शकेब जलाली ( उर्दू: شکیب جلالی), जन्म सैयद हसन रिज़वी (१ अक्टूबर १ ९ ३४ - १२ नवंबर १ ९ ६६), एक पाकिस्तानी उर्दू कवि थे, जिन्हें आज़ादी के बाद के युग के प्रतिष्ठित उर्दू कवियों में से एक माना जाता है। [1]

शकेब जलाली
जन्मसय्यद हसन रिज़्वी
1 अक्टूबर 1934
जलाल, अलीगढ़, ब्रिटिश शासन
मौत12 नवम्बर 1966(1966-11-12) (उम्र 32)
सरगोधा, पंजाब, पाकिस्तान
दूसरे नामशकेब
पेशाशायर
राष्ट्रीयतापाकिस्तान
नागरिकतापाकिस्तान
कालउत्तर आधुनिक
विधाग़ज़ल,नज़्म
उल्लेखनीय कामs
  • रौशनी ऐ रौशनीi (1972)
जीवनसाथीसय्यदा मोहिद्दिसा ख़ातून

शकेब जलाली का जन्म 1 अक्टूबर 1934 को अलीगढ़ के पास एक छोटे से गांव जलाल में हुआ था। उनके पूर्वज अलीगढ़ के पास के एक छोटे शहर, सद्दत से थे। उन्होंने 12 नवंबर 1966 को पाकिस्तान के सरगोधा के पास एक ट्रेन के आगे गिरकर आत्महत्या कर ली। रौशनी ऐ रौशनी, उनका पहला कविता संग्रह 1972 में मरणोपरांत प्रकाशित हुआ था। संग-ए-मील ने 2004 में कुल्लियात-ए-शकेब जलाली के रूप में उनकी संपूर्ण काव्य रचनाएं प्रकाशित कीं[1]

आगे पढ़ें संपादित करें

  • Zulfikar Ahsan (2009). Shakib Jalali: Ek Mutallah (उर्दू में). Ravalpindi: Naqsh-i-Gar. OCLC 907496077.
  • शकेब जलाली का सम्पूर्ण काव्य, https://web.archive.org/web/20191116211914/https://www.rekhta.org/Poets/shakeb-jalali/all?lang=hi

यह भी देखें संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. Parekh, Rauf (2015-04-27). "Creativity and mental disorder: Urdu poets and writers who committed suicide". dawn.com. मूल से 3 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-02-13.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें