बांदीकुई

बाँदीकुई भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में एक शहर हैऔर प्रसिद्ध नगर है।
(बाँदीकुई से अनुप्रेषित)

बाँदीकुई भारत के राजस्थान राज्य के दौसा जिले में एक उपखंड , तहसील, पंचायत समिति , विधानसभा क्षेत्र , नगर पालिका और प्रसिद्ध नगर है।[1]

बाँदीकुई
Bandikui
रेल नगरी
नगर
बाँदीकुई is located in राजस्थान
बाँदीकुई
बाँदीकुई
राजस्थान में स्थित
निर्देशांक: 27°03′N 76°34′E / 27.05°N 76.57°E / 27.05; 76.57निर्देशांक: 27°03′N 76°34′E / 27.05°N 76.57°E / 27.05; 76.57
देश भारत
प्रांतराजस्थान
जिलादौसा
शासन
 • प्रणालीराजस्थान सरकार
 • सभानगर पालिका
क्षेत्र26 किमी2 (10 वर्गमील)
ऊँचाई280 मी (920 फीट)
जनसंख्या (2023)
 • कुल65,800
 • घनत्व2,500 किमी2 (6,600 वर्गमील)
भाषा
 • आधिकारिकहिन्दी,ढूँढाड़ी,जैपुरी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+५:३०)
पिन303313
दुरभाष कुट01420
वाहन पंजीकरणRJ 29 (आरजे २९)

इतिहास संपादित करें

रियासत काल में बांदीकुई ढूढाड (जयपुर) रियासत में आता था। वर्तमान बांदीकुई का स्वरूप राजस्थान में रेल आगमन के साथ अस्तित्व में आया।20 अप्रैल 1874 में आगरा फोर्ट एवम बांदीकुई के मध्य तत्कालीन राजपुताना में पहली ट्रैन चली। उसके बाद तत्कालीन जयपुर महाराजा सवाई माधोसिंह जी ने यहां पर माधोगंज के नाम से अनाज मंडी की स्थापना की। व्यापार और रेल आवागमन के कारण बांदीकुई ने कालांतर में एक शहर का रूप ले लिया। कुल मिलाकर यही कहना सही होगा कि बांदीकुई के विकास की नींव रेल ही है। इस लिए बांदीकुई को रेल नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर भारत की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनी है बांदीकुई का जंक्शन अति सुंदर और मनोरम है। यहां की सुंदरता और स्वच्छता आगंतुकों के मन को बहुत लुभाती है रेलवे कॉलोनी बांदीकुई बहुत सुंदर है जिसमें गांधी ग्राउंड, रेलवे पार्क, सुभाष चंद्र बॉस पार्क बना हुआ है। यहां पर आरपीएफ का ट्रेनिंग सेंटर है जो नए भर्ती होने वाले आरपीएफ जवानों का भर्ती स्थल भी है और यहां पर भर्ती होने वाली नये आरपीएफ जवानों की ट्रेनिंग भी करवाई जाती है ।। वर्तमान में बांदीकुई शहर की आबादी लगभग 75 हजार है। यहाँ की नगरपालिका 40 वार्डो में विभक्त है। यह शहर रेलवे का बड़ा जक्शन है जहाँ से पूरे देश के लिए ट्रेन उपलब्ध है। बांदीकुई देश में पर्यटन की दृष्टि से गोल्डन ट्राइएंगल दिल्ली, जयपुर और आगरा के मध्य अवस्थित है। यहाँ से दिल्ली 200 किमी, जयपुर 90 किमी और आगरा 150 किमी दूर है। भरतपुर और अलवर क्रमशः 90 और 60 किमी दूर है। बांदीकुई सावा नदी के किनारे अवस्थित है। दर्शनीय स्थल- 1.आठवीं सदी में निर्मित चांद बावड़ी और हर्षद माता का मंदिर।

2.मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर। यहां पर बुरी आत्माओं को जो किसी व्यक्ति या औरत आदि के शरीर में प्रवेश कर जाती है उसको हटा कर उनका इलाज किया जाता हैं बालाजी की कृपा से।

3. ब्रिटिशकालीन प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक चर्च। यह अं ग्रेजो द्वारा बनाया गया प्राचीन चर्च है जिसे देखने के लिए इनके वंशज आज भी बांदीकुई आते रहते है यह raliway कॉलोनी में स्थित है।

4. झांझीरामपुरा बांदीकुई से लगभग 12 किमी की दूरी पर बसवा तहसील में पहाड़ियों के नीचे स्थित है जहां शिवजी ,हनुमानजी के मंदिर है एवं गोमुख है जिसमें से हमेशा पानी आता रहता है। इससे थोड़ा आगे अलेवा के झरने है जहां लोग अक्सर पिकनिक मनाने जाते हैं।

5. यहाँ से सरिस्का बाघ अभ्यायरण भी घुमा जा सकता है। सरिस्का से पहले बांदीकुई की और से अलवर जाते समय रास्ते में प्रसिद्ध नारायणी माता का मंदिर आता है जो नाई समाज की कुल देवी मानी जाती है ।

जयपुर से आगरा जाने वाला nh-21 बांदीकुई के पास सिकंदरा से होकर गुजरता है एनएच 21 से बांदीकुई पहुंचना बहुत आसान है बांदीकुई से गुढा कटला को जाने वाली रोड पर अति सुंदर और भव्य राम मंदिर बना हुआ है जो प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है । बांदीकुई नव निर्मित तहसील है इसका कार्यालय संत फ्रांसिस स्कूल के सामने से भारत विधा मंदिर स्कूल के पास से जाने वाले रोड पर आशापुरा में स्थित है यहां पर तहसील संबंधी सारे कार्य किए जा सकते हैं।बांदीकुई के पास से ही दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे गुजरता है।बांदीकुई के पास ही गांव करनावर में सांवलिया सेठ(श्याम बाबा)का भव्य मंदिर स्थिति है जो अरावली पर्वत की पहाड़ियों में विराजमान है।बांदीकुई के बसवा तहसील में राणा सांगा का प्रचीन चबूतरा विराजमान है। बांदीकुई (Bandikui) राजस्थान राज्य के दौसा जिले का एक शहर है। यह दिल्ली, जयपुर और आगरा के गोल्डन ट्राइएंगल के बीच स्थित है।

यह रेलवे का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है और इसे "रेल नगरी" के रूप में भी जाना जाता है। भारत की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनियों में से एक बांदीकुई में स्थित है।

बांदीकुई के विकास का श्रेय रेलवे को दिया जाता है। 1874 में आगरा फोर्ट और बांदीकुई के बीच पहली ट्रेन चली थी। इसके बाद जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह ने यहां पर माधोगंज नामक अनाज मंडी की स्थापना की। धीरे - धीरे व्यापार और रेल आवागमन के कारण बांदीकुई एक शहर का रूप ले लिया।

वर्तमान में बांदीकुई शहर की आबादी लगभग 75 हजार है। यह शहर पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली, जयपुर, आगरा, भरतपुर और अलवर जैसे प्रमुख शहर बांदीकुई से कुछ ही दूरी पर स्थित हैं। "बांदीकुई " एक हिंदी शब्द है जो वास्तव में "बाँध किया गया है" का अर्थ करता है। यह शब्द कई अर्थों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि एक व्यक्ति या वस्तु को किसी विशेष स्थिति में बाँध देना, निर्देश देना, नियंत्रण में रखना या विशेष प्रकार के शास्त्रीय या चिकित्सात्मक प्रक्रिया के माध्यम से संशोधित करना। इस शब्द का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, आदि में।

दर्शनीय स्थल संपादित करें

  • झाझीरामपुरा
  • आभानेरी बांदीकुई से दूरी मात्र 05 कि.मी.
  • चाँद बावड़ी
  • हर्षद माता मन्दिर
  • मेहंदीपुर बालाजी बांदीकुई से दूरी मात्र 30 कि.मी.
  • [भेरू बाबा] चकरेवासा में स्थित (बांदीकुई से दूरी 5 कि.मी)
  • नंदेरा की डूंगरी
  • सिकन्दरा
  • कालाखो झील
  • गणेश मन्दिर
  • सांवलिया जी मंदिर करनावर
  • अनंत श्री दुर्बल नाथ आश्रम बांदीकुई।
  • वेदांत सतसंग आश्रम लीलोज
  • गुढा-कटला का किला (मिट्टी के टिले ऊपर)
  • राम मंदिर बांदीकुई
  • राणा सांगा की छतरी बसवा (मृत्यु स्थल)
  • भैरू जी महाराज डूंगरी वाले (गादरवाड़ा गूजरान)
  • श्री रामेश्वरम मंदिर गुढ़ा-कटला
  • मांगा सिद्ध बाबा, बिवाई

द्वारापुरा:- बाग वाले बालाजी

•लीलोज:- नीलगिरी मुखारविंद किले वाले बालाजी महाराज मंदिर हनुमतगढ़ लीलोज धाम (बांदीकुई से दूरी मात्र 5km)

बान्दीकुई घूमने के लिए एक दिलचस्प जगह है, लेकिन यह अपने आप में कोई प्रमुख पर्यटन स्थल नहीं है. हालांकि, यह पेशकश करने के लिए कुछ चीजें करता है और आसानी से अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के पास स्थित है. यहाँ एक टूटने वाला है:

बान्दीकुई खुद:

  • राजस्थान में एक प्रमुख रेलवे जंक्शन के रूप में जाना जाता है, दिल्ली-जयपुर मार्ग पर यात्रियों के लिए एक अच्छा रुकने का स्थान है। Opens in a new windowindiarailinfo.com Bandikui Railway Station
  • अपने भुने हुए मूंगफली के लिए प्रसिद्ध है।
  • ऐतिहासिक महत्व: अपने स्थान के कारण व्यापारियों के लिए एक बैठक बिंदु के रूप में स्थापित किया गया।

बान्दीकुई के पास देखने लायक चीजें:

  • चाँद बावड़ी: अहाणेरी गांव के पास स्थित एक विशाल और सुंदर बावड़ी। Opens in a new windowen.wikipedia.org Chand Baori, Abhaneri
  • किले: राजस्थान अपने किलों के लिए प्रसिद्ध है, और बान्दीकुई से दिन की दूरी के भीतर कई किले हैं, जिनमें भानगढ़ का किला, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर और आमेर का किला (जयपुर में) शामिल हैं। Opens in a new window en.wikipedia.org Mehandipur Balaji Temple
  • सारिस्का राष्ट्रीय उद्यान: विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर, जिनमें बाघ, तेंदुए और पक्षी शामिल हैं। Opens in a new windowtraveltriangle.com Sariska National Park

आपकी यात्रा की योजना बनाने में आपकी सहायता करने के लिए यहां कुछ संसाधन दिए गए हैं:

  • बान्दीकुई में पर्यटक आकर्षण: [बान्दीकुई में पर्यटक स्थल ON Justdial justdial.com] (हिंदी में)
  • ट्रिपएडवाइजर पर बान्दीकुई पर्यटन: [ट्रिपएडवाइजर बान्दीकुई ON tripadvisor.in]

क्या आप बान्दीकुई के पास इनमें से किसी भी स्थान के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, या आप कुछ और खोज रहे हैं ?

[1] BANDIKUI RAJASTHAN बांदीकुई राजस्थान Bandikui City Bandikui Dausa - YouTube

https://www.youtube.com/watch?v=fYcJFKaL810&t=23s&pp=ygVE4KSs4KS-4KSC4KSm4KWA4KSV4KWB4KSIIOCksOCkvuCknOCkuOCljeCkpeCkvuCkqCDgpKrgpLDgpY3gpK_gpJ_gpKg%3D

चांद बावड़ी आभानेरी राजस्थान❤️✌️#shorts #facts #rajasthan #history (youtube.com)

तकनिकी शिक्षा संस्थान संपादित करें

शैक्षिक संस्थान संपादित करें

विद्यालय

  • दिल्ली पब्लिक स्कूल, बांदीकुई
  • बचपन ए प्ले स्कूल & एकेडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल ,बांदीकुई
  • सरस्वती विद्या विहार , बांदीकुई
  • आर्य आदर्श विद्या मंदिर, कुटी, बांदीकुई
  • बी॰ एन॰ जोशी उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाँदीकुई*
  • सरस्वती शिक्षा निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय, जागीर बाँदीकुई
  • सैनी आदर्श विद्या मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, जागीर बाँदीकुई
  • सेंट फ्रांसीस इंग्लिस मिडियम स्कूल
  • सीनियर सेकेंडरी रेलवे स्कूल बांदीकुई
  • ज्योतिबा फुले आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय
महाविद्यालय
  • श्री राजेश पायलट राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बसवा मार्ग, बांदीकुई
  • सैनी आदर्श विद्या मन्दिर स्नातकोत्तर महाविद्यालय
  • केंद्रीय विद्यालय बांदीकुई(KVS)

इन्हें भी देखें संपादित करें

  • दौसा ज़िला मुख्यालय ,बांदीकुई से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित है यह संत सुन्दर दास जी की नगरी है। इसका राजस्थान सरकार द्वारा पैनोरमा बनाया गया है। दौसा का रेलवे स्टेशन के आदर्श रेलवे स्टेशनों में शामिल है। यहां प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव का मंदिर है। जो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। जो दूर से ही दिखाई देता है। सभी सरकारी उच्च कार्यालय यहां अवस्थित है।

मिठाई=दौसा की प्रसिद्ध मिठाई डोवठा है जो पुराने बस स्टैंड गांधी तिराहे के पास एक मात्र दुकान पर बनाए जाते हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "जनजातीय मामले मंत्रालय". मूल से 11 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 जून 2013.