रक्त (2004 फ़िल्म)

2004 में बनी हिन्दी फिल्म

रक्त 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म का निर्माण सुनील शेट्टी और निर्देशन महेश मांजरेकर ने किया था। इस फिल्म में बिपाशा बसु, संजय दत्त और सुनील शेट्टी ने मुख्य किरदार निभाया है। इस फिल्म को 3 सितम्बर 2004 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया था।

रक्त

रक्त का पोस्टर
निर्देशक महेश मांजरेकर
निर्माता सुनील शेट्टी
अभिनेता बिपाशा बसु,
संजय दत्त,
सुनील शेट्टी,
डीनो मोरिया,
शरत सक्सेना,
नेहा धूपिया,
अमृता अरोरा,
रजत बेदी,
पायल रोहतगी,
अभिषेक बच्चन,
याना गुप्ता,
बीना,
सचिन खेडेकर,
शिवाजी साटम,
शशि कला,
प्रदर्शन तिथि
2004
देश भारत
भाषा हिन्दी

ये कहानी दृष्टि नायर (बिपाशा बसु) की है, जिसके पास किसी का भी भविष्य देखने की शक्ति होती है। वो मानव (अभिषेक बच्चन) से प्यार करते रहती है, लेकिन उनका रिश्ता टूट जाता है और मानव किसी दूसरे शहर में रहने चले जाता है। दृष्टि भी एक छोटे से गाँव में रहने चले जाती है, वहाँ उसकी मुलाक़ात मोहित (सुनील शेट्टी) से होती है। मोहित एक कार मैकेनिक होता है, जिसे बचपन से ही कई सालों तक अपने पिता के अत्याचार सहने के कारण मानसिक चिकित्सा की जरूरत पड़ती है। मोहित दिल ही दिल में दृष्टि से प्यार करने लगता है, पर इस बारे में दृष्टि को कोई अंदाजा नहीं होता है। वो तास के पत्तों से लोगों का भविष्य देखने का काम करते रहती है और एक दिन उसकी मुलाक़ात रिया त्रेहन (नेहा धूपिया) से होती है, वो उससे मदद मांगती है। उसका पति सनी (डीनो मोरिया) कई बार उसे मारते रहता है। रिया इस बारे में दृष्टि से मदद मांगती है और दृष्टि मदद का वादा भी कर देती है। एक दिन दृष्टि का बेटा घर आता है, जिसे सनी उसकी माँ को चूड़ेल कह कर परेशान करते रहता है।

सनी अचानक घर आ कर उसके घर में तोड़फोड़ करता है और दृष्टि को रिया से दूर रहने को भी कहता है। मोहित को इस बारे में जब पता चलता है तो मोहित और सनी के बीच छोटी सी लड़ाई होती है और कई दिन तक सनी उसके आसपास नजर नहीं आता है। दृष्टि खुशी से अपनी जिंदगी बिताते रहती है कि एक दिन मेयर राजा बहादुर सिंह (शरत सक्सेना) की बेटी, नताशा (अमृता अरोड़ा) लापता हो जाती है। उसका मंगेतर राहुल (संजय दत्त) उससे मदद मांगने आता है। राहुल उसके बेटे के विद्यालय का प्राचार्य होता है, इस कारण वो मदद करने को राजी हो जाती है। दृष्टि को जल्द ही दिखाई देता है कि नताशा की मौत नदी के दूसरे ओर हुई है। दृष्टि ये बात राहुल को बताती है और पुलिस को वहाँ नताशा का शव मिलता है।

इसके बाद पता चलता है कि वो नदी और आसपास का इलाका सनी का है और नताशा के हत्या का मामला एसीपी रणबीर सिंह (रजत बेदी) को मिलता है। उसे दृष्टि के भविष्य देखने वाली शक्ति पर कोई भरोसा नहीं होता है और उसे ये भी लगता है कि सनी असल हत्यारा नहीं है, और बाद में ये बात सच साबित होती है और सनी बेकसूर निकलता है। नताशा को मारने वाला राहुल निकलता है, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया जाता है।

विशेष उपस्थिती

बाहरी कड़ियाँ

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