जीवविज्ञान में बीजाणु (spore) लैंगिकअलैंगिक प्रजनन की एक संरचना है जिसे कोई जीव या जीव जाति स्वयं को फैलाने (प्रकीर्णन करने) या विषम परिस्थितियों में दीर्घकाल तक जीवित रहने के लिये बनाती है। बीजाणु बहुत से पौधों, शैवाल (ऐल्गी), कवक (फ़ंगस) और प्रोटोज़ोआ के जीवनचक्र का महत्वपूर्ण भाग होता है।[1] बैक्टीरिया (जीवाणु) के भी बीजाणु बनते हैं, जो अंतर्बीजाणु (endospore) कहलाते हैं, जो किसी प्रजनन चक्र का भाग नहीं होते, बल्कि कठिन परिस्थितिओं में बैक्टीरिया को जीवित रखने के लिए बना एक निष्क्रय सिकुड़ा ढांचा होता है। कुछ परजीवी अन्य जीवों के शरीरों में अलग-अलग प्रकार से बीजाणु डाल देते हैं, जो उन जीवों के भीतर विकसित होते हैं।[2]

कवक द्वारा बीजाणु प्रकीर्णित किये जा रहे हैं
'एगारिकस बिस्पोरस' नामक कवक के बीजाणु, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखने पर
'एगारिकस बिस्पोरस' नामक कवक के बीजाणु, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखने पर

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Tree Of Life Web Project". मूल से 5 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जुलाई 2018.
  2. "Myxozoa." Tree of Life web project. Ivan Fiala 10 July 2008. Web. 14 Jan. 2014. <http://tolweb.org/Myxozoa/2460 Archived 2015-02-16 at the वेबैक मशीन>