वैदिक तारामण्डल मन्दिर

वैदिक तारामण्डल मन्दिर, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के मायापुर में स्थित एक मन्दिर है।

वैदिक तारामण्डल मन्दिर जिसे श्री मायायपुर चन्द्रोदय मन्दिर भी कहा जाता है, पश्चिम बंगाल के नदिया जनपद के मायापुर में स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। अन्तर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत सङ्घ का मुख्यालय मायापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित है। इसका निर्माण 2010 [1] में शुरू हुआ और निर्माण पूरा होने पर यह विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा मन्दिर होगा। [2][3] कोलकाता से 130 किमी (81 मील) की दूरी पर स्थित, यह मूल रूप से वर्ष 2022 में पूरा होने का लक्ष्य था,[4][5] हालांकि कोविड​​-19 वैश्विक महामारी के कारण निर्माण में विलम्ब के कारण उद्घाटन की तिथि जो कि 2023 में नियत है, आगे बढ़ सकती है । वैदिक ज्ञान पर आधारित एक वैज्ञानिक और आधिकारिक प्रस्तुति के माध्यम से दुनिया भर में वैदिक संस्कृति और ज्ञान का प्रसार करने के इरादे से इस मंदिर को बनाया गया है। 380 फीट ऊंचे मंदिर में विशेष ब्लू बोलिवियन संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो मंदिर में पश्चिमी वास्तुकला के प्रभाव दिखाता है।[6]

श्री मायापुर चन्द्रोदय मन्दिर – वैदिक तारामण्डल मन्दिर, मायापुर
বৈদিক তারামণ্ডল মন্দির
मंदिर परिसर के सामने का दृश्य
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धतागौड़िया वैष्णववाद
देवताश्री श्री राधा माधव, श्री श्री पञ्च तत्त्व और श्री श्री प्रह्लाद नरसिंह
त्यौहार
शासी निकायअंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिमायापुर
ज़िलानादिया जनपद
राज्यपश्चिम बंगाल
देशभारत
भौगोलिक निर्देशांकनिर्देशांक: 23°25′29″N 88°23′19″E / 23.4248°N 88.3887°E / 23.4248; 88.3887 23.4248°उ० 88.3887°पू०
वास्तु विवरण
वास्तुकारअभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद और सुरभि दासी
प्रकारनागारा और ओडिशा हिन्दू मन्दिर वास्तुकला
निर्माण पूर्ण2023 (नियोजित)
आयाम विवरण
लम्बाई22 एकड़ भूमि (लगभग)
ऊँचाई (अधि.)113 मीटर
वेबसाइट
tovp.org

पृष्ठभूमि

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वैदिक तारामंडल का मंदिर इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की दृष्टि और संयुक्त राज्य कैपिटल भवन के वास्तुशिल्प से प्रेरित है । जुलाई 1976 में, श्रील प्रभुपाद ने मंदिर की बाहरी शैली के लिए अपनी प्राथमिकता व्यक्त की। तदनुसार, इस्कॉन अधिकारियों ने मंदिर का निर्माण शुरू किया।

मंदिर का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था।

मंदिर का निर्माण 2016 में पूरा होना था। लेकिन निर्माण में देरी के कारण 2016 में मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो पाया। तब कोविड​​-19 वैश्विक महामारी के कारण निर्माण में देरी हुई। वर्तमान में, मंदिर को जुलाई या अगस्त, 2023 में आगंतुकों के लिए खुला घोषित कर दिया गया है।

वास्तुकला

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मंदिर पूर्वी और पश्चिमी वास्तुकला का मिश्रण है। इस मंदिर की ऊंचाई 113 मीटर है। पूरी तरह से पूरा हो जाने पर, यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक या दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर[7][8][9]  और दूसरा सबसे ऊंचा मंदिर या धार्मिक भवन होगा।

  1. "ISKCON aims to build world's largest temple in Bengal". Hindustan Times. February 26, 2013. अभिगमन तिथि 2020-01-28.
  2. "ISKCON's Mayapur in West Bengal temple to be world's biggest". Telangana Today. अभिगमन तिथि 2020-08-12.
  3. "देश में यहां बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, हर चीज की है अपनी खासियत". अभिगमन तिथि 20 फरवरी 2020.
  4. King, Anna S. (2015). "Vedic science, modern science and reason". प्रकाशित Keul, István (संपा॰). Asian Religions, Technology and Science. Routledge. पृ॰ 55. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781317674481.
  5. Valpey, Kenneth R. (2019). Cow Care in Hindu Animal Ethics. Springer Nature. पपृ॰ 214–218. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9783030284084.
  6. "एक लाख वर्ग फीट में बना दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर इस महीने खुलेगा, जानिए खासियतें". अभिगमन तिथि 20 फरवरी 2020.
  7. "Vedic Planetarium, 'world's largest temple', to open in Bengal | 10 things to know". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2022-08-27. अभिगमन तिथि 2022-08-31.
  8. Dey, Sreyashi (2022-08-26). "World's largest religious monument will soon be in India—with the help of Ford heir". ThePrint (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-08-31.
  9. "Temple of the Vedic Planetarium, Mayapur", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2022-08-31, अभिगमन तिथि 2022-08-31