8 अप्रैल 2022
30 अगस्त 2020
14 जून 2020
17 मई 2020
Subhe Learning (वार्ता) के 1 संपादन वापस करके 112.79.140.62के अंतिम अवतरण को स्थापित किया (ट्विंकल)
छो−128
→बाहरी कड़ियाँ
+128
16 मई 2020
→क़ुरआन में ज़कात :: क़ुरआन में शब्द "ज़कात" 33 बार इस्तेमाल हुआ है और ज़्यादातर नमाज़ के साथ साथ ज़कात का ज़िक्र हुआ है। ज़कात के स्थान पर सदक़ा लफ्ज़ का भी जगह जगह प्रयोग किया गया है। और क़ई जगह इंफाक़ का लफ़्ज़ भी इस्तेमाल हुआ है।
+544
शरीयत में ज़कात उस माल को कहते हैं जिसे इंसान अल्लाह के दिए हुए माल में से उसके हकदारों के लिए निकालता है।
+274
सम्पादन सारांश नहीं है
+275
→ज़कात किसको दे सकते हैं
+44
→ज़कात किसको दे सकते हैं: बंद करें पूर्वावलोकन ज़कात Publish आपने पृष्ठ में सुधार कैसे किया? By saving changes, you agree to release your contribution under the CC BY-SA 3.0 and GFDL license. ज़कात किसको दे सकते हैं ज़कात इनको दे सकते हैं क़रीबी (रिश्तेदार,पड़ोसी,दोस्त यतीम मिस्कीन फ़क़ीर (गरीब और मजबूर) ज़कात और सदक़ात की वसूली करने वाले तालीफ़े क़ल्ब (जिनका मन मोहना हो) क़ैदियों को छुड़ाने के लिए क़र्ज़दारों की मदद करने में अल्लाह के रास्ते में (अल्लाह के दीन को फैलाने के लिए मुसाफ...
+599
9 मई 2020
→ज़कात किसको दे सकते हैं: पड़ोसी किसी भी धर्म का
+61
→ज़कात किसको नहीं दे सकते: गैर मुस्लिम या काफ़िर
−74
27 अप्रैल 2020
23 अप्रैल 2020
22 अप्रैल 2020
सम्पादन सारांश नहीं है
−2
→कब पढ़ते हैं?
+13
सम्पादन सारांश नहीं है
−2
→कब पढ़ते हैं?
−2
→नफिल नमाजों की
−8
सम्पादन सारांश नहीं है
+55
सम्पादन सारांश नहीं है
−2,027
सम्पादन सारांश नहीं है
+11
सम्पादन सारांश नहीं है
−2,528
सम्पादन सारांश नहीं है
+25
सम्पादन सारांश नहीं है
−3,004
सम्पादन सारांश नहीं है
+3,370
added
छो+2,530
वर्तनी सुधार, एक हवाला
छो−71
3 मार्च 2020
7 मार्च 2019
19 अक्टूबर 2018
2 जुलाई 2017
2405:205:2004:712D:0:0:83E:58A5 (Talk) के संपादनों को हटाकर Ahmed Nisar के आखिर...
छो+9
→ज़कात कौन देना है: हरवल
−9
30 मई 2017
29 मई 2017
→ज़कात किसको नहीं देसकते
+412
विस्तार
+971
{{इस्लाम}}
+21
{{स्रोतहीन|date=जून 2015}} निकाला गया
−48
बाहरी कड़ियाँ
+43
विस्तार
+3,005