"सुन्दरलाल बहुगुणा": अवतरणों में अंतर
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सन १९४९ में मीराबेन व [[ठक्कर बाप्पा]] के सम्पर्क में आने के बाद ये दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए तथा उनके लिए टिहरी में '''ठक्कर बाप्पा होस्टल''' की स्थापना भी किए । दलितों को मंदिर प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आन्दोलन छेड़ दिया ।
अपनी पत्नी श्रीमती विमला नौटियाल के सहयोग से इन्होंने सिलयारा में ही 'पर्वतीय नवजीवन मण्डल' की स्थापना भी की । सन १९७१ में शराब की दुकानों को खोलने से रोकने के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा ने सोलह दिन तक अनशन किया। चिपको आन्दोलन के कारण वे विश्वभर में '''वृक्षमित्र''' के नाम से प्रसिद्ध हो गए ।
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