विदिशा
विदिशा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2] विदिशा मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर-पूर्व हिस्से में अवस्थित है तथा पश्चिम में मुख्य पठार से जुड़ा हुआ है। ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र मध्यभारत का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा सकता है। नगर से दो मील उत्तर में जहाँ इस समय बेसनगर (Besnagar) नामक एक छोटा-सा गाँव है, प्राचीन विदिशा बसी हुई है। यह नगर पहले दो नदियों के संगम पर बसा हुआ था, जो कालान्तर में दक्षिण की ओर बढ़ता जा रहा है। इन प्राचीन नदियों में एक छोटी-सी नदी का नाम 'वैस' है। इसे विदिशा नदी के रूप में भी जाना जाता है।
विदिशा Vidisha | |
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निर्देशांक: 23°32′N 77°49′E / 23.53°N 77.82°Eनिर्देशांक: 23°32′N 77°49′E / 23.53°N 77.82°E | |
देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | विदिशा ज़िला |
ऊँचाई | 424 मी (1,391 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,55,951 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 464001 |
दूरभाष कोड | MP 40 |
मध्य प्रदेश का एक शहर विदिशा अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्मारकों के लिए जाना जाता है। रामायण में विदिशा का सबसे पहला संदर्भ मिलता है, जब शत्रुघ्न के बेटे को इस क्षेत्र का प्रभार संभालने के लिए कहा गया था। प्रसिद्ध साँची स्तूप विदिशा से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। विदिशा में पर्यटन आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख हिस्सा है।
लोग
संपादित करेंविदिशा में जन्में श्री कैलाश सत्यार्थी को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
भूगोल तथा जलवायु
संपादित करेंइसकी भौगोलिक स्थिति बड़ी ही महत्त्वपूर्ण रही है । पाटलिपुत्र से कौशाम्बी होते हुये जो व्यापारिक मार्ग उज्जयिनी (आधुनिक उज्जैन) की ओर जाता था वह विदिशा से होकर गुजरता था। यह वेत्रवती नदी के तट पर बसा था, जिसकी पहचान आधुनिक बेतवा नदी के साथ की जाती है। बेतवा की सहायक नदी धसान नदी के नाम में अवशिष्ट है। कुछ विद्वान इसकानामकरण दशार्ण नदी (धसान) के कारण मानते हैं, जो दस छोटी-बड़ी नदियों को मिला कर बहती थी।
इस क्षेत्र की जलवायु अत्यन्त स्वास्थ्यवर्द्धक है। कर्क रेखा के आसपास स्थित इस क्षेत्र में न अधिक ठंड पड़ती है, न ही अधिक गर्मी। बारिश साधारणतया ४० इंच होती है। एक किवदंती के अनुसार यहाँ की अजस्र जल देने वाली बदली लंगड़ी है अतः उस पर दया करके बड़े-बड़े बादल यहाँ जल बरसा जाते हैं। यहाँ कभी सूखा नहीं पड़ता। विदिशा के समीप से ही विंध्य पर्वतों की श्रेणियों का सिलसिला पूर्व से पश्चिम की ओर गया है। ये श्रेणियाँ न तो अधिक ऊँची है, न ही लंबी और वेस नदी के किनारे गरुण स्तम्भ स्थित है । इस स्तंभ का निर्माण हिलयोडोरस ने करवाया जिस कारण इसे हिलयोडोरस स्तंभ भी कहते है ।[3]
जनसंख्या
संपादित करेंभारत की जनगणना की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में विदिशा की जनसंख्या 155,951 है। 2024 में विदिशा शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 220,000 है | [4]
चित्रदीर्घा
संपादित करें-
बेसनगर का पुरातात्विक प्लान
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बेसनगर के पुरातात्विक स्तर : सामने वासुदेव का मन्दिर,तथा पीछे हेलिओडोरस स्तम्भ
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पंचम काल के बेसनगर के मृतिका पात्र
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बेसनगर के चाँदी के सिक्के जिन पर पंच से चिह्नांकन किया गया है।
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बेसनगर से प्राप्त यक्षिणी
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बेसनगर का कल्पद्रुम
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बेसनगर के बौद्ध जँगले (रेलिंग्स)
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बेसनगर के शुंग काल के बौद्ध जँगले (रेलिंग्स)
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बेसनगर के स्तम्भ का शीर्षभाग
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हेलिओडोरस स्तम्भ का दृष्य
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बेसनगर से प्राप्त गंगा की मूर्ति
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- मध्य प्रदेश सरकार Archived 2006-01-15 at the वेबैक मशीन
- विकिमैपिया पर
- उदयगिरी (विदिशा) (लेखक - पा.ना. सुब्रमणियन)
- तूमैंन
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
- ↑ [http:/ /www.fallingrain.com/world/IN/35/Vidisha.html Falling Rain Genomics, Inc - Vidisha]
- ↑ "Vidisha Population 2024".