"द्विपद प्रमेय": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
प्रायः ऐसा माना जाता है कि द्विपद गुणांको को त्रिभुज के रूप में विन्यस्त करने का काम सबसे पहले [[पॉस्कल]] ने किया था। किन्तु तीसरी शताब्दी के भारतीय गणितज्ञ [[पिंगल]] ने द्विपद गुणांको का उपयोग [[छंदशास्त्रछन्दशास्त्र]] में बड़ी सुन्दरता से किया है। उन्होने इसे [[मेरु प्रस्तार]] नाम दिया था।
 
== सन्दर्भ ==