बोड़ो या बड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश मे रहने वाले बोडो लोग बोलते हैं। बोडो भाषा भारतीय राज्य असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। भारत में यह विशेष संवैधानिक दर्जा प्राप्त २२ अनुसूचित भाषाओं में से एक है।

बोड़ो
बड़ो
बोली जाती है असम भारत, कुछ वक्ता नेपाल मे भी
कुल बोलने वाले 1,350,478+
1,350,478 भारत में (2001), 3,301 नेपाल में (2001)
भाषा परिवार चीनी-तिब्बती
भाषा कूट
ISO 639-1 None
ISO 639-2 sit
ISO 639-3 brx

बोडो भाषा आधिकारिक रूप से देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।[1]

बोड़ो भाषा की कुछ पाठ्यपुस्तकें

बोड़ो भाषा की लिपि निर्धारण के समय एक परीक्षा के जैसी घड़ी थी। बोड़ो इलाके में इसाई आतंकवादी संगठनों का बोलबाला था। समानान्तर सरकार चलती थी। बोड़ो साहित्य सभा में बोड़ो भाषा की लिपि के मताधिकार के समय देवनागरी और असमिया लिपि चाहने वाले एक हो गये जिससे रोमन लिपि चाहने वाले समूह की हार हो गयी। देवनागरी बोड़ो भाषा की लिपि बन गई। उस आक्रोश में संदिग्ध NDFB आतंकवादियों ने बोड़ो साहित्य सभा के अध्यक्ष श्री बिनेश्वर ब्रह्म की 19 अगस्त 2000 को हत्या कर दी। बीनेश्वर ब्रह्म ने अपनी सेवा 1968 से देबरगाँव हाईस्कूल में हिन्दी शिक्षक के रूप में आरम्भ की थी।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. PurvottarSamwad (2020-12-22). "पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी की स्थिति एवं संभावनाएँ". Purvottar Samwad (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-12-23.