वीर-ज़ारा

2004 में बनी यश चोपड़ा की फिल्म
(वीर-ज़ारा (2004 फ़िल्म) से अनुप्रेषित)


वीर-ज़ारा २००४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म में शाहरुख़ खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी ने मुख्य भूमिका निभाई। जबकि फिल्म का निर्देशन यश चोपड़ा ने किया। फिल्म १२ नवम्बर २००४ को प्रदर्शित हुई थी।

वीर-ज़ारा

वीर-ज़ारा का पोस्टर
निर्देशक यश चोपड़ा
पटकथा आदित्य चोपड़ा
कहानी आदित्य चोपड़ा
निर्माता यश चोपड़ा और आदित्य चोपड़ा
अभिनेता शाहरुख़ ख़ान,
प्रीति ज़िंटा,
अमिताभ बच्चन,
रानी मुखर्जी,
हेमामालिनी
कथावाचक यश चोपड़ा
छायाकार अनिल मेहता
संपादक रितेश सोनी
संगीतकार मदन मोहन
संजीव कोहली
निर्माण
कंपनी
वितरक यश राज फिल्म्स
प्रदर्शन तिथियाँ
  • 12 नवम्बर 2004 (2004-11-12)
लम्बाई
196 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी
लागत 976.4 मिलियन

यह फ़िल्म यश चोपड़ा द्वारा बनाई गई एक प्रेम कहानी है। इसमें भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह (शाहरुख़ खान) और पाकिस्तान की ज़ारा हयात खान (प्रीति ज़िंटा) के बीच प्रेम दिखाया गया है। फ़िल्म में दोनों की मुलाक़ात तब होती है जब ज़ारा, जो पाकिस्तान से अपनी बेबे (ज़ोहरा सहगल) की अस्थियाँ कीरतपुर साहिब में बहाने आई होती हैं, कि बस पहाड़ों में फँस जाती है और उन्हें (और बस के अन्य यात्रियों को) बचाने के लिए भारतीय वायु सेना से वीर (हेलिकॉप्टर में) आते हैं। इसके बाद वीर ज़ारा को अपना गाँव दिखाने ले जाते हैं और वहाँ उन्हें ज़ारा से प्यार हो जाता है। गाँव में वीर ज़ारा को अपने बाउजी (अमिताभ बच्चन) और माती (हेमा मालिनी) से भी मिलवाते हैं। ज़ारा वीर के गाँव में एक दिन (लोहड़ी के दिन) रुकती हैं। ज़ारा वीर को ये नहीं बताती कि उनकी मंगनी रज़ा शिराज़ी (मनोज वाजपेयी) से हो चुकी है। जब वीर ज़ारा को स्टेशन पर छोड़ने जाते हैं तो रज़ा उन्हें वहाँ मिलते हैं और उन्हें इस बात का पता चलता है। वो रज़ा के सामने ज़ारा से अपनी मुहब्बत का इज़हार करते हैं और ज़ारा रज़ा के साथ वापिस पाकिस्तान चली जाती हैं।

कुछ समय बाद वीर को ज़ारा के घर से शब्बो (दिव्या दत्ता) का फ़ोन आता है और वो वायुसेना से इस्तीफ़ा देकर पाकिस्तान चले जाते हैं। लाहौर में ज़ारा के पिता को वीर के अचानक आने से और ज़ारा के वीर से मिलने से दिल का दौरा पड़ जाता है। फिर ज़ारा से मिलते हैं और उन्हें समझाते हैं कि उन्हें शादी करनी होगी। ज़ारा शादी के लिए हाँमी भर देती हैं, लेकिन रज़ा वीर को भारत के रिसर्च ऐंड ऐनैलिसिस विंग (रौ) का एजेंट होने के झूठे इल्ज़ाम में पाकिस्तान में जेल भिजवा देते हैं।

२२ साल बाद सामया सिद्दीक़ी (रानी मुखर्जी) वीर का केस लेती हैं और वीर उन्हें अपनी पूरी कहानी बताते हैं। सामया भारत जाती हैं वीर के गाँव से सुबूत लाने और वहाँ उन्हें ज़ारा मिलती हैं, जो कई साल से शब्बो के साथ वहीं रह रही होती हैं। वहाँ जिस बस में वीर आने वाले थे, उस बस के पहाड़ से गिरने की खबर आई होती है और दोनों को यही पता होता है कि वीर मर गए हैं। सामया उन्हें सच्चाई बताती हैं और वे सामया के साथ सुबूत लेकर पाकिस्तान जाती हैं। वीर केस जीत जाते हैं और वीर और ज़ारा वीर के गाँव में रहने लगते है।

मुख्य कलाकार

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फ़िल्म के गीतों के बोल जावेद अख्तर ने दिए हैं और संगीत निर्देशन मदन मोहन ने किया है।

गीतों की सूची

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क्र॰शीर्षकगायक/गायिकाअवधि
1."तेरे लिए"लता मंगेशकर, रूप कुमार राठौड़05:34
2."मैं यहाँ हूँ"उदित नारायण04:57
3."ऐसा देश है मेरा"लता मंगेशकर, उदित नारायण, गुरदास मान07:10
4."ये हम आ गए हैं कहाँ"लता मंगेशकर, उदित नारायण05:45
5."दो पल"लता मंगेशकर, सोनू निगम04:27
6."क्यों हवा"लता मंगेशकर, सोनू निगम, यश चोपड़ा06:14
7."हम तो भई जैसे हैं"लता मंगेशकर04:19
8."आया तेरे दर पर"अहमद हुसैन, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद वकील07:53
9."लोहड़ी"लता मंगेशकर, गुरदास मान, उदित नारायण06:55
10."तुम पास आ रहें हो"लता मंगेशकर, जगजीत सिंह05:12
11."जाने क्यों"लता मंगेशकर05:16

बॉक्स ऑफिस

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वीर-ज़ारा सिनेमाघरों में १२ नवम्बर २००४ को आयी और विश्वभर में कुल $९४२.२ मिलियन का व्यवसाय किया। इस फिल्म ने भारत में $ ५८० की कमाई की और उस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गयी। अपने पहले ही हफ्ते में $१७० मिलियन का व्यवसाय कर यह फिल्म २००५ तक पहले हफ्ते में सबसे अधिक व्यवसाय करने वाली फिल्म बनी रही।

वीर-ज़ारा ने न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि यू.के, जर्मनी, फ्रान्स, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में भी $३५७.५ मिलियन का व्यवसाय किया और उस साल की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होने वाली बॉलिवुड फिल्म बन गयी।

बर्लिन फिल्म उत्सव में जब यह फिल्म दिखाई गयी तो दर्शकों ने इसे खूब सराहा। अप्रैल २००६ में वीर-ज़ारा का पेरिस के सबसे बड़े थिएटर, द ग्रॉड रेक्स में प्रथम प्रदर्शन हुआ। यह पहली हिंदी फिल्म है जिसे इतने विशाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखया गया है।

समीक्षाएँ

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वीर-ज़ारा को समीक्षकों ने भी सराहा और उसे अधिकतर ने सकरात्मक प्रतिक्रिया दी।

नामांकन और पुरस्कार

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जो पुरस्कार वीर-ज़ारा ने जीते वो सब बोल्ड हैं

फ़िल्मफ़ेयर

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Global Indian Film Awards

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बाहरी कड़ियाँ

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