बूलीय फलन
गणित और तर्कशास्त्र में बूलीय फलन (Boolean function), ƒ : Bk → B, के तरह का फलन है, जहाँ B = {0, 1} इसका बूलीय डोमेन है और k एक शून्य या धनात्मक पूर्णांक है। k को फलन का arity कहते हैं। जब k = 0, होने पर यह फलन वस्तुतः B का नियत अवयव होता है। बूलीय फलन को 'स्विचिंग फलन' (switching function) भी कहते हैं।
उपयोग
संपादित करेंबूलीय फलनों के अनेक उपयोग हैं। इन फलनों का उपयोग अंकीय परिपथों (डिजिटल सर्किट्स) की डिजाइन में किया जाता है। अतः आधुनिक चिपों (माइक्रोप्रोसेसर, डीएसपी, माइक्रोकन्ट्रोलर आदि की डिजाइन में बूलीय फलन बहुत उपयोगी हैं। इसी प्रकार जटिलता सिद्धान्त (complexity theory) के प्रश्नों के उत्तर के लिए इनका उपयोग होता है। बीजीय फलनों के गुणधर्मों का बीज-लेखन के क्षेत्र में में महत्वपूर्ण भूमिका होती है (विशेषतः सममित कुंजी कलन-पद्धति (symmetric key algorithm) के डिजाइन में)।
बूलीय फलनों का निरूपण
संपादित करें- बीजगणितीय निरूपण
- सत्यता सारणी (ट्रुथ टेबल) के द्वारा
- चित्रात्मक निरूपण
- अंकीय निरूपण
बीजीय निरूपण
संपादित करें- कुछ उदाहरण
- F = [(A + BC’)’ + ABC]’ + AB’C
- F = A’BC’ + AB’C’ + AB’C + ABC’
- F = (A + B + C)(A + B + C’)(A + B’ + C’)(A’ + B’ + C’)
- F = BC’ + AB’
- F = (A + B)(B’ + C’)
- F = [(BC’)’(CB)´ (AB’)’]’
- F = [(A + B)’ + (B’ + C’)’]’
सत्य सारणी द्वारा निरूपण
संपादित करेंबूलीय फलन
- F = A’BC’ + AB’C’ + AB’C + ABC’
को सामने दिए गए सत्यता सारणी द्वारा निरूपित किया गया है।