"विक्रम संवत": अवतरणों में अंतर
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'विक्रम संवत' के उद्भव एवं प्रयोग के विषय में विद्वानों में मतभेद है। मान्यता है कि '[[विक्रमादित्य]]' नामक किसी राजा ने ईसा पूर्व ५७ में इसका प्रचलन आरम्भ कराया था। कुछ लोग ईसवी सन ७८ और कुछ लोग ईसवी सन ५४४ में इसका प्रारम्भ मानते हैं।
[[फ़ारसी]] ग्रंथ 'कलितौ दिमनः' में [[पञ्चतन्त्र|पंचतंत्र]] का एक पद्य 'शशिदिवाकरयोर्ग्रहपीडनम्' का भाव उद्धृत है। विद्वानों ने सामान्यतः 'कृत संवत' को 'विक्रम संवत' का पूर्ववर्ती माना है। किन्तु 'कृत' शब्द के प्रयोग की सन्तोषजनक व्याख्या नहीं की जा सकी है। कुछ शिलालेखों में [[
[[Image:Westindischer Maler um 1400 001.jpg|center|thumb|350px|'कलकाचार्य कथा' नामक [[पाण्डुलिपि]] में वर्णित [[जैन धर्म|जैन]] भिक्षु कलकाचार्य और राजा शक ([[छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय]], [[मुम्बई]])]]
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