मैथुन

कामपीड़ित नर और मादा के बीच प्रेम जताने की एक क्रिया

मैथुन या यौनता जीव विज्ञान में आनुवांशिक लक्षणों के संयोजन और मिश्रण की एक प्रक्रिया है जो किसी जीव के नर या मादा (जीव का लिंग) होना निर्धारित करती है। मैथुन में विशेष कोशिकाओं (गैमीट) के मिलने से जिस नये जीव का निर्माण होता है, उसमें माता-पिता दोनों के लक्षण होते हैं। गैमीट रूप व आकार में बराबर हो सकते हैं परन्तु मनुष्यों में नर गैमीट (शुक्राणु) छोटा होता है जबकि मादा गैमीट (अण्डाणु) बड़ा होता है।

नर गैमीट (शुक्राणु) मादा गेमीट (अण्डाणु) का निषेचन करते हुए[1][2]

जीव का लिंग इस पर निर्भर करता है कि वह कौन सा गैमीट उत्पन्न करता है। नर गैमट पैदा करने वाला नर तथा मादा गैमीट पैदा करने वाला मादा कहलाता है। कई जीव एक साथ दोनों पैदा करते हैं जैसे कुछ मछलियाँ

मैथुन के कारण

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कामशास्त्र के अनुसार यद्यपि मैथुन का मुख्य उद्देश्य पुनरुत्पति है, तथापि मनुष्यों तथा वानरों में यह बहुधा यौन सुख प्राप्त करने तथा प्रेम जताने हेतु भी किया जाता है। मैथुन मनुष्य की मूल आवश्यकता है। साधारण भाषा में मैथुन एक से अधिक काम-क्रियाओं को सम्बोधित करने के लिये भी प्रयोग किया जाता है। योनि मैथुन, हस्तमैथुन, मुख मैथुन, गुदा मैथुन आदि अन्य काम-कलाएँ इसके अन्तर्गत आती हैं। अंग्रेज़ वैज्ञानिकों का मानना है कि पुनरुत्पति के लिये दो लिंगों के बीच मैथुन का विकास जीवधारियों में बहुत पहले से ही जीवाणुओं के दुष्प्रभाव से बचने के लिये हुआ था।[3]

मनुष्यों में मैथुन

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प्रेम जताने की क्रिया अक्सर मैथुन से पहले निभायी जाती है। इसके पश्चात् पुरुष के लिंग में उठाव व कठोरता उत्पन्न होती है और स्त्री की योनि में सहज चिकनाहट। मैथुन करने के लिए पुरुष अपने तने हुए लिंग को स्त्री की योनि में प्रविष्ट करता है।[4][5][6][7] इसके पश्चात् दोनो साझेदार अपने कूल्हों को आगे-पीछे कर लिंग को योनि में घर्षण प्रदान करते हैं। इस क्रिया में लिंग किसी भी समय योनि से पूर्णरूप से बाहर नहीं आता। इस क्रिया में दोनों ही साझेदारों को यौनिक आनन्द प्राप्त होता है। यह क्रिया तब तक जारी रहती है जब तक पुरुष और स्त्री दोनों ही एक अत्यधिक आनन्द की स्थिति कामोन्माद नहीं प्राप्त कर लेते। कामोन्माद की स्थिति में पुरुष और स्त्री दोनों ही स्खलन महसूस करते हैं। पुरुष शुक्राणुओं का स्खलन अपने लिंग से वीर्य के रूप में करता है, जबकि स्त्री की योनि से तरल पदार्थों का रज के रूप में स्खलन होता है।

लिंग अनुपात

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एक लिंगानुपात जनसंख्या में पुरुषों से महिलाओं का अनुपात है। जैसा कि फिशर के सिद्धांत द्वारा समझाया गया है, विकासवादी कारणों से यह आम तौर पर उन प्रजातियों में लगभग 1:1 है जो यौन प्रजनन करते हैं।[8] [9] हालाँकि, कई प्रजातियाँ समय-समय पर या स्थायी रूप से समान लिंग अनुपात से विचलित हो जाती हैं। उदाहरणों में पार्थेनोजेनिक प्रजातियां, समय-समय पर संभोग करने वाले जीव जैसे कि एफिड्स, कुछ यूसोशल ततैया, मधुमक्खियां, चींटियां और दीमक शामिल हैं। [10]

मानव लिंगानुपात मानवविज्ञानी और जनसांख्यिकी के लिए विशेष रुचि का विषय है। मानव समाजों में, जन्म के समय लिंग अनुपात जन्म के समय माँ की उम्र और लिंग-चयनात्मक गर्भपात और शिशुहत्या जैसे कारकों से काफी कम हो सकता है। कीटनाशकों और अन्य पर्यावरणीय प्रदूषकों के संपर्क में आना भी एक महत्वपूर्ण योगदान कारक हो सकता है।[11] 2014 तक, जन्म के समय वैश्विक लिंगानुपात 100 लड़कियों पर 107 लड़कों (प्रति 934 लड़कियों पर 1,000 लड़के) होने का अनुमान है।[12]

इन्हें भी देखें

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  1. Sex. Lotus jeyeeyyeyPress. 2006. p. 145. ISBN 8189093592, 9788189093594. Archived from the original on 12 अक्तूबर 2013. Retrieved ०५ अक्टूबर २०१२. {{cite book}}: Check |isbn= value: invalid character (help); Check date values in: |accessdate= and |archive-date= (help); Unknown parameter |authors= ignored (help)
  2. Weiten, Wayne; Lloyd, Margaret A.; Dunn, Dana S.; Hammer, Elizabeth Yost (2008). Psychology Applied to Modern Life: Adjustment in the 21st Century. Cengage Learning. p. 423. ISBN 0495553395, 9780495553397. Archived from the original on 18 मई 2014. Retrieved ०५/१०/२०१२. {{cite book}}: Check |isbn= value: invalid character (help); Check date values in: |accessdate= (help)
  3. Podger, Corinne (१४ सितम्बर १९९९). बीबीसी न्यूज़ (ed.). ""Why are there only two sexes?"". Archived from the original on 18 दिसंबर 2008. Retrieved 30 दिसंबर 2009. {{cite web}}: Check date values in: |access-date=, |date=, and |archive-date= (help)
  4. Kar (2005). Comprehensive Textbook of Sexual Medicine. Jaypee Brothers Publishers. pp. 107–112. ISBN 8180614050, 9788180614057. Retrieved ०५ अक्टूबर २०१२. {{cite book}}: Check |isbn= value: invalid character (help); Check date values in: |accessdate= (help)[मृत कड़ियाँ]
  5. "Sexual intercourse". Collins Dictionary. Archived from the original on 19 जून 2012. Retrieved ०५ अक्टूबर २०१२. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (help)
  6. "Sexual intercourse". Encyclopædia Britannica. Archived from the original on 22 अक्तूबर 2012. Retrieved सितंबर 5, 2012. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help); Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (help)
  7. "Sexual Intercourse". health.discovery.com. Archived from the original on 22 अगस्त 2008. Retrieved ०५ अक्टूबर २०१२. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help)
  8. Fisher, R. A. (1930). The Genetical Theory Of Natural Selection. Osmania University, Digital Library Of India. At The Clarendon Press.
  9. Hamilton, W. D. (1967). "Extraordinary Sex Ratios". Science. 156 (3774): 477–488. ISSN 0036-8075.
  10. Kobayashi, Kazuya; Hasegawa, Eisuke; Yamamoto, Yuuka; Kawatsu, Kazutaka; Vargo, Edward L.; Yoshimura, Jin; Matsuura, Kenji (2013-06-28). "Sex ratio biases in termites provide evidence for kin selection". Nature Communications (in अंग्रेज़ी). 4 (1): 2048. doi:10.1038/ncomms3048. ISSN 2041-1723.
  11. "JAMA", Wikipedia (in अंग्रेज़ी), 2023-04-19, retrieved 2023-05-28
  12. "CIA - The World Factbook -- Field Listing - Sex ratio". web.archive.org. 2007-06-13. Archived from the original on 16 अक्तूबर 2013. Retrieved 2023-05-28. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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