मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग

मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग जिसे समृद्धि महामार्ग के नाम से भी जाना जाता है, एक छः लेन चौड़ा द्रुतमार्ग है। इसे भारत के दो शहर मुंबई और नागपुर को जोड़ने के उद्देश्य से और इनके मध्य यात्रा के समय को कम करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है। इसकी कुल लम्बाई 701 कि॰मी॰ है। चौड़ाई की दृष्टि से यह आठ लेन तक विस्तार करने योग्य है। आधिकारिक तौर पर इसे हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के नाम से जाना जाता है। यह महाराष्ट्र राज्य के 390 गाँवों और दस जिलों से होकर गुजरता है, इन जिलों के नाम हैं- नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, औरंगाबाद, जालना, अहमदनगर, नासिक और ठाणे। इसके अतिरिक्त यह द्रुतमार्ग 14 अन्य जिलों से अप्रत्यक्ष रूप से गुजरता है, जिनके नाम हैं- चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, यवतमाल, अकोला, हिंगोली, परभणी, नांदेड़, बीड, धुले, जलगांव, पालघर और रायगढ़। इसका निर्माण भारत के ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत किया गया है, जिसकी घोषणा 2015 में हुई थी। इस द्रुतमार्ग के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम 2017 में शुरू हुआ था। दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस द्रुतमार्ग की नींव रखी थी। वर्तमान में इस परियोजना का नेतृत्व महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के द्वारा किया जा रहा है।[1][2][3][4][5]

मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग
हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग
नक्शा

लाल रंग में मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग
मार्ग की जानकारी
अनुरक्षण महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम
लंबाई: 701 कि॰मी॰ (436 मील)
स्थान
राज्य:महाराष्ट्र
Districts:नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, औरंगाबाद, जालना, अहमदनगर, नासिक और ठाणे

इसके निर्माण के पीछे का एक उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देना भी है और यह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए प्रवेश द्वार का कार्य भी करेगा। भूमि अधिग्रहण लागत सहित इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹55,000 करोड़ बताई जा रही है। इस द्रुतमार्ग पर चार हेलीपैड बनाने की भी योजना बनाई जा रही है, पहला हेलीपैड खरडी और इगतपुरी के बीच बनाया जाएगा, दूसरा शिरडी में, तीसरा औरंगाबाद में और चौथे की जगह अभी तय नहीं हुई है। महाराष्ट्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2023 तक पूरे एक्सप्रेसवे को चालू करने की योजना बना रही है।[6]

  • पर्यटन को बढ़ावा- मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग का शिरडी, वेरुल, लोनार झील, अजंता की गुफाएँ आदि से जुड़े होने के कारण यह माना जा रहा है कि इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • विकसित किए जाने वाले नए शहर- मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग के तहत नया नगर विकास प्राधिकरण परियोजना का भी विकास किया जा रहा है, जिसके तहत कुछ नए कस्बों को विकसित किया जाएगा। इसका प्रमुख उद्देश्य इन क्षेत्रों के किसानों के जीवन को विकसित करना है।
  • आर्थिक विकास को बढ़ावा- मुंबई-नागपुर द्रुतमार्ग के निर्माण होने के बाद विभिन्न शहरों में कृषि आधारित उद्योग स्थापित किए जाएँगे, जिससे कई लोगों की कृषि आय में सुधार होने की सम्भावना है।
  • यात्रा के समय में कमी- इस द्रुतमार्ग के सम्पूर्ण निर्माण के बाद मुंबई तथा नागपुर के बीच यात्रा का समय घटकर 8 घंटे हो जाएगा, अभी इस यात्रा में लगभग 16 घंटे का समय लगता है।[7]

इन्हें भी देखें

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  1. "Eknath Shinde, Devendra Fadnavis to open Phase-II Samruddhi Mahamarg on May 26". The Deccan Herald. 25 May 2023.
  2. "'Mumbai-Nagpur highway set to become the fastest'". www.mid-day.com (अंग्रेज़ी में). 2021-07-21. अभिगमन तिथि 2021-08-06.
  3. "40 pc work on Samruddhi Corridor completed, 623-km stretch to be operational by Dec 2021". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 2020-07-29. अभिगमन तिथि 2021-08-06.
  4. "Uddhav Thackeray to review Mumbai-Nagpur expressway work". The Hindustan Times. 5 December 2020.
  5. "Mumbai to Nagpur in 8 hours with super communication expressway on which fighter jets can land! 10 cool facts". The Financial Express (अंग्रेज़ी में). 2019-01-15. अभिगमन तिथि 2021-08-06.
  6. "710 किमी लांब, 6 पदरी रस्ता, 10 जिल्हे 392 गावातून जाणारा समृद्धी महामार्ग कसा आहे?". TV9 Marathi (मराठी में). 2020-12-05. अभिगमन तिथि 2021-08-06.
  7. "Mumbai Nagpur Expressway : समृद्धि महामार्ग का रूट मैप, लागत और स्थिति". Magicbricks. 30 मई 2023. अभिगमन तिथि 24 जून 2023.