रामावतार त्यागी
रामावतार त्यागी, जो "त्यागी" के नाम से भी जाने जाते है (१७ मार्च १९२५ - १२ अप्रैल १९८५) एक भारतीय हिंदी कवि थे।[1] त्यागी ने १५ से भी ज्यादा किताबें लिखी थी और उनकी कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है।[2][3]
रामावतार त्यागी | |
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जन्म |
17 मार्च 1925 संभल |
मौत |
12 अप्रैल 1985 |
पेशा | कवि |
जीवनी
संपादित करेंरामावतार त्यागी का जन्म १९२५ को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुरावली गाँव में एक किसान परिवार में हुया था। उनकी माता का नाम भागीरथी और पिता का नाम उदल सिंह त्यागी था। कुरावली गाँव जो वर्तमान मे संभल जिले के अंतर्गत आता है।
त्यागी की प्रारंभिक शिक्षा १० साल की उम्र में शुरू हुई। जबकि उनकी शादी १९४१ में १६ साल की उम्र में ही हो गयी थी। उन्होंने १९४४ में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। त्यागी ने मुरादाबाद के चंदौसी डिग्री कॉलेज से स्नातक किया और हिन्दू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
उन्होंने राजीव गांधी (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) को व्यक्तिगत रूप से हिंदी भाषा की कक्षाएं दी थी। राजीव गांधी संजय गांधी और इंदिरा गांधी के बेटे थे। उन्होंने हिंदी फ़िल्म ज़िन्दगी और तूफ़ान (१९७५) के लिए "जिंदगी और रात तेरे लिए है" नामक गीत की रचना की।
उन्होंने नवभारत टाइम्स के लिए एक क्राइम रिपोर्टर के रूप में काम किया। उन्होंने साप्ताहिक लेख "मलूक दास की कलम से" भी लिखा। १२ अप्रैल १९८५ को त्यागी का निधन हो गया।
लेखन
संपादित करेंत्यागी ने १५ से अधिक हिंदी कविता पुस्तकें लिखी थी, और कुछ उपन्यास भी उनके क्रेडिट में हैं। उन्होंने समाधान नामक एक उपन्यास और चारित्रीन के पात्र नामक एक युगांतकारी उपन्यास लिखा। उन्होंने दिल्ली जो एक शहर था और राम झरोखा का संपादन किया।
- उनके कविता संग्रहों में निम्नलिखित शामिल हैं
- नया ख़ून (1953)
- मैं दिल में (1959)
- दिल्ली जो एक शहर था
- सपना महक उताहे (1965)
- गुलाब और बबूल वैन (1973)
- राष्ट्रीय एकता की कहनियाँ
- गाता हुआ दर्द (1982) [4]
- महाकवि कालिदास रचित मेघदूत का कायानुवाद
- लहू के चार कतरे (1984)
- गीत बोलते हैं (1986, मरणोपरांत प्रकाशित हुआ)
१५ से भी ज्यादा किताबें लिखने वाले रामावतार त्यागी की कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "D:\All P.H. D. Report\Pro. Shik - Shodhganga" (PDF). मूल से 11 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 11 अक्टूबर 2019.
- ↑ "रामावतार त्यागी". कविता कोश. मूल से 17 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अक्टूबर 2019.
- ↑ "Ramavtar Tyagi : रामावतार त्यागी – Kavyanchal". काव्यांचल. मूल से 11 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अक्टूबर 2019.
- ↑ "...मैंने मंजिल को तलाशा मुझे बाजार मिले". अमर उजाला. मूल से 11 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अक्टूबर 2019.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Three of Tyagi's poems via Prayogshala (हिन्दी में)
- कवि-परिचय by Tyagi (हिन्दी में)
- One of Tyagi's poems via Kaavyaalaya (हिन्दी में)