"अहमदनगर": अवतरणों में अंतर
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== उल्लेखनीय स्थल ==
अहमदनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में मुग़ल महल, बाग़ व चांद बिबी का मकबरा व अहमद निज़ाम शाह का क़िला है, जहाँ 1940 में पंडित नेहरु नज़रबंद रहे। पर्यटकों के देखने के लिए यहां अनेक विरासतें हैं। अहमदनगर के अनेक क़िले, मंदिर आदि सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। संत कवि महिपति महाराज, सोलाहवीं सदी के संत कवि जिन्होंने भारतीय संतों का पद्यमय परिचय संत लीलामृत, भक्ति विजय आदि ग्रंथों के द्वारा दिया है। उनका समाधि स्थल ताहराबाद, ता.राहूरी जि.अहमदनगर स्थित है। उनका कुलनाम कांबळे है जो कर्नाटक की सीमा से राहूरी आए थे। देशस्थ ऋवेदी ब्राह्मण जो कुलकर्णी का काम देखते थें। उनकी रचनाओं का अँग्रेजी अनुवाद राहूरी के ईसाई धर्मगुरु ने किया था जिसका प्रकाशन अमरिका में किया गया था। ▼
* चांद बीबी पैलेस - यह असल में सलाबत खान का मकबरा है, यह अहमदनगर शहर से 13 किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक ठोस तीन मंजिला पत्थर से बनी इमारत है है।
* मेहेराबाद, जहां आध्यात्मिक गुरु मेहर बाबा की समाधि (मकबरा) जो एक तीर्थयात्रा का एक स्थान है, हर साल हजारों लोगों द्वारा खासकर उनकी मृत्यु की सालगिरह, अमरतीथि पर दर्शन हेतु पधारते है। उनका बाद का निवास अहमदनगर के उत्तर में लगभग 9 मील उत्तर में मेहेराज़ाद (पिंपलगाँव गांव के पास) था।
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* पद्मश्री डॉ विट्ठलराव पाटिल फाउंडेशन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
* नेशनल मेडिकल कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंस
▲संत कवि महिपति महाराज, सोलाहवीं सदी के संत कवि जिन्होंने भारतीय संतों का पद्यमय परिचय संत लीलामृत, भक्ति विजय आदि ग्रंथों के द्वारा दिया है। उनका समाधि स्थल ताहराबाद, ता.राहूरी जि.अहमदनगर स्थित है। उनका कुलनाम कांबळे है जो कर्नाटक की सीमा से राहूरी आए थे। देशस्थ ऋवेदी ब्राह्मण जो कुलकर्णी का काम देखते थें। उनकी रचनाओं का अँग्रेजी अनुवाद राहूरी के ईसाई धर्मगुरु ने किया था जिसका प्रकाशन अमरिका में किया गया था।
== चित्र दिर्घा ==
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