विप्रचित्ति एक प्राचीन दानव था जो रक्तदंतिका रूपी माता पार्वती द्वारा मारा गया था। इसकी कथा देवी महामात्य में वर्णित है।विप्रचित्ति के पिता महर्षि कश्यप और माता दनु थी।

वप्रीचित के भाई रम्भ , करम्भ शुम्भ और निशुम्भ , हयग्रीव , दैत्यराज और नमुचि थे। इनमें केवल इसका पुत्र स्वरभानु ही अमर है और राहु तथा केतु के नाम से इसके सिर तथा धड़ प्रसिद्ध है। नमुचि देवराज इंद्र के द्वारा ,दैत्यराज त्रिदेवीयों के स्वरूप माता वैष्णो देवी द्वारा, शुम्भ और निशुम्भ माता पार्वती द्वारा , हयग्रीव भगवान विष्णु के हयग्रीव अवतार द्वारा मारे गए थे , रंभ और करंभ देवासुर संग्राम में देवराज इन्द्र द्वारा मारे गए थे।