विधुशेखर शास्त्री
विधुशेखर शास्त्री (1878-1957) एक बंगाली संस्कृत विद्वान, संपादक और भाषाविद् थे। उन्हें वैदिक साहित्य, फ्रेंच, जर्मन, तिब्बती और चीनी भाषाओं का ज्ञान था। [1]
विधुशेखर शास्त्री | |
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जन्म |
1878 हरिश्चन्द्रपुर, मालदा |
मौत |
1957 (आयु 78–79) कोलकाता, पश्चिम बंगाल, India |
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंविधुशेखर शास्त्री का मूल नाम विधुशेखर भट्टाचार्य [2] था। उनका जन्म मालदा के पास हरिश्चंद्रपुर में हुआ था। उन्होंने टोल में पढ़ाई की। काव्यतीर्थ की उपाधि प्राप्त करने के बाद वे उच्च अध्ययन के लिए बनारस चले गए। वे संस्कृत भाषा में निपुण हो गए और गद्य तथा पद्य लिखने लगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बनारस से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। शुरुआत में उन्होंने कोलकाता में मेट्रोपोलिटन बहुबाजार शाखा स्कूल में शिक्षण किया। [3] 1905 में उन्होंने शांतिनिकेतन के ब्रह्मचर्य विद्यालय में संस्कृत प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया [4] और रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित विद्या भवन के प्रधानाचार्य बने। [5] इसके बाद वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में आशुतोष प्रोफेसर के रूप में शामिल हो गये।
कृतियाँ
संपादित करेंविधुशेखर शास्त्री ने लुप्त संस्कृत ग्रंथों को उन ग्रन्थों के तिब्बती अनुवादों से पुनः प्राप्त करने के लिए काम किया और साथ ही पुराने संस्कृत ग्रंथों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया ताकि उन्हें समकालीन समाज में प्रासंगिक बनाया जा सके। उन्होंने तर्कशास्त्र, दर्शनशास्त्र, पालि, बौद्ध धर्म का इतिहास आदि विषयों पर बंगाली और अंग्रेजी में 17 पुस्तकों का संपादन किया। शास्त्री जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से डी. लिट और विश्वभारती विश्वविद्यालय से देशिकोत्तम की उपाधि प्राप्त की। 1936 में उन्हें भारत सरकार द्वारा महामहोपाध्याय की उपाधि से सम्मानित किया गया। [1]
- प्रमुख कृतियाँ
- पालिप्रवेश
- भोटप्रकाश
- Yogacharabhumishastra of Asanga (1st part),
- बोधिचर्यावतार
- नागानन्द नाटक
- गौडपादीय आगमशास्त्र
- Chatuhshataka of Aryadeva (2nd part),
- मध्यान्तविभागभाष्यटीका
- Mahayanavingshaka of Nagarjuna,
- उपनिषत् (विश्वविद्या संग्रहमाला)
- मिलिन्दपान्ह
- विवाहमङ्गल
- Historical Indroduction to the Indian Schools of Buddhism
संदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Volume 1, Amaresh Datta (1987). Encyclopaedia of Indian Literature: A-Devo. Sahitya Akademi. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126018031. अभिगमन तिथि 25 July 2018. सन्दर्भ त्रुटि:
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- ↑ Yoga Niketan (February 2006). A Collection of Biographies of 4 Kriya Yoga Gurus by Swami Satyananda Giri. iUniverse. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780595386758. अभिगमन तिथि 25 July 2018.
- ↑ Dutta, Pulak (July 2007). "The Idea of Santiniketan: A Personal Understanding". Journal of the Krishnamurti Schools (11). अभिगमन तिथि 13 May 2023.
- ↑ রায়, বিশ্বজিৎ. "শওকতকে সঙ্গে নিয়ে খেতে যেতেন বিধুশেখর শাস্ত্রী". www.anandabazar.com (Bengali में). अभिगमन तिथि 2023-05-15.