले काल में तमिल भाषा का भाषिक विकास "पूर्व तमिल"(Pre Tamil) कहलाता है। प्राचीन तमिल के बाद तमिल भाषा मध्य तमिल बन जाती है। प्राचीन तमिल के सबसे पुराने अभिलेख 3री सदी ईसा पूर्व से 1ली सदी ईसा पूर्व में गुफाओं और मिट्टी के बरतनों से हैं। ये अभिलेख ब्राह्मी लिपि का तमिल-ब्राह्मी नाम के एक प्रकार में हैं।[1][4][5] प्राचीन तमिल में सबसे पुरानी लंबी कृति तोलकाप्पियम है, जो तमिल व्याकरण और काव्य पर एक पूर्व कृति है, जिस की सबसे पुरानी परतें 2री सदी ईसा पूर्व के मध्य तक की पुरानी हो सकती हैं।[6][7]
प्राचीन तमिल | |
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பழமையான தமிழ் | |
उच्चारण | pəɻəməjaːnə təmɨɻ |
बोलने का स्थान | तमिऴगम, प्राचीन भारत |
मातृभाषी वक्ता | – |
भाषा परिवार | |
लिपि | तमिल-ब्राह्मी, बाद में वट्टेऴुत्तु और पल्लव लिपि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | oty |
लिंग्विस्ट लिस्ट | oty |
साहित्यिक कृति
संपादित करेंप्राचीन तमिल के कई कृतियाँ भी बची हैं। इन में शामिल है 2,381 कविताएँ जो संगम साहित्य के नाम से जाने जाते हैं। ये कविताएँ आम तौर पर 1ली सदी ईसा पूर्व और 5वीं सदी ईसवी के बीच की मानी जाती हैं,[6] जो उन्हें भारत में सबसे पुरानी धर्मनिरपेक्ष कृति बनाती है।[8] प्रीचीन तमिल में अन्य साहित्यिक कृतियों में शामिल हैं तिरुक्कुरल, शिलप्पादिकारम, मणिमेकलई और 5वीं और 8वीं सदीयों के बीच लिखी गईं कई नैतिकता व नीति पर कृतियाँ।[6][7]
अभिलक्षण
संपादित करेंप्राचीन तमिल में आदि-द्रविड़ के कई अभिलक्षण संरक्षित रहे हैं, सहित पुनर्रचना की गई व्यंजन की सूची(consonant inventory)[9], अक्षर के रूप[10], और मुख़्तलिफ़ व्याकारणिक अभिलक्षण।[11] इन में से शामिल था एक विशिष्ट वर्तमान काल का न होना – आदिम-द्रविड़ की तरह, प्राचीन तमिल में सिर्फ़ दो काल थे, वर्तमान व "ग़ैर-वर्तमान"। प्राचीन तमिल में एक अलग नकारात्मक क्रियारूप भी था, उदाहरणार्थ /काणेऩ्/ காணேன் "मैं नहीं देखता" या /काणोम्/ காணோம் "हम नहीं देखते"। संज्ञाएँ सार्वनामिक संयोजक परप्रत्यय(pronomial copulaic suffixes) ले सकती थीं, उदाहरणार्थ /पॆण्डिरेम्/ பெண்டிரேம் जो /पॆण्डिर्/ यानी "औरतें" और बहुवचन उत्तम पुरुष चिह्नक(first person plural marker) /एम्/ से बना है।
संदर्भित साहित्य
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- ↑ अ आ Mahadevan, I.Early Tamil Epigraphy p.91-94
- ↑ Mahadevan, I.Tamil-Brahmi Inscriptions p.1-12
- ↑ Souler, B. Handbook of Oriental Studies p.44
- ↑ Government of Tamilnadu, Department of Archeology. "Keeladi, Excavation Report, Urban Settlement, Sangam Age, River Vaigai". अभिगमन तिथि 27 December 2020.
- ↑ Vishnupriya, Kolipakam (2018). "A Bayesian phylogenetic study of the Dravidian language family". Royal Society Open Science. 5 (3): 171504. PMID 29657761. डीओआइ:10.1098/rsos.171504. पी॰एम॰सी॰ 5882685. बिबकोड:2018RSOS....571504K.
- ↑ अ आ इ Lehmann 1998
- ↑ अ आ Zvelebil, K. The Smile of Murugan: On Tamil Literature of South p.XX
- ↑ Tharu & Lalita 1991
- ↑ Krishnamurti 2003, पृष्ठ 53
- ↑ Krishnamurti 2003, पृष्ठ 92
- ↑ Krishnamurti 2003, पृष्ठ 182–193
सन्दर्भ
संपादित करें- Iravatham, Mahadevan (2003). Early Tamil Epigraphy. Harvard University Department of Sanskrit and Indian Studies. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-674-01227-1.
- Iravatham, Mahadevan (1970). Tamil-Brahmi Inscriptions. State Department of Archaeology, Government of Tamil Nadu.
- Krishnamurti, Bhadriraju (2003). The Dravidian Languages (अंग्रेज़ी में). Cambridge University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-05-11-48687-6.
- Lehmann, Thomas (1998). Sanfordr, Steever (संपा॰). The Dravidian Languages. Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-04-15-41267-4.
- Steever, Sanford (1998), "Introduction", प्रकाशित Steever, Sanford (संपा॰), The Dravidian Languages, London: Routledge, पपृ॰ 1–39, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-415-10023-6
- Spuler, Bertold (1975). Handbook of Oriental Studies. BRILL Academic. पृ॰ 44. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 90-04-04190-7.
- Tharu, Susie; Lalita, Ke, संपा॰ (1998). Women Writing in India: 600 B.C. to the Present, II: The Twentieth Century. CUNY. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-15-58-61028-6.
- Zvelebil, Kamil (1973). The Smile of Murugan: On Tamil Literature of South India (अंग्रेज़ी में). BRILL. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-90-04-03591-1.