"निबन्ध": अवतरणों में अंतर
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इतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है।
निबंध की सबसे अच्छी
: ''निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है।''
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इस प्रकार निबंध के दो विशेष गुण हैं-
निबंध का आरंभ कैसे हो, बीच में क्या हो और अंत किस प्रकार किया जाए, ऐसे किसी निर्देश और नियम को मानने के लिए निबंधकार बाध्य नहीं है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि निबंध एक उच्छृंखल रचना है और निबंधकार एक उच्छृंखल व्यक्ति। निबंधकार अपनी प्रेरणा और विषय वस्तु की संभावनाओं के अनुसार अपने व्यक्तित्व का प्रकाशन और रचना का संगठन करता है। इसी कारण निबंध में शैली का विशेष महत्त्व है।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://evirtualguru.com/hindi-essays/ हिन्दी निबन्ध (लगभग ५००)]
* [https://www.hindivarta.com/essays-hindi-100-topic/ 100 विषयों पर हिंदी निबंध]
* [http://www.hindivyakran.com/p/hindi-essay-writing.html हिन्दी निबन्ध कैसे लिखें]
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