भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं।[1] इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी।
भारतमाला परियोजना | |
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देश | भारत |
प्रधानमन्त्री | नरेन्द्र मोदी |
मन्त्रालय | सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय |
प्रमुख लोग | नितिन गडकरी |
स्थापित | 31 जुलाई 2015 |
सड़कों के विस्तार एवं विकास के लिए बने, 10 लाख करोड़ रुपये के भारतमाला परियोजना, में कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) जिसें 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा लॉन्च किया था, सहित सभी मौजूदा राजमार्ग परियोजनाओं को इसमें समाहित कर लिया जायेगा।
यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब की ओर चलेगी और फिर पूरे हिमालयी राज्यों - जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड - और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार की सीमा तक जायेगी। आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।[1]
सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर, भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इसके पहले चरण में 29,000 किलोमीटर का विकास 5,5 खरब के परिव्यय के साथ किया जाएगा।
व्यय
संपादित करेंइस भारतमाला परियोजना में 5.35 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। जिसे कैबिनेट ने २४- अक्टुबर २०१७ को मंजूरी दे दी हैं।
प्रगति
संपादित करेंसड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय ने 2.6 लाख करोड़ (यूएस 41 बिलियन डॉलर) की भारतमाला परियोजना पर एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें भारत की सीमाओं, तटीय क्षेत्रों, बंदरगाहों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों के साथ 25,000 किमी की सड़कों का निर्माण शामिल है।[2] २४, अक्टुबर २०१७ को कैबिनेट ने इस मसौदे को मंजूरी दे दी हैं।[3]
पहला चरण
संपादित करेंभारतमाल पारियोजन के पहले चरण के तहत नई सड़क की कुल लंबाई 24,800 किलोमीटर होगी और शेष 10,000 किलोमीटर एनएचडीपी के तहत बनाई जायेगी।
2017 तक, राजमार्ग क्षेत्र में 30 किमी/दिन का निर्माण चल रहा है।[4] अत:, पहला चरण 2022 तक पूरा हो सकता है, जबकि एनएचडीपी के तहत लगभग एक ही राष्ट्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग का उन्नयन 19 वर्षों में हो सका था।
सड़क का प्रकार | किमी |
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आर्थिक कॉरिडोर | 9,000 |
अंतर-गलियारे और फीडर मार्ग | 6,000 |
राष्ट्रीय कॉरिडोर दक्षता कार्यक्रम | 5,000 |
सीमा और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कें | 2,000 |
तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कें | 2,000 |
एक्सप्रेसवे | 800 |
भारतमाल पारियोजन पहला-चरण के तहत कुल | 24,800 |
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) के तहत शेष राष्ट्रीय राजमार्ग | 10,000 |
पहले-चरण के अंत तक कुल विकसित सडक (किमी) | 34,800 |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "Bharat Mala: PM Narendra Modi's planned Rs 14,000 crore road from Gujarat to Mizoram", The Economic Times, New Delhi, 24 October 2017, मूल से 17 सितंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2017
- ↑ "Ministry proposes construction of 20,000 km of roads under Bharat Mala project", The Economic Times, New Delhi, 9 January 2016, मूल से 12 सितंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2017
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अक्तूबर 2017.
- ↑ "Highway construction target for Nitin Gadkari-led Road Transport Ministry: Is 30 km per day too much of a stretch?". The Financial Express (अंग्रेज़ी में). 2017-06-05. मूल से 13 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-08-08.