"कंपनी": अवतरणों में अंतर

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==कम्पनी की विशेषताएँ==
*'''(1) विधान द्वारा कृत्रिम व्यक्तिः''' कम्पनी विधान द्वारा निर्मित कृत्रिम, अदृश्य, काल्पनिक एवं अमूर्त व्यक्ति है। कम्पनी को विधान द्वारा निर्मित कृत्रिम व्यक्ति इसलिए कहा जाता है कि एक ओर तो इसका जन्म अप्राकृतिक तरीके से होता है तथा दूसरी ओर प्राकृतिक व्यक्ति की तरह इसके अधिकार एवं दायित्व होते हैं। किसी व्यापार आदि कार्यों में जितने अधिकारों का प्रयोग वास्तविक व्यक्ति कर सकता है और जितने उत्तरदायित्व एक वास्तविक व्यक्ति के होते हैं, उतने ही कम्पनी के भी होते हैं।
 
किसी व्यापार आदि कार्यों में जितने अधिकारों का प्रयोग वास्तविक व्यक्ति कर सकता है और जितने उत्तरदायित्व एक वास्तविक व्यक्ति के होते हैं, उतने ही कम्पनी के भी होते हैं।
 
*'''(2) पृथक अस्तित्वः''' कम्पनी की दूसरी विशेषता यह भी है कि इसका अपने सदस्यों से पृथक अस्तित्व होता है। जिस प्रकार साझेदारी में साझेदारी फर्म एवं साझेदारों का अस्तित्व एक ही माना जाता है, उसी प्रकार कम्पनी का अस्तित्व उसके सदस्यों से पृथक होता है। इसका कारण यह है कि कम्पनी स्वयं विधान द्वारा निर्मित कृत्रिम व्यक्ति होने की वजह से कम्पनी द्वारा किये गये कार्यों के लिए कम्पनी स्वयं ही उत्तरदायी होती है और सदस्यों द्वारा किये गये कार्यों के लिए नहीं होती है।
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*'''(17) निकाय वित्त व्यवस्था :''' अतिरिक्त कार्य विस्तार की दशा में अधिक धनराशि की आवश्यकता होने पर कम्पनी, पार्षद सीमा नियम के अनुसार अंशों एवं ऋण पत्रों का भी निर्गमन कर सकती है इस प्रकार अंशों एवं ऋण पत्रों के रूप में निकाय वित्त प्राप्त करने की सुविधा केवल कम्पनी रूपी प्रारूप में ही उपलब्ध है, अन्य प्रारूपों में नहीं।
 
*'''(18) कम्पनी एक नागरिक नहीं :''' कम्पनी के सभी सदस्य भारत के नागरिक हों तो भी कम्पनी, भारत की नागरिक नहीं बन सकती है। ठीक उसी प्रकार की जिस तरह से कम्पनी के सभी सदस्यों का [[विवाह]] हो जाने से, कम्पनी का विवाह नहीं हो जाता है। किसी कम्पनी को सामान्य नागरिक के मूल अधिकार प्राप्त नहीं हैं फिर भी कम्पनियाँ अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए न्यायालय की शरण ले सकती है।
 
किसी कम्पनी को सामान्य नागरिक के मूल अधिकार प्राप्त नहीं हैं फिर भी कम्पनियाँ अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए न्यायालय की शरण ले सकती है।
 
*'''(19) राष्ट्रीयता एवं निवास स्थान :''' यद्यपि कम्पनी देश की नागरिक नहीं होती है किन्तु उसकी राष्ट्रीयता अवश्य होती है। कम्पनी की राष्ट्रीयता उस देश की मानी जाती है जिसमें उसका समामेलन होता है। कम्पनी का निवास स्थान वह होता है जहाँ से कम्पनी के व्यवसाय का प्रबन्ध एवं नियन्त्रण किया जाता है। कम्पनी के साथ पत्राचार करने कोई अन्य सन्देश देने-लेने की दृष्टि से कम्पनी के पंजीकृत कार्यालय को ही कम्पनी का निवास स्थान माना जाता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कंपनी" से प्राप्त