रोहतक भारत के हरियाणा राज्य के रोहतक ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2][3]

रोहतक
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महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय
महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय
रोहतक is located in हरियाणा
रोहतक
रोहतक
हरियाणा में स्थिति
निर्देशांक: 28°53′N 76°35′E / 28.89°N 76.58°E / 28.89; 76.58निर्देशांक: 28°53′N 76°35′E / 28.89°N 76.58°E / 28.89; 76.58
देश भारत
राज्यहरियाणा
ज़िलारोहतक ज़िला
क्षेत्र139 किमी2 (54 वर्गमील)
क्षेत्र दर्जा5
ऊँचाई220 मी (720 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल3,74,292
भाषा
 • प्रचलितहरियाणवी, पंजाबी, हिन्दी
समय मण्डलIST (यूटीसी+5:30)
पिनकोड124001 - 124017
दूरभाष कोड91-1262
वाहन पंजीकरणHR 12 (निजी), HR 46 (व्यवसायिक)
वेबसाइटrohtak.gov.in

विवरण संपादित करें

रोहतक जिला चारों तरफ से हरियाणा के ही पाँच जिलों से घिरा हुआ है। वे हैं: उत्तर में जींद, पूर्व में सोनीपत, पश्चिम में भिवानी, दक्षिण में झज्जर उत्तर-पश्चिम में हिसार और दक्षिण पश्चिम में बहादुरगढ़ है। यमुना और सतलज नदियों के मध्यवर्ती उच्चसम भूमि पर, दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में यह जिला स्थित है। इसका उत्तरी भाग पश्चिमी यमुना नहर के रोहतक और बुटाना शाखाओं द्वारा सींचा जाता है, किंतु मध्यवर्ती मैदान का अधिकांश भाग अनिश्चित प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर है।

इतिहास संपादित करें

कहा जाता है कि पहले रोहतासगढ़ (रोहतास का दुर्ग) कहलाने वाले रोहतक की स्थापना रोहतास नामक एक राजा द्वारा की गई थी। यहाँ 1140 में निर्मित दीनी मस्जिद है। समीप के खोकरा कोट टीले की खुदाई से बौद्ध मूर्तियों के अवशेष मिले हैं। दक्षिण पंजाब का यह अति प्राचीन नगर है। इसका उल्लेख महाभारत सभापर्व में प्रसंग नकुल की पश्चिम दिशा की दिग्विजय का है जो इस प्रकार है:-

'ततो बहुधनं रम्यं गवाढ्यं धनधान्यवत्,
कार्तिकेयस्य दयितं रोहितकमुपाद्रवत्,
तत्र युद्धं महच्चासीच्छूरैर्मत्तरमूरकैः'

इस प्रदेश को यहाँ बहुत उपजाऊ बताया गया है तथा इसमें मत्तमयूरकों का निवास बताया गया है, जिनके इष्टदेव स्वामी कार्तिकेय थे। इसी प्रसंग में इसके पश्चात ही शेरीषक (वर्तमान सिरसा) का उल्लेख है। उद्योग पर्व में भी रोहितक को कुरुदेश के सन्निकट बताया गया है- दुर्योधन के सहायतार्थ जो सेनाएँ आई थीं, वे रोहतक के पास भी ठहरी थीं-

'तथा रोहिताकारण्यं मरुभूमिश्च केवला,
अहिच्छत्रं कालकूटं गंगाकूलं चं भारत'

रोहतक के पास उस समय वन प्रदेश रहा होगा, जिसे यहाँ रोहिताकारण्य कहा गया है। कर्ण ने भी रोहितक निवासियों को जीता था, 'भद्रान् रोहितकांश्चैव आग्रेयान् मालवानपि,'। प्राचीन नगर की स्थिति वर्तमान खोखराकोट के पास कही जाती है।

भूगोल संपादित करें

रोहतक नगर स्थिति : 28°54' उ.अ. तथा 76°38' पू.दे.। यह रोहतक जिले का नगर है, यह नगर 1824 ई. में एक ब्रिटिश जिले का मुख्यालय बना था। दक्षिणवर्ती सैकत पहाड़ियों से नगर के मध्य में स्थित श्वेत मस्जिद एवं पूर्व में स्थित भव्य दुर्ग अत्यंत मनोरम लगता है। दिल्ली से 44 मील उत्तर पश्चिम स्थित रोहतक, उत्तरी रेलवे का एक स्टेशन है। रोहतक शहर और ज़िला, मध्य हरियाणा राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। रोहतक दिल्ली और फ़िरोज़पुर को जोड़ने वाले प्रमुख रेलमार्ग पर स्थित है। यह सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली, पानीपत, जींद, हिसार, भिवानी, रिवाड़ी, अम्बाला छावनी और चण्‍डीगढ़ से जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार संपादित करें

रोहतक अनाज और कपास का प्रमुख बाज़ार है। यहाँ की औद्योगिक गतिविधियों में खाद्य उत्पाद, कपास की ओटाई, चीनी और बिजली के करघे पर बुनाई का काम उल्लेखनीय है।

शिक्षण संस्थान संपादित करें

रोहतक में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय है, जिससे सम्बद्ध अनेक महाविद्यालयों में जाट हीरो मेमोरियल कॉलेज रोहतक जी. बी. आयुर्वेदिक कॉलेज, आई. सी. कॉलेज, वैश कॉलेज आफ़ इंजीनियरिंग ओर गोड ब्रामण डिग्री कालेज व जाट कॉलेज हैं व मस्तनाथ महाविद्यालय भी हैं। पण्डित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यलय चिकित्सकिय शिक्षण में एक श्रेष्ठ संस्थान है। रोहतक को शैक्षणिक नगर के नाम से जाना जाता है।

क्षेत्र संपादित करें

  • क्षेत्र की खेती के लिए उपलब्ध नहीं है: 15956 एकड़ जमीन
  • खेती अपशिष्ट: 3775 एकड़ जमीन
  • असिंचित क्षेत्र: 20200 एकड़ जमीन
  • सिंचित क्षेत्र: 123422 एकड़ जमीन

जनसंख्या (2011) संपादित करें

  • कुल: 10,34,000
  • शहरी: 5,17,120
  • ग्रामीण: 6,20,520
  • लिंग अनुपात (स्त्री:पुरुष): 807:1000

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
  2. "Haryana: Past and Present Archived 2017-09-29 at the वेबैक मशीन," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
  3. "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859