बोड़ो-गारो भाषाएँ
पूर्वी भारत में बोली जाने वाली चीन-तिब्बती भाषा के एक छोटे से परिवार हैं
बोड़ो-गारो भाषाएँ (Bodo–Garo languages) पूर्वी भारत में बोली जाने वाली कुछ भाषाओं का एक परिवार है।[1][2]
बोड़ो-गारो | |
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बोड़ो | |
भौगोलिक विस्तार: |
भारत |
भाषा श्रेणीकरण: |
चीनी-तिब्बती
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उपश्रेणियाँ: |
बोड़ो
गारो
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शाखाएँ व भाषाएँ
संपादित करेंइसकी दो प्रमुख शाखाएँ हैं:
- बोड़ो - बोड़ो, डिमासा, तिवा (लालुंग), त्रिपुरी (कोकबरोक, रियांग, उसोई), कछारी, मोरान (विलुप्त), हाजोंग
- गारो - गारो, मेगम
बोड़ो को असम में सरकारी दर्जा प्राप्त है। त्रिपुरी (कोकबरोक) त्रिपुरा की एक आधिकारिक भाषा है। मेगम पर खसिक भाषाओं का गहरा प्रभाव है।