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शेरशाह ने प्रशासनिक सुधारों और व्यवस्थाओं को [[अलाउद्दीन खिलजी]] की नीतियों के आधार पर गठित किया किंतु उसने कार्याधिकारियों के प्रति खल्जी के निर्दयतापूर्ण व्यवहार की अपेक्षा अपनी नीतियों में मानवीय व्यवहार को स्थान दिया। प्राय: सभी नगरों में सामंतों की गतिविधियाँ बादशाह को सूचित करने के लिए गुप्तचर नियुक्त किए गए थे। अपराधों के मामलों में यदि वास्तविक अपराधी पकड़े नहीं जाते थे तो उस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी उत्तरदायी ठहराए जाते थे।
 
शेरशाह ने तीन दरें निश्चित की थीं, जिनमें राज्य की सारी पैदावार का एक तिहाई राजकोष में लिया जाता था। ये दरें जमीन की उर्वरा शक्ति के अनुसार बाँधी जाती थीं। भूमि की भिन्न-भिन्न उर्वरता के अनुसार 'अच्छी', 'बुरी' और 'मध्य श्रेणी' की उपज को प्रति बीघे जोड़कर, उसका एक-तिहाई भाग राजस्व के रूप में वसूल किया जाता था, राजस्व भाग बाजार भाव के अनुसार रकम में वसूल किया जाता था, जिससे राजस्व कर्मचारियों तथा किसानों की बहुत सुविधा हो जाती थी। इस्लामशाह [[की]] मृत्यु तक यह पद्धति चलती रही।
 
कृषकों को जंगल आदि काटकर खेती योग्य भूमि बनाने के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती थी। उपलब्ध प्रमाणों से यह ज्ञात हुआ है कि शेरशाह की [[मालवा]] पर विजय के पश्चात् [[नर्मदा]] की घाटी में किसानों को बसाकर घाटी को कृषि के लिए प्रयोग किया गया था। शेरशाह ने उन किसानों को अग्रिम ऋण दिया और तीन वर्षों के लिए मालगुजारी माफ कर दी थी। सड़कों और उनके किनारे-किनारे सरायों के व्यापक निर्माण द्वारा भी दश के आर्थिक विकास को जीवन प्रदान किया गया।
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सैन्य संगठन में भी आवश्यक सुधार और परिवर्तन किए गए। पहले सामंत लोग किराए के घोड़ों और असैनिक व्यक्तियों को भी सैनिक प्रदर्शन के समय हाजिर कर देते थे। इस जालसाजी को दूर करने के लिए घोड़ों पर दाग देने और सवारों की विवरणात्मक नामावली तैयार करने की पद्धति चालू की गई।
 
== [[साम्राज्य का अंत]] ==
२२ मई १५४५ को शेर शाह सूरी का देहांत हुआ। उन्होंने १७ मई १५४० (बिलग्राम के युद्ध) के बाद से बागडोर संभाली थी और अपने देहांत तक सुल्तान बने रहे। उनके बाद इस्लाम शाह सूरी ने २६ मई १५४५ से २२ नवम्बर १५५३ तक राज किया। इसके बाद चाँद महीनो ही राज करने वाले सूरी परिवार के सुल्तानों का सिलसिला चला। हुमायूँ ईरान से वापस आकर भारत पर क़ब्ज़ा करने में सफल हो गया और उसने अंतिम सूरी सुल्तान [[आदिल शाह सूरी]] और उसके सिपहसलार [[हेमू]] को हरा दिया। सूरी साम्राज्य ख़त्म हो गया।
 
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* [[सिकंदर शाह सूरी]]
* [[आदिल शाह सूरी]]
* [[पृकाश चौधरी]]
 
== इन्हें भी देखें ==