"रतलाम": अवतरणों में अंतर

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औरंगजेब द्वारा बाद में, रतलाम के एक सय्यद परिवार, जों की शाहजहां द्वारा रतलाम के क़ाज़ी और सरवनी जागीर के जागीरदार नियुक्त किये गए थे, द्वारा मध्यस्ता करने के बाद, रतन सिंह के बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया गया।
 
{{आधार}}
==परिचय==
रतलाम के जिला जून 1948 में बनाया गया था और जनवरी 1949 में पुनर्गठित किया गया था. यह रतलाम, जावरा, सैलाना, पिपलोदा की पूर्व रियासत के क्षेत्र शामिल हैं. देवास सीनियर, देवास जूनियर की आलोट तहसील और ग्वालियर राज्य के मंदसौर तहसील धर राज्य और पंत पिपलोदा के मुख्य आयुक्तों प्रांतों के कुछ गांवों के कुछ हिस्सों की रिंगनोद तहसील.
 
रतलाम राज्य “मालवा ‘क्षेत्र के उत्तर पश्चिम भाग में स्थित है, जो मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है. रतलाम के न्यू टाउन नियमित और चौड़ी सड़कों और अच्छी तरह से बनाया घरों के साथ 1829 में कप्तान बोर्थ्विच्क द्वारा स्थापित किया गया था. रतलाम बार अफीम, तंबाकू और नमक में एक व्यापक व्यापार का केंद्र होने के मध्य भारत में पहली वाणिज्यिक शहरों में से एक था. यह सत्तास बुलाया अपने सस्ते के लिए मालवा में भी प्रसिद्ध था. 1872 में [[खण्डवा]] को रेलवे लाइन के उद्घाटन से पहले, रतलाम से बेहतर कोई मार्ट वहाँ था.जिला भी रतलाम रियासत का मुख्यालय था जो मुख्यालय शहर, रतलाम के बाद से जाना जाता है.रतलाम 6 तहसील और 6 ब्लाको में बंटा हुआ है।
 
 
'''भौगोलिक स्थिति'''
 
रतलाम पूर्व के अक्षांश 75 41 के लिए पूर्व ‘उत्तरी देशांतर और 74 31′ 23 52 के लिए उत्तर ’23 05 से मध्य प्रदेश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में स्थित है. यह मंदसौर उत्तर में जिला, झाबुआ और दक्षिण पर धर, पश्चिम में राजस्थान के पूर्व, छितोर्गढ़ और बांसवाड़ा जिला, उत्तर मध्य प्रदेश और राजस्थान के झालावाड़ जिले के शाजापुर जिले पर उज्जैन से घिरा है.रतलाम जिले के कुल एरिया है 4861 वर्ग कि.मी. है जो मध्य प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 1.11% है.
 
 
'''रतलाम रेलवे के बारे में'''
 
रतलाम जंक्शन मीटर और ब्रॉड गेज लाइन्स.रतलाम जंक्शन पर भारतीय रेलवे में एक प्रमुख जंक्शन है और रेल डिवीजन है पश्चिम रेलवे जोन के संभागीय मुख्यालय है. रतलाम शहर से गुजर चार प्रमुख रेलवे पटरियों हैं, मुंबई के लिए अग्रणी , दिल्ली, अजमेर और खंडवा.रतलाम भी भारतीय रेल नेटवर्क के पहले कभी क्लीन ट्रेन स्टेशन है. इस योजना के तहत भारतीय रेल मार्ग में एक ट्रेन के डिब्बों की सफाई शुरू की है, 15 से 20 मिनट के लिए एक विशेष स्टेशन पर यह रुकती है, जबकि. पूरे ट्रेन में वैक्यूम क्लीनर से साफ किया जाता है और शौचालय हाथ में पोर्टेबल हिमाचल प्रदेश क्लीनर के साथ धो रहे हैं.रतलाम स्टेशन भारत में व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक माना जा रहा है
 
==पर्यटन==
 
===बिल्पकेश्वर मंदिर===
बिल्पकेश्वारा मंदिर रतलाम से 18 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम दिशा की दूरी पर स्थित है. यहमहू-Neemach राजमार्ग से 3 किलोमीटर की दूरी के बारे में एक विचलन किराया मौसम रोड के माध्यम से संपर्क किया है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और पचायाताना विविधता में बनाया गया है. यह सादा मोल्दिंग्स के मिलकर कम जगती से अधिक, लगभग 10 से 11 वीं शताब्दी ई. में बनाया गया था.यह पूर्व की ओर उन्मुख निरंधरा मुलाप्रसदाहै और इस मुलाप्रसदा सप्त-रथ-गर्भगृह में शामिल हैं. मंदिर योजना में रचता है और पूर्व का सामना करना पड़ अक्ष में गर्भगृह, अंतराल और एक महामंदापा, सभी के होते हैं. यह मंदिर वास्तुकला के गुर्जर-चालुक्यों की शैली, परमार मंदिर वास्तुकला का एक समकालीन शैली में बनाया गया है.
 
===गुलाब चक्कर पुरातत्व संग्रहालय===
रतलाम शहर में वर्तमान के पुरातत्व संग्रहालय गुलाब चक्कर का निर्माण लगभग 1879 ईस्वी महाराजा रणजीत सिंह (1861 – 1893) के काल में हुआ था, इसका नाम महाराजा रणजीतसिंह की पुत्री राजकुमारी गुलाब कुंवर साहिबा के नाम पर पडा । वर्षों से इसका रख-रखाव न होने से यह जर्जर अवस्था में पहुॅच गया था, इसकी दीवारों का प्लास्टर निकल गया था जिसका जीर्णोद्वार होकर अपने प्राचीन सुन्दरता के साथ लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है ।भवन के चारों और स्थित परिसर में विभिन्न रंगों एवं प्रजातियों के गुलाब के पौथें लगाये गये हैं तथा फव्वारों को भी चालू किया गया है । अब यह गुलाब चक्कर भवन एवं परिसर अपने नाम को सार्थक कर रहा है तथा इस नबश्रृगांरित गुलाब भवन एवं परिसर को निहारने के लिए प्रतिदिन सैकडों लोग यहाँ आते है ।
 
===कालिका माता का मंदिर===
हर शहर में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, और रतलाम इसके कालिका माता का मंदिर है. यह लगभग शहर के दिल में स्थित है.
मंदिर के अंदर वहाँ 3 देवी हैं और बीच एक सबसे खूबसूरत और प्रभावशाली है. मैं प्रतिमाओं खूबसूरती से तैयार की जाती हैं और आप कला की तरह होगा, लेकिन मुझे लगता है कि तुम वहाँ खड़े पल में शक्ति की शक्ति महसूस होगा सुनिश्चित करने के लिए एक बात पता है कि यह नहीं कहूँगा.
आप अपने मन में एक इच्छा है, तो आप रतलाम के लिए अपनी यात्रा पर इस जगह को याद करने के लिए अच्छा नहीं लगेगा.
 
===धोलावाद बाँध===
धोलावाद बांध रतलाम के एक अन्य प्रमुख आकर्षण है. यहां बांध छुट्टी यात्रियों के आसपास के शांतिपूर्ण मंत्रमुग्ध और चकित. जगह के शांत वातावरण यात्रियों बांध पर रहने और सूर्यास्त की सुंदरता का आनंद आता है.
===केदारेश्वर मंदिर===
केदारेश्वर मंदिर रतलाम जिले के सैलाना गांव में स्थित एक शिव मंदिर है. जगह सबसे मानसून के मौसम के दौरान दौरा किया है. यहाँ मंदिर के पास स्थित कुंड में जब ऊँचाई से झरना गिरता है, तो इसका नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। कुंड के इसी जल में पादप्रक्षालन कर श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्शन के लिए पहुँचते हैं। लगभग प्रतिवर्ष भारी बरसात के कारण कई बार यह कुंड बरसाती जल से इस कदर लबालब भर जाता है कि जल कुंड से बाहर निकलकर बहने लगता है।
 
बरसात के मौसम में यहाँ जिस तरह से झरने का आकार और उसमें जल की मात्रा बढ़ती जाती है, उसी तरह से इस झरने की झर-झर का शोर भी बढ़ता जाता है। जो हमें प्रकृति के एक सुंदर दृश्य के दर्शन कराता है। यह मंदिर बहुत सालों पुराना है, जिसका अंदाजा यहाँ के शिवलिंग व अन्य मूर्तियों को देखने से प्रतीत होता है। यहाँ स्थित शिवलिंग भी प्राकृतिक है। शिव दर्शन के बाद जब आप मंदिर से बाहर निकलकर आसपास की खूबसूरत चट्टानों को देखते हैं तो नि:संदेह आपके मुख से भी यही वाक्य निकलेगा कि ‘वाह क्या नजारा है।’
===हुसैन टेकरी जावरा===
रतलाम से जावरा 33 किलोमीटर है। यहां स्थित हुसैन टेकरी के प्रति सभी धर्मों की श्रद्धा है। इतिहास के मुताबिक जावरा के नवाब मोहम्मद इस्माईल अली खां की रियासत में दशहरा और मोहर्रम एक ही दिन आया। जुलूस निकालने के लिए दोनों कौमों में झगड़ा होने लगा।
 
तब नवाब ने तय किया कि वे दशहरे के जुलूस में शामिल होंगे और मोहर्रम का जुलूस दशहरे के जुलूस के बाद में निकाला जाएगा। इस बात से ताजिएदार नाराज हो गए और जुलूस आधा-अधूरा निकला। अगले दिन हीरा नामक औरत ने देखा कि हुसैन टेकरी की जगह कई रूहानी लोग वुजू कर मातम मना रहे हैं। हीरा ने यह बात नवाब को बताई।नवाब ने ताजियों को फिर से बनवाया और पूरी शानो-शौकत से जूलूस निकाला। जब जुलूस हुसैन टेकरी पहुंचा तो सभी को रूहानी सुकून देने वाली खुश्बू का अहसास हुआ। नवाब ने जितनी जगह से खुशबू आ रही थी, उसे रेखांकित कर एक दायरे में महफूज कर दिया। इसी जगह पर यकायक एक चश्मा भी निकलने लगा। बाद में लोगों ने महसूस किया इस चश्मे का पानी पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं। धीरे-धीरे यह बात फैलने लगी कि यहां बदरूहों से छुटकारा मिल जाता है। फिर क्या था, यहां हर गुरुवार को लोगों का मेला लगने लगा। मोहर्रम के चालीसवें दिन और होलिका दहन के समय यहां होने वाले चेहल्लुम मेले में लाखों लोग शरीक होते हैं।
 
[[श्रेणी:मध्य प्रदेश के शहर]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रतलाम" से प्राप्त