प्रेमानंद जी गोविंद शरण
प्रेमानंद गोविंद शरण (जन्म: अनिरुद्ध कुमार पांडे, 1972)[1]जिन्हें उनके अनुयायी प्रेमानंद के नाम से जानते हैं, एक भारतीय हिंदू गुरु हैं [2]। वह राधा कृष्ण के उपासक हैं। प्रेमानंद राधावल्लभ संप्रदाय से हैं। [3]
प्रारंभिक वर्षों
संपादित करेंप्रेमानंद जी का जन्म 1972 में कानपुर के पास सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में रमा देवी और शंभू पांडे के घर हुआ था[4]। 13 साल की उम्र में उन्होंने अपना पैतृक घर छोड़ दिया और संन्यास ले लिया।[5]
आध्यात्मिक शिक्षा
संपादित करेंब्रह्मचर्य की दीक्षा लेने और संन्यास की प्रतिज्ञा लेने के बाद, उन्हें आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी नाम दिया गया, जिन्होंने उसके बाद संन्यास स्वीकार कर लिया। महावाक्य स्वीकार करने पर उनका नाम स्वामी आनन्दाश्रम रखा गया। उन्होंने अपना अधिकांश प्रारंभिक जीवन वाराणसी में गंगा के तट पर एक आध्यात्मिक साधक के रूप में बिताया। बनारस में पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान करते समय एक संत ने उनसे अगले दिन रास लीला देखने का बार-बार अनुरोध किया, जिसे प्रेमानन्द महाराज ने भगवान की इच्छा मानकर अनिच्छा से स्वीकार कर लिए ।उन्होंने राधावल्लभी सम्प्रदाय में शरणगती मंत्र प्राप्त करके आरंभ किये और अपने वर्तमान सद्गुरुदेव पूज्य श्री हित गौरांगी शरणजी महाराज या बड़े गुरुजी से मुलाकात की। बड़े गुरुजी ने उन्हें "निज मंत्र" दिया, जो "सहचरी भाव" और "नित्य विहार रस" की दीक्षा है, जिससे उन्हें रसिक संतों में प्रवेश मिला।[6][7]
गुरु
संपादित करेंएक राधावल्लभी गोस्वामी जी ने महाराज को "शरणगति मंत्र" के माध्यम से राधावल्लभी संप्रदाय में दीक्षित किया। कुछ दिनों बाद, पूज्य श्री गोस्वामी जी के आग्रह पर, महाराज जी अपने वर्तमान सद्गुरुदेव, पूज्य श्री हित गौरांगी शरणजी महाराज, जिन्हें बड़े गुरुजी भी कहा जाता है, से मिले, जो सहचरी भव के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध संतों में से एक थे। पूज्य श्री हित गौरांगी शरणजी महाराज ने उन्हें "निज़ मंत्र" दिया, जो "सहचरी भाव" और "नित्य विहार रस" की दीक्षा है। इस प्रकार पूज्य महाराज जी रसिक संतों में प्रवेश कर गये।[8] [7]
ट्रस्ट
संपादित करेंश्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट वृन्दावन 2016 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है। राज्य के ट्रस्ट का उद्देश्य समाज और उसके लोगों की बेहतरी और उत्थान के लिए काम करना है। यह वृन्दावन धाम के तीर्थयात्रियों को वास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा देखभाल और अन्य आवश्यकताएं प्रदान करता है।[9][10]
प्रारंभिक चरण से ही उन्होंने आश्रम के पदानुक्रमित जीवन का विरोध करने की बात कही है। वह चर्चा करते हैं कि आध्यात्मिकता जीवन, अस्तित्व और सत्य का सार है[11] और इस बात पर जोर दिया कि हर किसी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व है।[12] आध्यात्मिक शक्ति व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखती है। एक नकारात्मक चरित्र बहुत खतरनाक हो सकता है, अपना चरित्र खराब ना करे।[13] ब्रह्मचर्य की अमूल्य संपत्ति को सुरक्षित रखें, जो स्वस्थ, संतुलित और आध्यात्मिक रूप से उन्मुख जीवन जीने में बहुत सहायता करती है।[14]
संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- विकिमीडिया कॉमन्स पर प्रेमानंद गोविंद शरण से सम्बन्धित मीडिया
- ↑ "प्रेमानंद महाराज के गुरु कौन हैं? जिन्होंने सिखाया प्रेम मार्ग पर चलना". www.aajtak.in. 2024-02-06. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "Growing inclination towards more inclusive and personal understanding of spirituality: Shri Premanand Govind Sharan Ji Maharaj". The Times of India. 2024-02-01. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-8257. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ R.Bharat (2024-03-30). "R.Bharat". https://www.republicbharat.com/ (IN में). अभिगमन तिथि 2024-10-14.
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में बाहरी कड़ी (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link) - ↑ Live, A. B. P. (2023-08-02). "प्रेमानंद जी महाराज का क्या है असली नाम, कैसे बनें संन्यासी, जानिए वृंदावन वाले प्रेमानंद महारा". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ www.lokmatnews.in https://www.lokmatnews.in/spirituality/pujya-shri-premanand-ji-maharaj-remains-guide-for-spiritual-seekers-sitting-in-vrindavan-dham-b507/. अभिगमन तिथि 2024-10-14. गायब अथवा खाली
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(मदद) - ↑ "प्रेमानंद महाराज के गुरु कौन हैं? जिन्होंने सिखाया प्रेम मार्ग पर चलना". www.aajtak.in. 2024-02-06. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ अ आ "Premanand Maharaj: A Spiritual Guide from Vrindavan". Bru Times News (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "The Spiritual Journey Of Premanand Govind Sharan Ji Maharaj". Free Press Journal (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "अंदर से ऐसा दिखता है प्रेमानंद महाराज का आश्रम 'राधा केली कुंज', देखें PHOTOS". www.aajtak.in. 2024-02-20. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ Desk, I. B. T. (2024-05-18). "Radha Keli Kunj Vrindavan: The foremost spiritual awakening organization". www.ibtimes.co.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ Raj, Ritik. "Spiritual Subtleness: Premanand ji Maharaj". DNA India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "समस्त शास्त्रों में गुरु की उपयोगिता तथा महत्ता : प्रेमानंद गोविन्द शरण महाराज | mathura-vrindavan-premanand-maharaj-guru". Patrika News. 2024-02-02. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "आपसी रिश्तों में क्यों आ रही दरार? प्रेमानंद महाराज ने युवाओं को दी खास सलाह". Zee News Hindi. 2024-04-13. अभिगमन तिथि 2024-10-14.
- ↑ "Reviving the Tradition of Brahmacharya: A Call for Modern Youth | Importance of Celibacy in Today's Society". Outlook India (अंग्रेज़ी में). 2024-03-23. अभिगमन तिथि 2024-10-14.