बारहठ

भारतीय उपाधि एवं उपनाम

बारहठ (IAST: Bārahaṭha) चारणों की एक सम्मानजनक उपाधि है। इसे 'बारहट' अथवा 'बारेठ' भी लिखा जाता है।[1] मध्यकालीन भारत में शाही दरबारों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त होने वाले प्रमुख चारणों को यह उपाधि दी जाती थी। यह रोहड़िया वंश के चारणों के साथ-साथ सौदा जैसे अन्य कुल के चारणों द्वारा भी उपनाम के रूप में प्रयोग किया जाता है।[2][3][4]

शब्द-उत्पत्ति

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बारहठ शब्द "द्वार-पति " या "द्वार-हठ " से उत्पन्न हुआ है। इसका अर्थ 'द्वार के संरक्षक' के रूप में है।[5]

'बारहठ' चारणों की एक अन्य प्राचीन उपाधि 'प्रोलपात' या 'पोलपात' का पर्याय है, जिसका अर्थ भी 'द्वार का संरक्षक' है। उन्हें 'राजपूत चरित्र के संरक्षक' के रूप में वर्णित किया गया है, जिनके द्वारा लिखे काव्य और इतिहास ने वीरता, निष्ठा और सम्मान को परिभाषित किया था।[6] युद्ध के समय किले की घेराबंदी हो जाने पर, बारहठ चारण 'रक्षा की पहली पंक्ति' बनकर खड़े होते थे।[7][8]

बारहठ, विश्वसनीय चारण को दी गई एक उपाधि, जो घेराबंदी के समय, किले के मुख्य द्वार (प्रोल) पर उपस्थित होकर और इसके बचाव में लड़कर और अपनी जान देने वाले प्रथम व्यक्ति होते थे।[9]

उल्लेखनीय लोग

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  1. Datta, Amaresh (1987). Encyclopaedia of Indian Literature: A-Devo (अंग्रेज़ी में). Sahitya Akademi. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-260-1803-1. Some others are known by the surname Barahatha, essentially an honorific title, their sub-castes being separately counted along with others. Barahatha Kesarisinha (of Sauda sub caste); Barahatha Ummedarama (of Palhawata sub-caste) and Barahatha Narharidasa (of Rohadiya sub-caste) are some such names.
  2. Jain, Pratibha; Śarmā, Saṅgītā (2004). Honour, Status & Polity (अंग्रेज़ी में). Rawat Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7033-859-8. The Charans who occupied significant positions in the courts of the rulers were known as Barhats. In Mewar, the descendants of Baru Charan, who came to be known as Sauda Barhats, acquired prominence on account of Baru's timely...
  3. Snodgrass, Jeffrey Gore (1997). Big Words, Little People: Cash and Ken in Modern Rajasthan (अंग्रेज़ी में). University of California, San Diego. Bharat, which is a common name of the Charans, a high-caste bardic group.
  4. Mehta, Balwant Sinha; Mehta, Jodh Sinha (1971). Pratap, the Patriot: With a Concise History of Mewar and Its Missing Links (अंग्रेज़ी में). Pratap Institute of Historical Research. Baru, too, accompanied Hamir and after independence of Mewar, he was made the Barhat (the premier Charan) whose descendants are known as Sauda Barahats of Mewar.
  5. Mahārāṇā Pratāpa ke pramukha sahayogī. Rājasthānī Granthāgāra. 1997.
  6. Vinay, Srivastava (2004). Methodology and Fieldwork (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-566727-1.
  7. Ziegler, Norman P. (1976). "The Seventeenth Century Chronicles of Mārvāṛa: A Study in the Evolution and Use of Oral Traditions in Western India". History in Africa. 3: 127–153. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0361-5413. डीओआइ:10.2307/3171564.
  8. Ziegler, Norman P. (1976-04). "Marvari Historical Chronicles: Sources for the Social and Cultural History of Rajasthan". The Indian Economic & Social History Review (अंग्रेज़ी में). 13 (2): 219–250. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0019-4646. डीओआइ:10.1177/001946467601300204. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  9. Saran, Richard; Ziegler, Norman P. (2020-08). The Mertiyo Rathors of Merto, Rajasthan: Select Translations Bearing on the History of a Rajput Family, 1462-1660, Volumes 1-2 (अंग्रेज़ी में). University of Michigan Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-472-03821-3. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)