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  • 18:5718:57, 23 अगस्त 2019 अन्तर इतिहास +2,025 भगवान ''भगवान''' गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान या ऐश्वर्यशाली होता है। यह "भग" धातु से बना है,भग के ६ गुण माने जाते हैं:- १-ऐश्वर्य २-सौम्यता ३-स्मृति ४-यश ५-विवेक ६-श्रद्धा इस परिभाषा के अनुसार जिसके पास ये ६ गुण है, वह भगवान है। परंतु भगवान् मूलतः पालि भाषा का पद था, जिसने सब बंधन भंग कर दिए उसके लिए. संस्कृत में बाद में इसे ईश्वर के अर्थ में यथावत् अपना लिया गया। वेदों में "भग" शब्द का प्रयोग है, परंतु अर्थ भिन्न है। मुंडकोपनिषद् में भगवो शब्द का प्रयोग है, परंतु अर्थ वहाँ भी भिन्न है। श्... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

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