शर्मीली
शर्मीली 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण सुबोध मुखर्जी ने और निर्देशन समीर गाँगुली ने किया है। इसमें शशि कपूर और राखी हैं, जिन्होंने इसमें दोहरा किरदार निभाया है।
शर्मीली | |
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शर्मीली का पोस्टर | |
निर्देशक | समीर गाँगुली |
लेखक | गुलशन नन्दा |
निर्माता | सुबोध मुखर्जी |
अभिनेता |
शशि कपूर, राखी, नासिर हुसैन |
संगीतकार | सचिन देव बर्मन[1] |
प्रदर्शन तिथि |
1971 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंआर्मी बेस से लौटते समय, कैप्टन अजीत कपूर (शशि कपूर) एक जगह रुकता है, जहाँ पर एक पार्टी हो रही होती है। वहाँ उसकी मुलाकात आकर्षक, उत्साही युवती से होती है। जब वह घर पहुंचता है, तो उसके अभिभावक फादर जोसेफ नासिर हुसैन चाहते हैं कि उसकी शादी हो जाए। जब जोसेफ लड़की को देखने के लिए अजीत के साथ जाते हैं, जिसका नाम कंचन (राखी) है, तो अजीत यह जानकर रोमांचित हो जाता है कि यह वही लड़की है जिसे वह पार्टी में मिला था।
अजीत अपनी मंजूरी का संकेत देता है, और उनके विवाह की तैयारी शुरू होती है। इसके बाद अजीत को पता चलता है कि कंचन वह लड़की नहीं है जिससे वह मिला था, बल्कि उसकी जुड़वाँ बहन है। इस पर कंचन का दिल टूट जाता है, लेकिन वह चाहती है कि उसकी बहन खुश रहे। जब वह आखिरकार कामिनी (राखी) से मिलता है तो अजीत और भी खुश हो जाता है। फिर अजीत की सेना के कर्नल ने उसे एक महिला जासूस का पता लगाने में सहायता करने के लिए बुलाया, जो जुड़वाँ बहनों से मिलती जुलती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- शशि कपूर — कैप्टन अजीत कपूर
- राखी — कामिनी और कंचन
- नासिर हुसैन — फादर जोसेफ
- नरेन्द्र नाथ — टाइगर
- रंजीत — कुंदन
- इफ़्तेख़ार — कर्नल
- कृष्णकांत — द्वारका
संगीत
संपादित करेंसभी गीत नीरज[2] द्वारा लिखित; सारा संगीत सचिन देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "रेशमी उजाला है मखमली अंधेरा" | आशा भोंसले | 6:05 |
2. | "खिलते हैं गुल यहाँ" | किशोर कुमार | 4:02 |
3. | "मेघा छाये आधी रात" | लता मंगेशकर | 4:15 |
4. | "खिलते हैं गुल यहाँ" (II) | लता मंगेशकर | 4:50 |
5. | "आज मदहोश हुआ जाये रे" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 4:55 |
6. | "ओ मेरी शर्मीली" | किशोर कुमार | 3:58 |
7. | "कैसे कहें हम प्यार" | किशोर कुमार | 3:58 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "एसडी बर्मन दा और पंचम दा की जुगलबंदी में तैयार एक अमर गीत की कहानी". फर्स्टपोस्ट. 3 जून 2018. मूल से 26 सितंबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2019.
- ↑ "यादें शेष: हम जब ना होंगे तो रो रो के दुनिया ढूँढेगी मेरे निशान... गोपालदास नीरज के 11 सुपरहिट नग्में". दैनिक भास्कर. 19 जुलाई 2018. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2019.