लद्दाख़ी भाषा
लद्दाख़ी (ལ་དྭགས་ཀྱི་སྐད) भारत के लद्दाख प्रदेश की प्रमुख भाषा है। इसे भोटी भी कहते हैं। यह एक तिब्बताई भाषा है किन्तु मानक तिब्बती भाषा तथा लद्दाखी जानने वाले एक-दूसरे को नहीं समझ सकते।[1]
लद्दाख़ी भाषा | |
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ལ་དྭགས་ཀྱི་སྐད | |
बोलने का स्थान | भारत, तिब्बत |
तिथि / काल | 2000–2001 |
क्षेत्र | लद्दाख़ |
मातृभाषी वक्ता | 1,30,000 |
भाषा परिवार |
चीनी-तिब्बती
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लिपि | तिब्बती लिपि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 |
इनमें से एक: lbj – लद्दाख़ी zau – ज़ंग्स्कारी भाषा |
लद्दाख़ के गान्चे क्षेत्र में तिब्बती मूल के बलती व लद्दाख़ी लोग रहते हैं। सांस्कृतिक रूप से यह भारत के लद्दाख़ क्षेत्र का भाग है, हालांकि यहाँ के अधिकतर लोग धार्मिक दृष्टि से मुसलमान हैं। यहाँ अधिकतर बलती भाषा बोली जाती है जो लद्दाख़ी भाषा के क़रीब है और अक्सर तिब्बती भाषा की उपभाषा समझी जाती है।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- राष्ट्रीय सन्दर्भ में भोटी भाषा का महत्व
- हिन्दी-भोटी शब्दकोश (हिन्दी विक्षनरी पर)
- हिन्दी-भोटी शब्दकोश (भारतवाणी पर)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Nicolas Tournadre. 2014. The Tibetic languages and their classification. In Nathan W. Hill and Thomas Owen-Smith (eds.), Trans-Himalayan Linguistics: Historical and Descriptive Linguistics of the Himalayan Area, 105–129. Berlin: De Gruyter Mouton.
- ↑ Anna Akasoy, Charles S. F. Burnett, Ronit Yoeli-Tlalim (2011). Islam and Tibet: Interactions Along the Musk Routes. Ashgate Publishing, Ltd. पृ॰ 353. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7546-6956-2.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)