"बलिया जिला": अवतरणों में अंतर
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'''बलिया जिला''' भारतीय राज्य [[उत्तर प्रदेश]] में सबसे पूर्वी जिला है, जिसका मुख्यालय [[बलिया]] शहर है। बलिया जिले की उत्तरी और दक्षिणी सीमा क्रमशः [[सरयू]] और [[गंगा]] नदियों द्वारा बनाई जाती है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इस जिले के निवासियों के विद्रोही तेवर के कारण इसे '''बागी बलिया''' के नाम से भी जाना जाता है।
[[भोजपुरी]] [[भाषा]] इस जिले में बहुतायत से बोली जाती है। सन १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर के बागी सैनिक [[मंगल पांडे]] का सम्बन्ध भी इस जिले से रहा है। बलिया का नाम बलिया राक्षस राज बलि के नाम पर पड़ा राजा बलि ने बलिया को अपनी राजधानी बनाया था। राक्षसो के गुरू शुक्राचार्य भृगु मुनि के पुत्र थे।▼
▲[[भोजपुरी]] [[भाषा]] इस जिले में बहुतायत से बोली जाती है। सन [[भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम|१८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर]] के बागी सैनिक [[मंगल पांडे]] का सम्बन्ध भी इस जिले से रहा है। बलिया का नाम बलिया राक्षस राज बलि के नाम पर पड़ा राजा बलि ने बलिया को अपनी राजधानी बनाया था।
==इतिहास ==
बलिया 1 नवम्बर सन् 1879 में [[गाजीपुर]] से अलग
== भौगोलिक संरचना ==
=== संरक्षित जीव ===
[[नील गाय]], जिसे बलिया की स्थानीय भोजपुरी भाषा में 'घोंपड़ास' अथवा 'घड़रोज' कहा जाता है
=== जलवायु ===
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== जनसांख्यिकी ==
2001 की भारतीय जनगणना में, बलिया की आबादी 102,226 थी। पुरुषों और महिलाओं की जनसंख्या 46% से 54% क्रमशः थी। यह महिलाओं के पुरुष और 42% से 58% साक्षर के साथ 65% की औसत साक्षरता दर 59.5% के राष्ट्रीय औसत से अधिक था। जनसंख्या के ग्यारह प्रतिशत उम्र के छह वर्षों के तहत किया गया।
▲एक वार्षिक मेले के [[दादरी मेला|ददरी-मेला]] (आश्विन मास में), एक मैदान पर शहर की पूर्वी सीमा पर गंगा और सरयू नदियों के संगम पर मनाया जाता है। [[मऊ]], [[आजमगढ़]], [[देवरिया]], [[गाजीपुर]] और [[वाराणसी]] के रूप में पास के जिलों के साथ नियमित संपर्क में रेल और सड़क के माध्यम से मौजूद है। यह बिहार की सीमा को छुता हुआ जिला है, इसके पश्चिमी क्षेत्रों में बिसेन क्षत्रियो का गाँव कसेसर है व बघेलो का भीमपुरा जो की विकसित है, इनके बाद उत्तर प्रदेश का मऊ जिला शुरू हो जाता है।
== उल्लेखनीय व्यक्तित्व ==
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