"उद्यमिता": अवतरणों में अंतर

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* '''जोखिम उठाने की इच्छाशक्ति''' : प्रत्येक व्यवसाय में जोखिम रहता है। इसका अर्थ यह है कि व्यवसायी सफल भी हो सकता है और असफल भी। दूसरे शब्दों में यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक व्यवसाय में लाभ ही हो। यह तत्व व्यक्ति को व्यवसाय करने से रोकता है। तथापि, एक उद्यमी को सदैव जोखिम उठाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और व्यवसाय चलाकर उसमें सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
 
* '''अनुभव से सीखने की योग्यता''' : एक उद्यमी गलती कर सकता है, किन्तु एक बार गलती हो जाने पर पिफरफिर वह दोहराई न जाय। क्योंकि ऐसा होने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अतः अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए। एक उद्यमी में भी अनुभव से सीखने की योग्यता होनी चाहिए।
 
* '''अभिप्रेरणा''' : अभिप्रेरणा सफलता की कुंजी है। जीवन के हर कदम पर इसकी आवश्यकता पड़ती है। एक बार जब आप किसी कार्य को करने के लिए अभिप्रेरित हो जाते हैं तो उस कार्य को समाप्त करने के बाद ही दम लेते हैं। उदाहरण के लिए, कभी-कभी आप किसी कहानी अथवा उपन्यास को पढ़ने में इतने खो जाते हैं कि उसे खत्म करने से पहले सो नहीं पाते। इस प्रकार की रूचि अभिप्रेरणा से ही उत्पन्न होती है। एक सफल उद्यमी का यह एक आवश्यक गुण है।