फेराइट

विभिन्न प्रकार के स्टील का एक रूप

फेराइट (ferrite) सिरामिक चुम्बकीय पदार्थ हैं। इनकी वैद्युत प्रतिरोधकता (लगभग 106 Ohm-m) बहुत अधिक होती है। इस कारण अधिक आवृत्ति पर काम करने वाले ट्रान्सफार्मर एवं प्रेरकत्व (चोक) के निर्माण में इनका उपयोग किया जाता है क्योंकि अधिक प्रतिरोधकता के कारण इनमें भंवर-धारा-हानियाँ बहुत कम होतीं हैं। इनके स्थायी चुम्बक भी बनाये जाते हैं।

फेराइट के बने स्थायी चुम्बक

प्रमुख विशेषताएँ संपादित करें

 
फेराइट का क्रिस्टल जिसमें भूरे रंग वाले लोहे के परमाणु है तथा नीले रंग वाले कार्बन के परमाणु

फेराइट तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण पदार्थ है क्योंकि उनके विद्युत और चुम्बकीय दोनो ही गुण उपयुक्त हैं। इसलिए फेराइट का उपयोग चुम्बकीय, इलेक्ट्रॉनिक और माइक्रोवेव युक्तियों के निर्माण में होता है। इनकी उच्च विद्युत प्रतिरोधकता, नगण्य भंवर धारा ह्रास तथा नगण्य डाईलेक्ट्रिक ह्रास, उच्च पारगम्यता (permeability), उच्च सचुरेशन चुंबकत्व, उच्च क्यूरी ताप, रासायनिक स्थिरता, निर्माण में आसानी, कम लागत आदि फेराइट के महत्वपूर्ण गुण जो उन्हें कई कार्यों के लिए उपयोगी बनाते हैं। इसका डाइलेक्ट्रिक स्थिरांक भी अधिक होता है जिससे सर्कुलेटर आदि में यह विशेष उपयोगी बन जाता है।

  • फेराइट एक प्रकार का 'ठोस विलयन' है और लोहा इसका प्रमुख अवयव (constituent) है।
  • फेराइट की क्रिस्टल संरचना 'बॉडी सेन्टर्ड क्यूबिक' (Body Centered Cubic) होती है।
  • उच्च विद्युत प्रतिरोधकता -- लगभग 108 ओम-मीटर
  • ऊष्मा चालकता -- लगभग 4 x 10-3 Jmm-1s-1K-1
  • रैखिक प्रसार गुणांक -- लगभग 10-5 प्रति केल्विन
  • सामर्थ्य (strength) = 280 N/mm2
  • कठोरता ७० से ९० ब्रिनेल
  • लम्बाई में प्रतिशत वृद्धि (% elongation) = लगभग ४०%
  • माइल्ड स्टील (लगभग 0.2 wt% कार्बन से युक्त कार्बन स्टील) में मुख्यतः फेराइट ही होता है।

उपयोग संपादित करें

 
फेराइट के विभिन्न आकार-प्रकार के कोर, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में ट्रान्सफॉर्मर, और चोक आदि बनाने में होता है।

अल्फा फेराइट तथा डेल्टा फेराइट संपादित करें

 
लोहा-कार्बन का फेज-आरेख

सन्दर्भ संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें