बृहद्धर्म पुराण ( संस्कृत: बृहद्धर्म पुराण : बृहद्धर्म पुराण

हिन्दू धार्मिक ग्रंथ
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ग्रन्थों का वर्गीकरण

श्रुति · स्मृति


, Bṛhaddharma Purāņa ) एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है, जिसने खुद को (I.25.26) 18 उपपुराणों में से अंतिम के रूप में वर्गीकृत किया है। मौजूदा पाठ में तीन खंड (भाग) शामिल हैं: पूर्वखान, मध्यखान और उत्तरखान । असामान्य अर्थ वाले संस्कृत शब्दों के प्रयोग और बंगाल में प्रचलित संस्कृत कहावतों के आधार पर अनेक आधुनिक विद्वानों का मत है कि यह ग्रन्थ बंगाल में लिखा गया था। आधुनिक विद्वान आर सी हाजरा के अनुसार इस ग्रन्थ की रचना 13वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हुई थी। [1] उन्होंने इसे एक गैर-सांप्रदायिक उपपुराण के रूप में वर्गीकृत किया। [2]

  1. Rocher (1986).
  2. Hazra (2003).