भारतीय नगरों का वर्गीकरण
भारतीय नगरों का वर्गीकरण भारत सरकार द्वारा उपयोग की जाने वाली एक पदानुक्रम निर्धारण पद्धति (रैंकिंग सिस्टम) है। इसके अतंर्गत भारत के शहरों में कार्यरत लोक सेवकों को गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.) आवंटित किया जाता है। गृह किराया भत्ता का उपयोग भारतीय राजस्व सेवा द्वारा आयकर छूट प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। इस पद्धति में नगरों को उनकी आबादी के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
सामयिक वर्गीकरण
संपादित करेंसातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफ़ारिश के तहत 2008 में सीसीए वर्गीकरण को समाप्त कर दिया गया था। पूर्व के नगरों के हाउस रेंट अलाउंस वर्गीकरण को ए-1 से बदलकर एक्स; ए, बी-1, और बी-2 से वाई तथा सी और अवर्गीकृत नगरों से ज़ेड कर दिया गया था। एक्स, वाई और ज़ेड को आमतौर पर क्रमशः टायर-1, टायर-2 और टायर-3 शहरों के रूप में जाना जाता है।[1][2] इनमें आठ एक्स शहर और निन्यानवे वाई शहर हैं। 2011 की जनगणना के आधार पर दो शहरों - पुणे और अहमदाबाद को 1 अप्रैल 2014 को वाई शहर से एक्स शहर तथा इक्कीस शहरों को ज़ेड शहर से वाई शहर में बदल दिया गया था।[3]
ऐतिहासिक वर्गीकरण
संपादित करें2008 में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन करने से पहले शहरों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया था। यह वर्गीकरण शुरू में 1997 में भारत के पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित था। चेन्नई, नई दिल्ली, कोलकाता और मुंबई को ए-1 शहरों के रूप में वर्गीकृत किया गया था।[4] शहर की स्थिति को बाद में 2001 की भारत की जनगणना के परिणामों के आधार पर संशोधित किया गया था। हैदराबाद को 31 अगस्त 2007 को ए से ए-1 स्थिति में अपग्रेड किया गया था, और 21 सितंबर 2007 को बैंगलोर के साथ भी ऐसा ही किया गया था। सीसीए वर्गीकरण को 2008 में समाप्त कर दिया गया था।
जनसंख्या-आधारित वर्गीकरण
संपादित करेंभारतीय रिज़र्व बैंक जनसंख्या के आधार पर केंद्रों को छह स्तरों (टायर) में वर्गीकृत करता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "भारतीय शहरों का वर्गीकरण, कार्यालय ज्ञापन, भारत सरकार" (PDF). doe.gov.in.
- ↑ "छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफ़ारिशें – केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने के संबंध में सरकार का निर्णय" (PDF). वित्त मंत्रालय व्यय विभाग. मूल (PDF) से 8 जून 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2023.
- ↑ "छठा केंद्रीय वेतन आयोग शहरी वर्गीकरण" (PDF). कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय. मूल (PDF) से 13 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2023.
- ↑ "बंगलुरु को मिला ए1 का दर्जा". बिज़नेस स्टैंडर्ड. 25 सितंबर 2007.