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भारत की सांस्कृतिक विविधता में खानपान का विशेष स्थान है। कोझुक्कट्टा, एक ऐसी ही पारंपरिक मिठाई है जो दक्षिण भारत, विशेषकर केरल और तमिलनाडु में प्रसिद्ध है। यह मिठाई अपने स्वाद, सादगी और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण बहुत पसंद की जाती है।
कोझुक्कट्टा का परिचय
[1]कोझुक्कट्टा चावल के आटे और नारियल से बनी एक मीठी पकवान है, जिसे विशेष अवसरों पर तैयार किया जाता है। यह एक प्रकार का चावल का लड्डू है, जिसे उबालकर या भाप में पकाया जाता है। कोझुक्कट्टा की बनावट मुलायम और स्वाद मीठा होता है, जो इसे एक अद्वितीय मिठाई बनाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कोझुक्कट्टा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश को मीठे पकवान, खासकर मोदक बहुत प्रिय हैं, और कोझुक्कट्टा भी मोदक का एक प्रकार है। इसके अलावा, ओणम और अन्य त्योहारों पर भी इसे बनाने की परंपरा है। दक्षिण भारतीय परिवारों में यह मिठाई विशेष रूप से प्रिय है और पारिवारिक समारोहों में इसे परोसा जाता है। [2]केरल में, यह सेंट थॉमस ईसाइयों के पाम संडे समारोह के साथ लोकप्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। इसे शाम के नाश्ते के रूप में चाय या कॉफी के साथ भी खाया जाता है।
स्वास्थ्यवर्धक गुण
कोझुक्कट्टा न केवल स्वाद में उत्तम है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी है। चावल का आटा हल्का होता है, और नारियल में अच्छे वसा और फाइबर होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। गुड़, जिसे भरावन के रूप में उपयोग किया जाता है, आयरन का अच्छा स्रोत है। यह मिठाई तले हुए व्यंजनों की अपेक्षा कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक होती है, क्योंकि इसे भाप में पकाया जाता है, जिससे इसमें तेल का उपयोग नहीं ।
- ↑ J, Paul V. (2011-04-17). "Kerala Syrian Christian Cuisine: KOZHUKATTA". Kerala Syrian Christian Cuisine. अभिगमन तिथि 2024-10-15.
- ↑ "The Story of a Cherished Tradition". Medium. 27 March 2021.