"जैवनिस्यंदन": अवतरणों में अंतर
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▲यह एक नबीन तकनीक है,जिसके द्वरा दुर्गन्धपूर्ण गैस और कम सान्द्र वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड्स) को समाप्त करना होता है![किसी भी बस्तु में दुर्गंघ उसमे पलने वाले कीटाणुओं के उपस्थिति से होता है ! इन कीटाअनुयो को बायोफिल्ट्रेशन द्वरा समाप्त किया जा सकता है]
▲बायो-फ़िल्टर बॉक्स-
इसका आकर एक घन मीटर से लेकर पचास घन मीटर तक हो सकता है !बायो-फ़िल्टर का मुख्य काम हवा धारा में समाहित प्रदूषकों को सूक्ष्मजीवों के साथ मुठभेड़ करना होता है जिसके कारन दुर्गन्ध फैलानेवाले कीटाणुओं का विनाश हो जाता है! बायो फ़िल्टर बॉक्स के अंदर फ़िल्टर लगे होते है जो सूक्ष्मजीवों के लिए प्रजनन भूमि का काम करते हैं !सूक्ष्मजीवों नमी की एक पतली परत में रहते हैं,जिसे बायो-फिल्म कहते हैं ! यह फिल्म फ़िल्टर के घटक को चारो तरफ से घेर लेती है और जैब छनन के दौरान प्रदूषित हवा को फ़िल्टर बॉक्स के अंदर धीरे धीरे पंप किआ जाता है! तब प्रदूषित हवा को बायो-फ़िल्टर के फिल्म सोख लेती है और परिस्कृत हवा को बाहर छोड देती है! इसी समय सुक्ष्म जीब सोखे गए प्रदूषित पदार्थो को नस्ट करती है और एनर्जी, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का निर्माण करती है!इस पुरे प्रक्रिया को जैवनिस्पंदन कहते हैं ! यह जैविक बिघटन प्रक्रिया को निम्न तरीके से दर्शाया जा सकता है [जैविक प्रदूषण + O2 � CO2 + H2O + Heat + बायोमास]
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