वार्ता:२०१७ अमरनाथ यात्रा आक्रमण

Latest comment: 7 वर्ष पहले by हिंदुस्थान वासी

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स्थानान्तरण अनुरोध का परिणाम निम्नलिखित रहा: स्थानान्तरण किया गया। तार्किक रूप से सही। हिंदुस्थान वासी वार्ता 06:16, 14 अगस्त 2017 (UTC)उत्तर दें


स्थानान्तरण अनुरोध 14 जुलाई 2017

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अमरनाथ यात्रा पर आतंकी आक्रमण (२०१७)2017 अमरनाथ यात्रा हमला – कारण –

  • डिफ़ॉल्ट में अरबी अंक (0, 1, 2, 3...) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • 2016 गुलशन हमला, 2016 उड़ी हमला, आदि से संगति
  • इन जैसी घटनाओं का वर्णन करने के लिए आम तौर पर हिन्दी ख़बरों में शब्द "हमला" अधिकतर प्रयुक्त है, न कि "आक्रमण"
  • हमला को "आतंकी" कहना भारत के नज़रिए के समर्थन में पक्षपाती है, विकिपीडिया पर वि:निष्पक्ष अभी भी लागू है। (निम्नलिखित मेरे तरफ़ से इस बिन्दु पर विस्तृत स्पष्टीकरण देखें)

सादर, सलमा महमूद 11:17, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

पाकिस्थान यदि इसे युद्ध कहता है, तो सैन्य बल से किया गया कार्य ही युद्ध कहा जाता है। अतः ये आक्रमण आतंकीओं द्वारा ही किया गया था। ओसामा बिन लादेन के द्वारा किया गया आक्रमण भी कदाचित् केवल आक्रमण ही होगा आपके "दृष्टिकोण" में। परन्तु अनेक देशों के वाहिनी माध्यम ने इसे आतंकवादी आक्रमण माना, सरकारों ने माना तो आपके "दृष्टिकोण" का क्या करेंगे? वैसे ही अमिरिका सहित अनेक देशों ने इसे आतंकवादी आक्रमण मानकर निन्दा की है। अतः इसे आतंकवादी आक्रमण कहा गया है। इसके शीर्षक परिवर्तन का भर्त्सना पूर्वक विरोध करूंगा। ॐNehalDaveND 11:34, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
यदि पाकिस्थान के पक्ष का महत्त्व है, तो भारतीय पक्ष भी महत्त्व होना चाहिये न। तभी तो आपके द्वारा कहे गये निष्पक्षता की पूर्ति होगी। तो क्यों इस सम्पान के द्वारा बिना किसी चर्चा के आपने भारतीय पक्ष का अपाकरण किया? यदि पाकस्थान को पक्ष स्थापित करने का अधिकार है तो भारत को भी है। वो दोनों पक्ष यहाँ प्रस्थापित होने चाहिये। इसमें कोई ये कहें कि मैं जिस पक्ष को मानु वही सामने हो, तो ये सम्भव नहीं। ॐNehalDaveND 11:40, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

मुझे "आक्रमण" शब्द का उपयोग ठीक नहीं लग रहा है। वैसे भी पिछले कई लेखों में "हमला" शब्द का ही उपयोग किया गया है और बहुत से हिन्दी समाचार पत्रों ने भी "अमरनाथ यात्रा हमला" का शीर्षक में उपयोग किया है।

अमरनाथ यात्रा पर हमला
अमरनाथ यात्रा हमला
अमरनाथ यात्रियों पर हमला

इन सभी में "हमला" शब्द ही प्रयोग हुआ है। -- (वार्ता) 12:04, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

निहाल जी, यह आपकी निजी राय है, विकिपीडिया स्रोतों पर आधारित है, न कि वि:मूल शोध। वैसे तो अंग्रेज़ी विकि पर वह घटना के लेख का नाम बस en:September 11 attack है, "September 11 TERRORIST attack" नहीं। विकिपीडिया लेखों के शीर्षक में "आतंकी/TERRORIST" जैसे politically loaded यानी राजनीतिक शब्दावली से भरे हुए शब्दों का इस्तेमाल मुनासिब नहीं है। सादर --सलमा महमूद 12:27, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
 विरोध नाम न बदलें। ये आतंकी आक्रमण ही है और इसे आतंकी आक्रमण नहीं कहेंगे तो और किसे आतंकी आक्रमण कहेंगे? यात्रीओं पर अंधाधुंद गोलीबार कर के 7 व्यक्तियों को मार गीराना और ३५ लोगों को बंदूक से घायल करना आतंकी आक्रमण नहीं है ये बात कोई मान नहीं सकता। इसमे भारत के दृष्टिकोण की कोई बात ही नहीं है। फिर भी पाकिस्तान का कोई अलग दृष्टिकोण हो तो इसे भी लेख में अवश्य रखा जा सकता है। किन्तु किसी को भी अपने दृष्टिकोण को सिद्ध करने हेतु विकि नीतियों को अपने हिसाब से चलाना या मानने का अधिकार नहीं है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 13:59, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
 विरोध यहाँ देखें कृपया कौन सा शब्द उचित है। यहाँ साक्षात् विरोधाभास है। एक स्थान पर कहा जाता है कि, हमला सभी स्थानों पर प्रयोग हुआ है, तो उपयोग होना चाहिये, वहीं द्वितीय पक्ष भी प्रस्थापित किया जाता है कि, आतंकवादी इत्यादि शब्दों को राजनैतिक दृष्टिकोण से उपयोग में लेना नहीं चाहिये। वास्तव में दोष शब्दों का नहीं, उपयोग करने वालों के स्वभाव का है। मैं उपयोग करूं वही शब्द उचित और अन्य अनुचित ये कोई तर्क नहीं। बहुत से ऐसे शब्द हमें विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में पढाएँ जाते हैं, जिन को हमने कदाचित् पढा नहीं होगा या अधिक उपयोग नहीं किया होगा। इसका अर्थ ये नहीं कि वो शब्द हिन्दी शब्द नहीं या उचित शब्द नहीं। अतः विरोध। ॐNehalDaveND 14:28, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
अब तो गूगल ट्रांस्लेट ज्ञानकोश के लिए विश्वसनीय स्रोत बन गया है? शायद आपको वि:विश्वसनीय स्रोत को समझने में भी बहुत तक़लीफ़ हो रही है। विकिपीडिया एक लोकतंत्र नहीं है, इसलिए प्रबंधकों से अपील है कि वे विकिनीतियों के मुताबिक़ फ़ैसला करें और न कि वोट काउंट या निजी भावनाओं के मुताबिक़, देखें कि कौन विकिपीडिया प्रिसेडेन्ट (precedent) और विश्वसनीय स्रोतों के हवाले दे रहे हैं और कौन अपने मन के मूल शोध लिख रहे हैं। --सलमा महमूद 15:02, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
कभी कभी लोग चन्द्र को दिखाते समय अङ्गुली का दोष निकालते हैं। आपने वैसे ही किया। मैं केवल आपको चिह्नित कर रहा था वो कोई तर्क नहीं है। तर्क तो नीचे मैंने दिये हैं। "बुद्धिमान् को" संकेत ही पर्याप्त होता है। वो केवल संकेत था तर्क नहीं। लोकतंत्र नहीं ये तर्क के आधार पर ही सिद्ध हुआ है। अतः यहाँ मैं तर्क दे रहा हूँ। आप भी देवें। निर्णय हमें नहीं प्रबन्धकों को करना है। ॐNehalDaveND 15:09, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

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अन्य समस्याएँ

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आतंकवादी

यह हिन्दी विकिपीडिया है, इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि हम सब कुछ भारतीय पक्ष से लिख सकते हैं। वि:निष्पक्ष अभी भी लागू है, "आतंकी आक्रमण", "आतंकियों" आदि पक्षपाती शब्द का विकिपीडिया पर बार बार इस्तेमाल करना अनुपयुक्त है, ख़ासकर इस परिस्थिति में जहाँ हाल में इस हमले को अंजाम देने वाले लोग अज्ञात हैं। तो इसे ज्ञानकोशीय तौर पर "इस्लामी आतंकवाद" कैसे क़रार दिया जा सकता है? शायद यह अलगाववादी आतंकवाद है, शायद यह इस्लामी आतंकवाद है, लेकिन सिर्फ़ "शायद" क्योंकि इस समय पर्याप्त जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

ख़बरों के स्रोत

लेख में कई ख़बरों के हवाले दिए गए हैं और आम तौर पर ख़बरों में पक्षपाती की जाती है, और ख़बरों में पक्षपाती शब्दावली का प्रयोग भी किया जाता है। अलग न्यूज़ नेटवर्कों तो अलग पक्षों से लिखते है, मिसाल के लिए पाकिस्तानी न्यूज़ डॉव्न

वि:निष्पक्ष से : "विश्वसनीय स्रोतों द्वारा प्रकाशित किये गए सभी महत्वपूर्ण विचारों का न्यायपूर्वक, आनुपातिक रूप से और जहां तक ​​संभव हो, पूर्वाग्रह के बिना प्रतिनिधित्व करना।"

सादर, --सलमा महमूद 11:17, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

@Salma Mahmoud: यदि आप पाकिस्थान का पक्ष रखना चाहें तो किसने आपको प्रतिबन्धित किया है। ये विकिपीडिया मञ्च एक से अधिक व्यक्तियों के योगदान से बना है। ये इसलिये क्योंकि जो एक को ज्ञात है उसका द्वितीय पक्ष किसी अन्य को ज्ञात हो सकता है और सभी पक्षों में एक सुदृढ लेख सज्ज हो सकता है। अतः यहाँ आप अपने इस्लामिक विचारों को ध्यान में रखकर जिसे निष्पक्षता का उल्लङ्घन कह रही हैं, वो वास्तव में आपके द्वारा न लिखे जाने के कारण है। आप तथ्यों के आधार पर लिखें। अपना पक्ष प्रबल करने के लिये अन्यों पर आरोप करना अनुचित और निन्दनीय है। इससे व्यक्ति के गुप्त एजण्डे ही प्रत्यक्ष होते हैं। अस्तु। ॐNehalDaveND 11:25, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
निहाल डेव साहिब, ज़ाहिर है कि आपको वि:निष्पक्ष समझने में काफ़ी तक़लीफ़ हो रही है। मैने किसी भी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की, बल्कि लेख की ज्ञानकोशीय निष्पक्षता के बारे में टिप्पणी की। मैने कहाँ से "पाकिस्तानी पक्ष" के लिए माँगी? उपर्युक्त दो बिन्दु हैं: "आतंकवादी" और "ख़बरों के स्रोत", "इस्लामिक विचार" और "पाकिस्तानी पक्ष" मुझे नज़र नहीं आ रही। आप मुझपर व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं - "अपने इस्लामिक विचारों", क्या मैं कह सकती हूँ "निहाल जी अपने हिन्दुत्व विचारों को ध्यान में रखकर..." - ज्ञानकोशीय चर्चा में इन जैसी टिप्पणियों की कोई जगह नहीं है, आपसे यह टिप्पणी सच में ग़लत और निंदनीय है। सादर, --सलमा महमूद 11:59, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
"तो किसने आपको प्रतिबन्धित किया है" - आप, आपने बड़ी शीघ्रता से मेरी बदली को को पूर्ववत किया और यहाँ पर जवाब में मुझपर व्यक्तिगत हमला किया। मैने वार्तापृष्ठ पर यह संदेश लिखी ताकि आप और अन्य भावनात्मक सदस्यों से यह एडिट वार न हो जाए क्योंकि यह लेख एक बहुत विवादास्पद विषय पर है। सादर, --सलमा महमूद 12:08, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
सलमा जी जिस अंश को आपने उठाया है मैं उस आधार पर लेख में परिवर्तन कर रहा हूँ। मुझे वो साँचा मिल नहीं रहा जिस में कार्य चल रहा है ये अंकन होता है। अतः आप से निवेदन है कि लेख को उचत करने का अवसर देवें। कल प्रातः यदि आप जैसे चाहे वैसे न हो तो आप कुछ भी करने के लिये स्वतन्त्र हैं। अस्तु। ॐNehalDaveND 14:10, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
@NehalDaveND: जी, आप {{निर्माणाधीन}} या {{काम जारी}} का प्रयोग कर सकते हैं।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 14:14, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
धन्यवाद। ॐNehalDaveND 14:16, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

@NehalDaveND, आर्यावर्त, SM7, Hindustanilanguage, Dharmadhyaksha, और हिंदुस्थान वासी:, क्या यह सचमुछ बर्बता है? यह तो {{निर्माणाधीन}} हो सकता है, लेकिन क्या इसका मतलब यह हुआ कि {{दृष्टिकोण}} टैग हटाया जा सकता है? क्या असल में यह लेख निष्पक्ष दृष्टिकोण से लिखा गया है? "आतंकियों" "आतंकवादी आक्रमण" "भगवान शिव जी" जैसे शब्दों के साथ? एक भारतीय-समर्थक पक्ष को दर्शाने के लिए लेख में कुछ तथ्य और आरोप सेलेक्टिवली यानी विशेष तौर पर चुने गए और अन्य तथ्य हटाए गए हैं। en:2017_Amarnath_Yatra_attack अंग्रेज़ी विकि लेख पर उल्लिखित तथ्य और इस लेख में उल्लिखित तथ्य को पढ़कर यह बात साफ़ दिखाई दे रही है कि यह हिन्दी लेख निष्पक्ष दृष्टिकोण से नहीं लिखा गया है। --सलमा महमूद 14:38, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

मैं आप से निवेदन कर रहा हूँ कि वो निष्पक्ष वाला अंकन लग जाएगा। अतः उसकी चिन्ता न करें। आप जैसा चाहती है वैसे ही होगा। परन्तु दोनों पक्ष होने ही चाहिये। ॐNehalDaveND 14:41, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
वहाँ से कुछ पाठ्य यहाँ स्थापित कर रहा हूँ जिससे ज्ञात हो कि क्या लिखा गया है वहाँ। The September 11 attacks (also referred to as 9/11)[nb 1] were a series of four coordinated terrorist attacks by the Islamic terrorist group al-Qaeda on the United States on the morning of Tuesday, September 11, 2001. The attacks killed 2,996 people, injured over 6,000 others, and caused at least $10 billion in infrastructure and property damage.[2][3] ॐNehalDaveND 15:05, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
यह लेख में ज़रूर लिखा जा सकता है, लेकिन आप इसको टाइटल में क्यों पुश करना चाहते है? वैसे तो ओसामा बिन लादन और अलक़ायदा ने उस हमले के लिए ज़िम्मेदारी स्वीकार की थी, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले के लिए रिस्पॉसबिलिटी एक्सेप्ट करने से मना किया था और साथ ही लश्कर ने हमले की निंदा भी की, तो आप इस हमला को लश्कर के जानिब से इस्लामी आतंकवादी कैसे कह सकते हैं? --सलमा महमूद 16:19, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
आपने {{दृष्टिकोण}} के बारे में कुछ नहीं कहा। टैग लेख पर फिर से लगाया जाए, जब तक इस मसला का हल नहीं हुआ, तब तक टैग को नहीं हटाना जाना चाहिए। --सलमा महमूद 16:40, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
मेरे मत से दृष्टिकोण वाली टैग लेखक को नहीं हटानी चाहिये। अन्यत्र चर्चा में नेहल जी ने लिखा है कि टैग पुन: लगा देंगे। {{निर्माणाधीन}} टैग लगी हो तो इसका मतलब ये होता है कि टैग लगानी ही नहीं चाहिये किन्तु दृष्टिकोण वाली टैग लगाने के समय लेख में निर्माणाधीन वाली टैग नहीं थी। अभी दृष्टिकोण जाँच वाली टैग नहीं है तो लग जायेगी और समीक्षा भी होगी ही अत: चिंता मत करें।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 16:50, 14 जुलाई 2017 (UTC)\उत्तर दें
नेहाल मेरे साथ चिकन खेल रहा है। टैग के विषय को लेकर वह कुछ नही कहता लेकिन मेरी सारी बदलियों को शीघ्रता से निकालता है। मैं यहाँ पर 2013 से योगदान दे रही हूँ और आज वि:निष्पक्ष की पूर्ति के लिए मैं अचानक से "बर्बर" बन गई हूँ? उसने फिर से मेरी बदली को "बर्बता" कहा, अगर किसी प्रबंधक इस बदमाशी को लेकर कुछ नहीं करेंगे तो मुझे मेटा पर इस सदस्य को लेकर RfC खोलना पड़ेगी। --सलमा महमूद 17:01, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
कृपया धमकाओ नहीं। तुम जाओ और करों। ॐNehalDaveND 17:04, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
फिर से कोई जवाब नहीं। तुम्हारी संपादन जंग बन्द करो और टैग को वापस लगाओ। --सलमा महमूद 17:09, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
आप दोनों से अनुरोध है कि धैर्य रखें और हो सके तो कुछ समय के लिये इस चर्चा और लेख को ऐसे ही छोड़ दें और दूसरे सदस्यों को इसे पढ़ने का और आप दोनों के द्वारा दिये गये सन्दर्भों को देखकर समीक्षा करने का अवसर प्रदान करें। आप दोनों समझदार हैं और पुराने सदस्य हैं।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 17:09, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
आर्यावर्त जी, यहाँ पर दृष्टिकोण को लेकर चर्चा चल रही है और इस सदस्य के मुताबिक़ लेख पर {{दृष्टिकोण}} का टैग लगाना "बर्बरता" है। क्या आपको लगता है कि यह बात ठीक है? मेरी भी राय है कि अभी के लिए लेख को ऐसे ही छोड़ दें लेकिन {{दृष्टिकोण}} टैग लगाना जाना चाहिए। --सलमा महमूद 17:16, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
इस विषय पर मैं कब से आपको विनति कर रहा हूँ कि ये इसलिये हुआ क्योंकि वो साँचा निर्माणाधिन मुझे मिल नहीं रहा था। आपने बिना किसी संवाद से पक्षपात पूर्ण तथ्य उसमें सम्मिलित कर दिये। फिर भी मैं आप से सादर कहता रहा हूँ और कह रहा हूँ कृपया मुझे अपना कार्य करने देवें। मेरा समय लेख को परिष्कृत करने में नहीँ आपकी बर्बकता के पीछे जा रहा हैं। ॐNehalDaveND 17:22, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
सलमा जी दृष्टिकोण जाँच टैग अवश्य लगना चाहिये किन्तु अभी सदस्य के अनुरोध पर उनका लेख निर्माण पूर्ण होने दें तो अभी आगे विवाद भी नहीं होगा। बाद में भी किसी भी समय लेख को दृष्टिकोण जाँच हेतु नामांकित किया जा सकता है। टैग लगाना बर्बरता नहीं है किन्तु सदस्य की उपरोक्त टिप्पणी के बाद लेख निर्माण के लिये समय दें और उसके बाद टैग से लेकर समीक्षा का कार्य हो तो अच्छा है। ऐसा मेरा मानना है। लेख की दृष्टिकोण जाँच होगी ही और टैग भी लगेगी किन्तु अभी धैर्य रखें तो ये विवाद भी यहीं शांत हो जायेगा। सम्पादन युद्ध से कोई फायदा नहीं है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 17:36, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

चर्चा पर विचार

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मेरे पास आप से विवाद करने का समय नहीं। आपने जो कहा वो अपना मत स्थापित किया और उस पर अन्य व्यक्ति का क्या कहना है, ये जानने से पूर्व ही अपना मन चाहा किया। मुझे क्या आता है या नहीं ये मुझे पता है तो आपको बताने की आवश्यकता नहीं। निष्पक्षता को दोनों दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिये यही मेरा कहना है। यदि पाकिस्थान का दृष्टिकोण प्रस्थापित करना आवश्यक है, तो भारत का भी दृष्टिकोण प्रस्थापित कर दोनों पक्षों को प्रस्थापित करना चाहिये इतना मेरा मत है। अन्य सदस्यों की प्रतिक्रिया परन्त प्रतीक्षा करें। आपका और मेरे एकाकी का ये विवाद न बानाएँ कृपया। ॐNehalDaveND 13:53, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

लेकिन तुम्हारे पास एडित वारिंग करने के लिए बहुत सारे वक़्त है न? तुम बिना सोचे-समझे दूसरों की बदलियों को निकाल करते हो और फिर चर्चा नहीं करना चाहते हो? तुम ने टैग हटा दिए और कह रहे कि "स्रोत खोज रहा हूँ" जबकि मैने मेरी पहली बदली में स्रोत से विषयवस्तु डाली। स्रोतों के मुताबिक़ यह बाद ज़ाहिर है कि लश्कर इस हमले के लिए ज़िम्मेदार नहीं है, लेकिन फिर भी तुम बार बार यह वाक्य "इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा[1] के द्वारा किये गये इस आतंकी आक्रमण" लेख में शामिल क्यों कर रहे हो? --सलमा महमूद 14:13, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
("तुमने ही सही") पाकिस्थान का इस से कोई प्रयोजन नहीं ये तुमने कहा। परन्तु लश्करे तोयबा लेख में लिखा गया है कि यह एक पाकिस्थान में स्थित आतंकवादी संगठन है। अतः तुम से निवेदन है कि मैं इस लेख का परिष्कार करता हूँ तब तक तुम उस लेख में आतंकवादी संगठन न होने के तथ्य जोड़ दो। अस्तु। ॐNehalDaveND 14:36, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
* 2016 गुलशन हमला, 2016 उड़ी हमला, आदि से संगति करते हुए आतंकवादी शब्द यथोचित ही है। उस लेख को पढा चाए कृपया। ॐNehalDaveND 14:57, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
उनके द्वारा हमले के दौरान कथित तौर पर "अल्लाहु अकबर"! कहा गया।[1][2] ये वहाँ लिखा है। फिर भी ये इस्लामिक आतंकवाद का आक्रमण नहीं है ये कैसे कहा जा सकता है। यदि वो आतंकवादी संस्था पाकिस्थान में है तो कैसे पाकिस्थान का उल्लेख न हो? ॐNehalDaveND 14:59, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
निहाल डेव जी
  • मैं आपके सुझाव से सहमत हूँ कि अगर विश्वसनीय स्रोतों के मुताबिक़ यह बात साबित हुई है कि इस हमला के पीछे लश्कर या किसी इस्लामवादी का हाथ है, यह इस्लामी आतंकवाद बिलकुल कहा जा सकता है - लेकिन टाइटल में हरगिज़ नहीं - यह 2016 गुलशन हमला, 2016 उड़ी हमला, आदि से संगति करने की बात है। जम्मू और कश्मीर में विद्रोह को नज़र में रखते हुए यह अलगाववादी आतंकवाद क्यों नहीं कहा जा सकता है?[3]
  • हाल में भारतीय पुलिस का आरोप है कि लश्कर इस हमला के लिए ज़िम्मेदार है, लेकिन लश्कर स्वय्ं के मुताबिक़ उन्होंने यह हमला नहीं किया [4][5] यह भी मानना जाता है कि हमले के पीछे शायद हिज़्बुल मुजहिद्दीन और लश्कर दोनों के हाथ है, पर असल में हमले के पीछे संगठन और सभी हमलावर अज्ञात है![6] - तो लेख में ""इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा[1] के द्वारा किये गये इस आतंकी आक्रमण" लिखना बिल्कुल अनुचित है।
  • हमलावरों को बार बार "आतंकियों" कहना ग़लत है, यह साफ़ पक्षपाती है - "आतंकी/स्वतंत्रता सेनानी" जैसे शब्द पक्षपाती करते है जबकि शब्द "हमलावर" निष्पक्ष और तटस्थ है। आपने कहा कि "तथ्यों के आधार पर लिखें" - किसी एक के नज़रिए में वे आतंकियों हैं और किसी दूसरे के नज़रिए में वे स्वतंत्रता सेनानी लेकिन वास्तविक तथ्य है कि वे हमलावर हैं।
  • हाँ लश्कर पाकिस्तान में स्थित संगठन है, लेकिन यह पाकिस्तान यानी पाकिस्तान सरकार की एक आधिकारिक संसथा नहीं है तो स्थिति के अतिरिक्त पाकिस्तान इस हमला से क्या वास्ता है? आप इस पूरी आतंकी संस्था को पाकिस्तानी राष्ट्रीयता कैसे दे सकते हैं?
सादर, --सलमा महमूद 16:07, 14 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
 References
  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; fox नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. "Bangladeshi police prepare to storm restaurant where Islamist terrorists are holding 20 hostages - including foreigners - after shooting two officers dead in Dhaka". अभिगमन तिथि 1 July 2016. Worker who escaped reported gunmen shouted 'Allahu Akbar' as they fired
  3. http://www.hindustantimes.com/india-news/against-kashmiri-ethos-separatist-leaders-condemn-attack-on-amarnath-pilgrims/story-Mt37qa5mYiPP6inLJofU5M.html
  4. https://jandkheadlines.com/headlines/lashkar-condemns-attack-amarnath-pilgrims-calls-reprehensible-unislamic/
  5. https://kashmirobserver.net/2017/local-news/ujc-lashkar-flay-attack-say-we-protect-yatris-20349
  6. http://www.firstpost.com/india/7-amarnath-yatra-pilgrims-killed-in-terror-attack-yatris-werent-the-target-police-bunkers-were-media-told-3798823.html

चर्चा के पश्चात् परिवर्तन

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अमुक अंश हैं जो लोकतन्त्र के आधार पर नहीं तर्क के आधार पर निर्धारित किये जाने हैं। परन्तु उसके पूर्व ये मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि, जब तक यहाँ स्थिति स्पष्ट न हो जाए, तब तक लेख में दृष्टिकोण अंकन नहीं करने दिया जाएगा। अतः कृपया इस चर्चा के समाप्त होने तक धैर्य के साथ कार्य करें।

दृष्टिकोण

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दृष्टिकोण अंकन के विरोध में मैं इसलिये हूँ, क्योंकि इस नीति का आश्रय लेकर दृष्टिकोण की भावना को ही परिवर्तित की जा रही है। पाकिस्थान, विद्रोही और उनके समर्थक (भारत या पाकिस्थान के) चाहते हैं कि आतंकी आक्रमणों को या तो विद्रोहीयों का कार्य या योद्धाओं (militant) का कार्य कहा जाए। इसे किसी भी स्थिति में आतंकवादी आक्रमण माना न जाए। 26/11 आक्रमण को भी पाकिस्थान ने स्वीकार नहीं किया था।[1] इसका अर्थ ये नहीं कि वो आतंकी आक्रमण नही केवल आक्रमण है। अतः दृष्टिकोण नीति का आश्रय लेकर ये न करने के लिये कहा जा रहा है। आतंकवादीयों को आक्रमणकारी कहना सीधा पक्षपात होगा।

 References

शीर्षक में आतंकी और हमला

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कुछ परिपाटि होती है, जो परिवर्तित होती है। सबने किया वही करना है ऐसा विकिपीडिया नहीं मानता। विकिपीडिया कहता है, तथ्य उचित हों परन्तु लिखा आपके अपने शब्दों में होना चाहिये। तथ्य उचित है और शब्द मैंने अपने स्वीकार किये हैं अतः शीर्षक परिवर्तन करने का कोई प्रश्न ही नहीं है। हमला शब्द यदि उचित है, तो क्यों आक्रमण शब्द अनुचित है? समाचारपत्र, समाचार वाहिनीयां हमला इस शब्द का प्रयोग करें तो क्या हमें करना अनिवार्य है? क्या हिन्दी का स्तर इतना निम्न हो गया है कि, आक्रमण शब्द कोई समझ न पाएँ? यदि मैं कल कुछ स्थानों पर मुझे अपना रुचिकर शब्द लिखने की इच्छा हो, तो क्या मुझे इसके लिये अनुमति दी जाएगी? विविधता शब्दों में होती है, अतः सब को एक ही शब्द उपयोग करना चाहिये जो सब करते हैं, ये तो अपने शब्दों में लिखने की स्वतन्त्रता का हनन ही है। मुझे जो शब्द उचित लगे और वो शब्द उस घटना को प्रतिबिम्बित करता हो इतना पर्याप्त है और ये "आक्रमण" शब्द उस घटना को प्रतिबिम्बित करता है इस में कोई शंका नहीं। आतंकी शब्द के विषय में पहले ही बताया जा चुके है कि आतंकीयों को आक्रमणकारी कहना स्वीकार्य नहीं। शीर्षक में ये हो तो किसी नियम का उल्लङ्घन नहीं हो रहा। पाकिस्थान स्वयं इसे आतंकवादी आक्रमण मानता है। अतः निष्पक्षता की जो गान किया जा रहा है, उसके आधार पर भी ये उचित ही है। वे आतंकवादी ही हैं।[1] अब इस विषय पर आपके विचार परिवर्तित न हो ये आशा है। क्योंकि आगे आपने ही इसे विश्वसनीय स्रोत का स्थान दिया है। उसी विश्वसनीय स्रोत का ये शीर्षक है।

स्थिति के बदले स्थित होना चाहिये। दूसरी बात जो स जी ने रखी है और अन्य स्थान पर उनके साथ चर्चा भी हुई थी। तदनुसार हमला शब्द ज्यादा प्रचलित है और सर्च भी हमला शब्द से हो रहे हैं किन्तु लेख में हमला शब्द न होने के कारण लेख परिणामो में नहीं दिख रहा।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 04:01, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
ये प्रथम ही दृश्यमान है। ॐNehalDaveND 04:14, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
ये देखें। ज्यादातर लोग ये सर्च करते हैं और हमारा ये लेख कहीं भी दृष्यमान नहीं हो रहा है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 04:18, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
दिख रहा है वहाँ। अभी अधिक अन्वेषण होगा तो सब से ऊपर आ जाएगा। अतः कृपया विषय को समझें ॐNehalDaveND 04:23, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
ठीक है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 04:31, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
हमला शब्द के लिये जो चर्चा हो रही है। उसके लिये मुझे अधिक समय की आवश्यकता है। अतः निवेदन है कि इस विषय के अतिरिक्त अन्य विषय पर प्रथम चर्चा हो। ॐNehalDaveND 04:26, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
यदि आपके पास विज्ञापन प्रतिरोधक (Ad blocker) है तो उपयोग करें। क्योंकि जहाँ विज्ञापन प्रतिरोधक कार्य नहीं कर रहा, वहाँ विकिपीडिया का पृष्ठ प्रथम नहीं दिख रहा। जहाँ विज्ञापन प्रतिरोध कार्य कर रहा है, वहाँ ये प्रथम ही दिखा रहा है।[2] अभी ये ज्वलन्त अंश है अतः विज्ञापनों को ऊपर दिखा रहा है, पश्चात् विकिपीडिया को ही ऊपर दिखाएगा। विज्ञापन प्रतिरोधक में तो अभी से ही प्रथम बता रहा है। ॐNehalDaveND 05:18, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

पाकिस्थान का उल्लेख

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पाकिस्थान ने आक्रमण करवाया ऐसा कहीं भी लिखा गया नहीं है। लिखा गया है कि, पाकिस्थान में स्थिति[1] इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने इस आक्रमण का दायित्व स्वीकार नहीं किया।[2] अतः बात को अपने अनुसार परिवर्तित करना अनुचित ही है। इस्लाइल पाकिस्थानी आतंकवादी है, ये स्वीकारा गया है। अतः केवल इतना जोड़ सकते हैं कि, उसके पाकिस्थानी आतंकवादी होने की पुष्टिता नहीं हुई है, जो जोड़ भी दिया है।

अन्तिम सन्देश

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समुदाय जो भी कहना चाहें, वो उक्त अंशों में कहें। जिससे अनेक विषयों में मिश्रण न हो जाए। परन्तु जब तक चर्चा का निष्कर्ष न आये किसी भी प्रकार के अपने मत का उपस्थापन लेख में करने का प्रयास न करें। क्योंकि लेख निष्पक्ष है, यदि कोई समस्या है तो यहाँ उपस्थापित करें, उसका समाधान किया जाएगा। (चर्चा के पश्चात्।) अस्तु। ॐNehalDaveND 03:38, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

चर्चा जारी

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आप क्यों बार बार यह नये अलग अलग सैक्शन बना रहे हैं? विकिपीडिया आपके द्वारा समझे गए "तर्क" के मुताबिक़ नहीं चलता है, बल्कि स्रोतों के मुताबिक़। विकिपीडिया नीतियों में "लिखने की आज़ादी" आपने कहाँ से पढ़ा? विकिपीडिय एक निजी ब्लॉग नहीं है जहाँ आपको लिखने की आज़ादी प्राप्त है, यहाँ पर नीतियाँ मौजूद है। पता नहीं कि आप क्यों बार बार यह दोहरा रहे हैं कि "पाकिस्तान ("स्थान" नहीं) का पक्ष", "पकिस्तान", पाकिस्तानी पक्ष, आदि इस चर्चा में अप्रासंगिक है। विकिपीडिया लेख एक पक्ष से लिखा जाता है और वो है निष्पक्ष।

विषयवस्तु

यह वाक्य एक ग़लत जानकारी है और लेख से हटाना जाना चाहिए

संगठन लश्कर-ए-तैयबा[1] के द्वारा किये गये इस आतंकी आक्रमण

मैने अब कई बार स्रोत दिए हैं कि यह असल में सच नहीं है, लश्कर-ए-तैयबा ख़ुद ने हमले में भाग लेने से इनकार कर दिया है औसे इसके साथ-साथ लशकर ने ख़ुद इस हमले की निंदा की थी[1] (यह बात "प्रतिक्रिया" नामक सैक्शन में उल्लिखित होनी चाहिए, जैसे कि अंग्रेज़ी विकि पर, मेरी बदली को निकाल करने से इस तथ्य को सेन्सर मत कीजिए)

लेख में भी यह ही लिखा है कि -

हालांकि इस्माइल को अपना आतंकी न बताकर लश्कर-ए-तैयबा ने इस घटना में उनकी भागीदारी होने से इनकार कर दिया है

तो यह दोनों कोन्ट्रॉडिक्टिंग वाली बातें लेख में क्यों शामिल है?

और इंफ़ोबॉक्स में यह क्यों हटाया गया है?

हमलावर = (लश्कर-ए-तैयबा) (उत्तरदायित्व अस्वीकृत)[2]

इंफ़ोबॉक्स में इस स्रोत सहित बदलाव को लेकर क्या ग़लत है?

यह बस तथ्यों का मसला है, पक्ष नहीं। --सलमा महमूद 16:49, 15 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें

आपने लेख पढा या ऐसे ही बोल रहे हैं? ॐNehalDaveND 04:34, 16 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
आपके उकसावे में मुझे कोई रस नहीं है। आप जो बोलना चाहें वो बोलते रहें। ये समझने में समस्या है वो समझने में समस्या है ये सब बोल बोल कर आप मुझे चाहे जितना उकसायें मेरे लिये वो कोई महत्त्व का नहीं है। आपने या अन्योंने जो भी समस्याएं बताई थी वो मैंने लेख में अन्तर्भूत कर दी है। यदि आक्रमण शब्द हिन्दी शब्द नहीं होता तो मैं सोचता। आप सबों का अभ्यास जिस में है उसी शब्द को मैं लिखूं ये योग्य नहीं। वो शब्द उस भावना को प्रदर्शित न करता तो भी मैं सोचता, परन्तु वो शब्द उस भावना को प्रदर्शित कर रहा है, अतः मैं उस विषय पर किसी को भी हस्तक्षेप करने नहीं दे सकता। चाहे कोई मुझे किसी भी स्तर पर दण्ड देने की बात करे। सार - आप पुरा लेख पढें। आपके अंशो की सूची से मिलायें, जो अंश आपके पूर्ण नहीं हुए हैं वो यहाँ लिखें और मैं समाधान करूंगा। अस्तु। ॐNehalDaveND 05:06, 16 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
@आशीष भटनागर:महोदय, आपके मार्गदर्श की ही अभिलाषा थी। आपके द्वारा ये सम्पादन किया गया उसमें मुझे आप से एक विनति करनी है। कृपया वाक्य का आरम्भ "अमरनाथ यात्रा पर आतंकी आक्रमण (हमला)" इन शब्दों से करें। क्योंकि ऐसे न लिखने से गूगल अन्वेषण में विकिपीडिया का लेख नीचे चला जा रहा है। उक्त पुरा शब्द समुच्चय अन्वेषण का मुख्य भाग (हूक) है। अतः ये निवेदन कर रहा हूँ। आपके मार्गदर्शन के लिये कृतज्ञ हूँ। ॐNehalDaveND 05:35, 16 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
@NehalDaveND: जी! नमस्कार.
इतने से कार्य के लिये कृतज्ञ जैसा भारी प्रत्युत्तर न प्रयोग करें, मैं उसके भार से ही दब जाऊंगा। अब आगे लिखता हूं। एक अभ्यास(प्रैक्टिस) विकि पर किया जाता है कि लेख का आरम्भिक शब्द यथासंभव लेख के नाम से बना हो। किन्तु ये भी ध्यान योग्य है कि यहां यथासंभव दिया है। आप बाध्य नहीं हैं कि चाहे भाषा बिगड जाये किन्तु आरम्भिक शब्द शीर्षक से ही लिये जाएं। अतः ये बात यहां भी लागू होती है। पहले के शब्द देखकर मुझे समझ में आ गया था कि इस नियम के पालनार्थ ही इतना लम्बा वाक्यांश यहां प्र्योग किया गया था, किन्तु उसे सुधार कर अब शायद बेहतर किया है, अब जहां संभव ही नहीं है कि शीर्षक को यथा प्रयोग किया जाए तो आप कैसे प्रयोग करेंगे। अब कोई कोई लेख इस कारण से नीचे चला जाये तो जाये, किन्तु इस कारण से हम अपनी भाषा को नहीं बिगाड़ सकते हैं। इसके उदाहरणार्थ आप अंग्रेज़ी का समानांतर लेख भी देख सकते हैं। अतः मेरी ओर से मार्गदर्शन चाहें तो इस नियम को यथासंभव के साथ प्रयोग करें, अनिवार्य रूप से नहीं। प्रायः समाचारपरक लेखों में ये समस्या आयेगी और तब आप ये अपवाद ध्यान रखें व भाषा की गुणवत्ता का साथ दें। शेष आपका विवेक। स्मरण करने हेतु धन्यवाद।आशीष भटनागरवार्ता 08:30, 16 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
सलमाजी की ओर से कोई प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। मैंने सब के निर्देशानुसार लेख में उचित परिवर्तन भी किये हैं। निर्माणाधीन अंकन को अपाकृत करना चाहता हूँ, परन्तु भय है कि पुनः अपने अनुसार बनाने के लिये बिना चर्चा सलमाजी सम्पादन कर विवाद उत्पन्न करें। अतः मेरा निवेदन है कि पहले चर्चा करें और फिर सम्पादन। इससे विवाद की सम्भावना नहीं होगी। अस्तु। ॐNehalDaveND 07:48, 19 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
नेहाल जी, अमरनाथ यात्रा पर आतंकी आक्रमण (2017) लेख पर आपने जो काम किया है, उसके लिए धन्यवाद। चूँकि घटना का एक भाग सलीम शेख की वीरता भी है, जिसका वर्णन समाचार पत्रों ने "अपनी जान पर खेल कर बस को आतंकियों से दूर भगाने वाले" के रूप में किया है, मैं आभारी रहूँगा यदि इसका भी अपने लेख के एक अनुभाग में विशेष उल्लेख करें। धन्यवाद! --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 20:44, 22 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
@Hindustanilanguage: संवाद के सातत्य के लिये यहाँ स्थापित किया। मैं आपसे निवेदन करूंगा कि, आप पुरा लेख पढें। सभी बातें प्रस्तावना में नहीं आसकी हैं। सलमा जी का जो भी कहना था सब लेख में था। परन्तु वो चाहती थी कि प्रस्तावना में आए। अब आप भी वही कर रहे हैं। आपने जिस चालक की बात की है, उसका उल्लेख लेख में है। अतः कृपया पुरा लेख पढें ये निवेदन। अस्तु। ॐNehalDaveND 02:59, 23 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
@Hindustanilanguage और NehalDaveND:
नेहाल साहिब, आपने मेरा मैसिज पढ़ा या ऐसे ही बोल रहे हैं? मैं यहाँ पर "बोल" रही हूँ क्योंकि मैं आपकी संपदन जंग में हिस्सा नहीं लेना चाहती हूँ, क्योंकि यह विकिपीडिया और यहाँ पर नीतियाँ लागू हैं, आपकी "लास्ट मैन स्टैंडिंग" खेल नहीं।
मेरी बदली (जो नेहाल के मुताबिक़ "बर्बरता" है) को निकालकर नेहाल जी ने इस फ़ैक्ट को सेन्सर किया था कि "लश्कर-ए-तैयबा ख़ुद ने हमले में भाग लेने से इनकार कर दिया है और इसके साथ-साथ लशकर ने ख़ुद इस हमले की निंदा की थी"। मेरे द्वारा बारम्बार अनुरोध करने के बाद उन्होंने आख़िरकार इस फ़ैक्ट को लेख में शामिल किया, लेकिन उन्होंने बड़ी चालाकी से इस फ़ैक्ट को अपने पक्ष में कंटेक्स्टुअलाइज़ करके शामिल किया। -
"इसके पूर्व 26/11 आक्रमण[16], पठान चौक आक्रमण[17] [18] [19] और उरी आक्रमण[20] का श्रेय लेने वाले इस्लामी आतंकी संगठन लश्कर ए तोयबा ने इस घटना को अनिस्लामिक कहते हुए..."
यहाँ अंग्रेज़ी लेख पर इस कंटेक्सटुअलाइज़ेशन भी डाल दीजिए, सिर्फ़ हिन्दी, गुजराती और संस्कृत विकियों पर क्यों?
इंट्रोडक्शन में यह वाक्य "लश्कर-ए-तैयबा[2] के द्वारा किये गये इस आतंकी आक्रमण" अभी भी मौजूद है जो पढ़ने वालों को पूरी तरह से यक़ीन दिलाता है कि निश्चित तौर पर इस हमले लश्कर के द्वारा किया गया था, जबकि ज़ी न्यूज़ से अधिक विश्वसनीय स्रोत इस "फ़ैक्ट" को झूठी साबित कर दिया क्योंकि यह बस इंडियन गवर्नमंट और पुलिस का इलज़ाम है।
और वे दूसरे सदस्यों (जिन्हें उनके पक्ष से सहमत नहीं करते) के एडिटों को "बर्बरता" क़रार देकर निकालते हैं, उन्होंने टैग {{दृष्टिकोण}} का इस प्रोपगांडा पीस पर लगाना को भी "बर्बरता" क़रार दिया था जबकि मैने टैग लगने के लिए कई कारणों के हवाले दिए - दोहरावदारी, "भगवान जी" "आतंकियों" जैसे पक्षपाती शब्दों का बारम्बार इस्तेमान, उनके पक्ष दर्शाने के लिए ख़ार तौर पर नेहाल जी के द्वारा चुने गए सेलेक्टिव फ़ैक्टों को लेख में एम्फ़िसाइज़ हो गए हैं जबकि दीगर फ़ैक्ट चालाकी तरीक़ों से कंटेक्स्टुअलाइज़ किए गए हैं या पूरी तरह से सेन्सर हो गए है।
लगभग एक सप्ताह से ज़्यादा वक़्त गुज़र चुका है और अभी तक प्रबंधकों से कोई मीडिएशन नहीं हुआ, नेहाल जी ने इस लेख को अपना निजी प्रॉपर्टी को मानकर इसे एक प्रोपगांडा पीस में तबदील किया और दूसरे सदस्यों से मिलकर आम सहमति हासिल करने से बारम्बार उनकी इनकारी एक ज़ाहिर सा निशाना है कि इस सदस्य विकिनीतियों के मुताबिक़ काम करने में कोई रुचि नहीं रखते हैं। हिन्दी और दीगर इंडियन/पाकिस्तानी भाषई विकिपीडियाओं की निष्पक्षता, जो कि विकिपीडिया के सबसे अहम और बुनियादी वि:पाँच सिद्धान्त में से एक है, को लेकर मैं बहुत फ़िक्रमन्द हूँ।
सादर, --सलमा महमूद 12:13, 23 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
मैं सभी को तर्क के आधार पर ही चर्चा करने के लिये बोल रहा हूँ। जो आप भी कह चुकी है। आपने आतंवादीओं शब्द पर बोला तो मैंने उसका तर्क ऊपर दिया, वहाँ लिखा गया है कि आरोप है फिर भी आप जो चाहते हैं वही अर्थ नीकले तो मैं कुछ नहीं कर सकता। बारं बार मुझे नीतियों का ज्ञान नहीं और मैंने अपना व्यक्तिगत लेख बना लिया है इसको आप व्यक्तिगत प्रहार नहीं मानेंगे। कुछ मैं कहूँ तो वो व्यक्तिगत आक्रमण हो जाएगा। आप सीधे सीधे तर्क देवें आतंकवादी क्यों नहीं लिखना है, लश्कर-ए-तोयबा क्यों नहीं लिखना है। दोनों पक्ष होने चाहिये और वो है। मैंने किसी को यहाँ चर्चा करने के लिये मना नहीं किया है। आपने इसे चौपाल पर अंकित किया है, जब लोग चाहेंगे आएंगे। मैंने अपने तर्क दिये आप अपने देवें। जो आयेगें वे सब निर्णय करेंगे। इसमें आरोप लगाने की कोई बात नहीं। आपके प्रत्येक प्रत्युत्तर में एक या दो आरोप होते हैं तर्क नहीं। इस बार तर्क देवें। सीधी बात करें। अस्तु। ॐNehalDaveND 12:47, 23 जुलाई 2017 (UTC)उत्तर दें
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