राम तेरी गंगा मैली
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राम तेरी गंगा मैली 1985 की हिन्दी भाषा नाट्य फिल्म है। इसका निर्देशन अभिनेता राज कपूर ने किया था और मुख्य भूमिकाओं में मन्दाकिनी और उनके पुत्र राजीव कपूर हैं। यह राज कपूर की आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म 1985 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिन्दी फिल्म थी। संगीत निर्देशक रवीन्द्र जैन को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। फिल्म पारदर्शी साड़ी में स्नान और स्तनपान करने के मन्दाकिनी के दृश्यों के कारण बहुत विवादास्पद रही थी।[1]
राम तेरी गंगा मैली | |
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राम तेरी गंगा मैली का पोस्टर | |
निर्देशक | राज कपूर |
लेखक |
राज कपूर के॰ के॰ सिंह वी॰ पी॰ साठे ज्योति स्वरूप |
निर्माता | रणधीर कपूर |
अभिनेता |
राजीव कपूर, मन्दाकिनी, दिव्या राणा, सईद जाफ़री, कुलभूषण खरबंदा |
छायाकार | राधू कर्माकर |
संपादक | राज कपूर |
संगीतकार | रवीन्द्र जैन |
वितरक | आर. के. फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
25 जुलाई, 1985 |
लम्बाई |
178 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंगंगा अपने भाई, करम के साथ गंगोत्री में रहती है। एक दिन वह एक युवा व्यक्ति नरेन्द्र सहाय की सहायता के लिए आती है, जो कलकत्ता स्थित कॉलेज के छात्रों के समूह के साथ पवित्र नदी गंगा के स्रोत का अध्ययन करने के लिए आया है। वह अपनी दादी के लिए पवित्र गंगा का पानी लेने के लिये भी आया है, जो पहियाकुर्सी का उपयोग करती हैं और यहाँ नहीं आ सकती। दोनों एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं, अगली पूरनमासी पर शादी कर लेते हैं और रात को एक साथ बिताते हैं। बाद में नरेन्द्र चला जाता है, लेकिन गंगा को वादा करता है कि वह जल्द ही वापस आ जाएगा। महीने बीतते जाते हैं, लेकिन वह वापस नहीं आता है।
गंगा एक बेटे को जन्म देती है और जैसे ही वह सक्षम हो जाती है, वह नरेन्द्र से सम्मुख होने और अपने बेटे के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अलीपुर, कलकत्ता की यात्रा शुरू करती है। ऋषिकेश में उसका दो महिलाओं और एक आदमी द्वारा शोषण किया जाता है जिनसे वह भाग जाती है और श्मशान में आश्रय लेती है। फिर बनारस में, उससे एक पंडित द्वारा छेड़छाड़ की जाती है। उसे पुलिस बचाती है और कलकत्ता का टिकट देती है। जब वह अपने बच्चे के लिए पानी पाने के लिए रास्ते में उतरती है, तो ट्रेन चली जाती है, और वह मणिलाल की गिरफ्त में आ जाती है जो अंधेपन का नाटक करता है। वह उसे बनारस के पास एक वेश्यालय में ले जाता है, जहां उसे रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है ताकि वह अपने बेटे का पेट भर सके। यहाँ उसे शक्तिशाली राजनेता भागवत चौधरी के सामने पेश किया जाता है, जो भारी राशि का भुगतान करता है और मणिलाल से गंगा को कलकत्ता लाने के लिए कहता है। वहाँ वह उसे अपनी और जीवा सहाय की रखैल के रूप में रखने का इरादा रखता है। गंगा को पता नहीं है कि भागवत की बेटी राधा नरेन्द्र की दुल्हन है; कि जीवा नरेन्द्र का पिता है, और जल्द ही उसे नरेन्द्र के विवाह समारोह में नृत्य करने के लिए कहा जाएगा।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- राजीव कपूर - नरेन्द्र "नरेन" सहाय
- मन्दाकिनी - गंगा
- दिव्या राणा - राधा चौधरी
- सईद जाफ़री - कुंज बिहारी
- कुलभूषण खरबंदा - जीवा सहाय
- रजा मुराद - भागवत चौधरी
- सुषमा सेठ - दादी माँ
- गीता सिद्धार्थ - श्रीमती सहाय
- त्रिलोक कपूर - प्रोफेसर
- ए के हंगल - ब्रिज किशोर
- टॉम ऑल्टर - करम सिंह
- कृष्ण धवन - मणिलाल
- विश्व मेहरा - पोस्टबाबू
- उर्मिला भट्ट - राजेश्वरीबाई
- कमलदीप - चमनलाल
संगीत
संपादित करेंसभी रवीन्द्र जैन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "सुन साहिबाँ सुन" | हसरत जयपुरी | लता मंगेशकर | 5:15 |
2. | "एक राधा एक मीरा" | रवीन्द्र जैन | लता मंगेशकर | 5:00 |
3. | "हुस्न पहाड़ों का" | रवीन्द्र जैन | लता मंगेशकर, सुरेश वाडकर | 5:25 |
4. | "राम तेरी गंगा मैली" | रवीन्द्र जैन | सुरेश वाडकर | 5:55 |
5. | "यारा ओ यारा" | रवीन्द्र जैन | सुरेश वाडकर, लता मंगेशकर | 4:58 |
6. | "तुझे बुलाएँ ये मेरी" | रवीन्द्र जैन | लता मंगेशकर | 5:08 |
7. | "एक दुखियारी काहे" | रवीन्द्र जैन | लता मंगेशकर | 6:02 |
8. | "मैं ही मैं हूँ" | अमीर कज़लबाश | सुरेश वाडकर | 4:54 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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राज कपूर | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | जीत |
राज कपूर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
मन्दाकिनी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
सईद जाफ़री | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
के॰ के॰ सिंह | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
रवीन्द्र जैन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
हसरत जयपुरी ("सुन साहिबाँ सुन") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
सुरेश वाडकर ("मैं ही मैं हूँ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
सुरेश सावंत | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन पुरस्कार | जीत | |
राज कपूर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सम्पादन पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "राजकपूर की राम तेरी गंगा मैली को हुए 33 साल पूरे, पढ़ें फिल्म से जुड़ी कुछ मजेदार बातें". नवोदय टाइम्स. 24 जुलाई 2018. मूल से 10 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 नवम्बर 2018.