सुप्रभातम् जो शुभ और प्रभात शब्दों के मेल से बना है, सुप्रभातकाव्य शैली का एक संस्कृत कविता है। यह छंदों का एक संग्रह है जिसे हिन्दू धर्म में सवेरे-सवेरे देवता को जगाने के लिए सुनाया जाता है।

इस संदूक को: देखें  संवाद  संपादन

हिन्दू धर्म
श्रेणी

Om
इतिहास · देवता
सम्प्रदाय · पूजा
आस्थादर्शन
पुनर्जन्म · मोक्ष
कर्म · माया
दर्शन · धर्म
वेदान्त · योग
शाकाहार शाकम्भरी · आयुर्वेद
युग · संस्कार
भक्ति {{हिन्दू दर्शन}}
ग्रन्थशास्त्र
वेदसंहिता · वेदांग
ब्राह्मणग्रन्थ · आरण्यक
उपनिषद् · श्रीमद्भगवद्गीता
रामायण · महाभारत
सूत्र · पुराण
विश्व में हिन्दू धर्म
गुरु · मन्दिर देवस्थान
यज्ञ · मन्त्र
हिन्दू पौराणिक कथाएँ · हिन्दू पर्व
विग्रह
प्रवेशद्वार: हिन्दू धर्म
हिन्दू मापन प्रणाली

सबसे प्रसिद्ध सुप्रभातम् कृति वेंकटेश सुप्रभातम् है, जिसे तिरुपति में वेंकटेश भगवन को जगाने के लिए सुनाया जाता है। इसके अलावा आप शुभ प्रभात का उपयोग अपने मित्र गण आदि को सुबह की नमस्ते बोलने के लिए कर सकते हैं। यदि आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं तो आप अपने मित्रगण आदि को शुभ प्रभात शायरी भेजकर दिन की शुरुआत कर सकते हैं।

उदाहरण:

मत हार हौसला जिंदगी से ऐ मुसाफ़िर,

अगर दर्द यहां मिला है तो दवा भी यहीं मिलेगी। (सुप्रभात )[1]

वेंकटेश्वर सुप्रभातम्

संपादित करें

वेंकटेशसुप्रभातम् की रचना लगभग 1430 ई में श्री अनन्ताचार्य ने की थी।[1]

अन्य सुप्राभातम्

संपादित करें
  • श्रीविघ्नेश्वरसुप्राभातम्
  • श्रीसिद्धिविनायकसुप्राभातम्
  • श्रीकाशीविश्वनाथसुप्राभातम्
  • श्रीसीतारामसुप्राभातम्

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें
  1. Balaji, Anand (February 27, 2004), "Venkatesha Suprabhatam" Translations, मूल से 12 अगस्त 2011 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि May 7, 2011