"वार्ता:नूर इनायत ख़ान": अवतरणों में अंतर
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Mala chaubey (वार्ता | योगदान) |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) →लेख में निष्पक्षता का अभाव: टिप्पणियाँ |
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# मृत्यु अनुभाग से "सिर्फ" शब्द हटा दिया गया है।
# सम्मान अनुभाग से "सालों की गुमनामी के बाद" और "बहादुर" हटा दिया गया है। आगे की टिप्पणियों की प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।--<b>[[User:Mala chaubey|<font color="FF990">माला चौबे</font>]]</b><sup>[[User talk:Mala chaubey|<font color="green">वार्ता</font>]]</sup> 06:28, 23 सितंबर 2014 (UTC)
::माला जी जहाँ "उद्धरण चिह्न" शब्द लिखा हो तो उसका अर्थ सन्दर्भ/उद्धरण न लें। मैं अवतरण चिह्न ("") की बात कर रहा था न कि अवतरण की।
::* प्रकाशित कृति/ लिप्यंतरण अनुभाग में तीन पुस्तकों का नाम लिखा है अथवा एक ही पुस्तक तीन भाषाओं में लिखी गई है?
::*अनुभाग "विशेष अभियान के कार्यकारी एफ सेक्सन एजेंट के रूप में जासूसी" में कुछ इन-लाइन सन्दर्भ चाहिए।
::* अनुभाग सीक्रेट एजेंट के रूप में करियर में निम्न वक्य लिखा है:— होठों पर शब्द था -"फ्रीडम यानी आजादी" — क्या उन्होंने "फ्रीडम यानी आजादी" शब्द बोला था अथवा उसका अर्थ आपने समझाया है? यदि आपने वाक्य को समझाने के लिए ऐसा लिखा है तो कृपया अलग से टिप्पणी में लिखें, अवतरण चिह्न के अन्दर नहीं।
::* बिल जी द्वारा पुछा गया एक पुराना प्रश्न:— सूफ़ी संगीत प्रेमी और बेहद ख़ूबसूरत महिला नूर द्वितीय विश्व युद्ध के समय में जासूस कैसे बन गईं?
::मुझे लगता है अबकि बार टिप्पणियाँ देने में देरी नहीं हुई!<span style="color:green;">☆★</span>[[u:संजीव कुमार|<u>'''<span style="color:Magenta;">संजीव कुमार</span>'''</u>]] ([[User talk:संजीव कुमार|<span style="color:blue;">✉✉</span>]]) 11:01, 25 सितंबर 2014 (UTC)
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