शराबी (1984 फ़िल्म)

1984 की प्रकाश मेहरा की फ़िल्म

शराबी 1984 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। यह प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित है। अमिताभ बच्चन के साथ मेहरा की ये लगातार छठी फिल्म थी। भारत भूषण और रंजीत के अलावा प्राण और ओम प्रकाश के साथ अमिताभ बच्चन और जयाप्रदा ने मुख्य किरदार निभाया। संगीत बप्पी लहरी द्वारा रचित था। यह बॉक्स ऑफिस पर एक हिट बन गई।

शराबी

शराबी का पोस्टर
निर्देशक प्रकाश मेहरा
लेखक कादर ख़ान (संवाद)
पटकथा लक्ष्मीकांत मेहरा
कहानी प्रकाश मेहरा
निर्माता सत्येन्द्र पाल
अभिनेता अमिताभ बच्चन,
जयाप्रदा,
ओम प्रकाश,
प्राण
संगीतकार बप्पी लहरी
प्रदर्शन तिथियाँ
18 मई, 1984
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

अमरनाथ (प्राण) एक बहुत अमीर व्यापारी है और अपने व्यापार को बढ़ाने के चक्कर में वो अपने एकलौते बेटे, विक्की कपूर (अमिताभ बच्चन) के लिए थोड़ा सा भी वक्त नहीं निकाल पाते रहता है। मुंशी फूलचन्द (ओम प्रकाश) उसका दोस्त रहता है और विक्की की देखरेख भी करते रहता है। अपने पिता की अनदेखी करने के कारण विक्की बचपन से ही शराबी बन जाता है।

एक दिन विक्की की मुलाक़ात, मीना (जयाप्रदा) से होती है। वे दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगते हैं। वहीं नटवर (रंजीत) बस किसी तरह विक्की से पैसे कमाना चाहते रहता है और उसके दिये उपहार की चोरी भी करते रहता है। उन्हें अलग करने के लिए नटवर एक योजना बनाता है और सभी को यकीन दिला देता है कि विक्की का किसी और लड़की के साथ संबंध है। अमरनाथ उस पर गुस्सा होता है और अपने जायदाद और घर से उसे बाहर कर देता है। उसके साथ साथ मुंशी भी घर से बाहर चले जाता है।

वे दोनों सड़क के किनारे रात बिताते हैं और अगली सुबह मुंशी काम की तलाश में निकल जाता है, पर एक सड़क हादसे का शिकार हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है। विक्की को एहसास होता है कि उसके शराबी होने के कारण मुंशी को काम पर जाना पड़ा और इस हादसे का शिकार होना पड़ा, वो शराब को छोड़ देता है।

अब्दुल को पता चलता है कि उसका बेटा लापता है। नटवर उससे मिल कर उसे बताता है कि उसके बेटे का अपहरण हो चुका है और यदि वो उनकी मांग नहीं मानेगा तो वे उसके बेटे को नहीं छोड़ेंगे। इसके लिए उसे मीना को मारना पड़ेगा। अब्दुल उसे मीना की लाश दिखाता है और अपने बेटे को वापस ले जाता है। विक्की को मीना के मौत के बारे में पता चलता है तो वो नटवर से लड़ाई करता है, पर वो ये आरोप अब्दुल पर लगा देता है और कहता है कि उसने गोवर्धनदास के आदेश पर मीना की हत्या कर दी।

वहीं, अमरनाथ को अपनी गलती का एहसास हो जाता है और वो विक्की को ढूंढने लगता है। गोवर्धनदास उसके जायदाद को अपने नाम कराने और अमरनाथ को मारने की योजना बनाने लगता है। विक्की को इस बारे में पता चलता है तो वो गोवर्धन और उसके गुंडों से लड़ने चले जाता है। विक्की के हाथ में नटवर गोली चला देता है, पर बाद में नटवर और गोवर्धनदास को अनवर गिरफ्तार कर लेता है। विक्की ने जितने लोगों की भी मदद की होती है, वे सभी विक्की की मदद करते हैं। जख्मी हुए विक्की और अमरनाथ के पास मीना को लाते हुए अब्दुल बोलता है कि विक्की ने उसके बेटे की मदद की थी, तो वो कैसे उसके प्यार को मार सकता था।

अमरनाथ अपनी गलती को मानते हुए मीना का अपने परिवार में स्वागत करता है। अंत में विक्की एक गरीब बेघर लोगों के लिए मुंशी फूलचंद नगर नाम से घरों का निर्माण कराता है और इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

इस एल्बम का संगीत बप्पी लहरी द्वारा रचित है और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने वाला उनका यह संगीत उनके महानतम कार्यों में से एक माना जाता है। एल्बम के सभी गाने हिट थे। किशोर कुमार ने सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक के लिए अपना 7वां फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। किशोर कुमार इस एल्बम के चार गीतों के लिए उस वर्ष के लिए अकेले ही नामित गायक थे जो कि आज तक एक रिकॉर्ड है। वह गीत थे: "दे दे प्यार दे", "इंतहा हो गई", "लोग कहते हैं", और "मंजिलें अपनी जगह है", आखिरी गीत के लिए उन्होंने अंतत पुरस्कार जीता। "लोग कहते हैं" जिसके लिये किशोर कुमार नामांकित किए गये, "मुझे नौलखा मंगा दे" का ही भाग है। इस भाग में केवल उन्होंने ही गायन किया है।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."मुझे नौलखा मंगा दे"अनजानआशा भोंसले, किशोर कुमार10:56
2."मंजिलें अपनी जगह है"अनजानकिशोर कुमार5:55
3."जहाँ मिल जायें चार यार"अनजान, प्रकाश मेहराकिशोर कुमार, अमिताभ बच्चन6:36
4."दे दे प्यार दे – पुरुष"अनजानआशा भोंसले4:29
5."दे दे प्यार दे – महिला"अनजानकिशोर कुमार5:48
6."इंतहा हो गई इंतजार की"अनजान, प्रकाश मेहराकिशोर कुमार, आशा भोंसले8:53

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1985 सत्येन्द्र पाल फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार नामित
प्रकाश मेहरा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार नामित
अमिताभ बच्चन फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार नामित
जयाप्रदा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार नामित
बप्पी लहरी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार जीत
किशोर कुमार ("मंजिलें अपनी जगह है") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार जीत
किशोर कुमार ("दे दे प्यार दे") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार नामित
किशोर कुमार ("इंतहा हो गई") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार नामित
किशोर कुमार ("लोग कहते हैं") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार नामित
अनजान ("मंजिलें अपनी जगह है") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार नामित
अनजान, प्रकाश मेहरा ("इंतहा हो गई") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार नामित

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें