चोरिज़ मसालेदार सूअर का मांस है जो गोवा के व्यंजन मे से बहुत प्रसिद्ध है।

गोवा के व्यंजनों भारत के सबसे छोटा राज्य गोवा की भोजन है। गोवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। और उसके व्यंजनों में उसके इतिहास और विरासत का एक स्वादिष्ट प्रतिबिंब है।समुद्री भोजन, नारियल का दूध, चावल और स्थानीय मसाले, गोवा के भोजन का मुख्य तत्व हैं।

गोवा की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है और इसलिए वहाँ के मसाले और जायके तीव्र होते हैं।एक तटीय राज्य है और इसलिए वहाँ के लोग ज्यादादर समुद्री भोजन खाते है।परन्तु गोवा में एक मिश्रित आबादी (ईसाइयों, हिंदुओं और मुसलमानों) पाई जाती है जिसके कारण शाकाहारी भोजन भी पाई जाती है।

इमली के बदले कोक्म (एक खट्टा बेर जो एक गहरी अमीर लाल रंग की है) का प्रयुग गोवा के व्यंजन को अन्य विशिष्ट बनाता है। वे टोड़ी से सिरका बनाकर अपने खाने में उपयोग करते हैं। गोवा के सबसे प्रमुख जायके मसालेदार, खट्टा और मीठा हैं। चावल और मछली कढ़ी गोवा के ज्यादादर लोगो का मुख्य भोजन है। [1]

गोवा के व्यंजनों का इतिहास

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गोवा में ३ शताब्दी से सन १३१२ तक हिन्दू राजवंशों जैसे शिल्लाहारा, कदंब और चालुक्या का उत्तराधिकार शासन चल रहा था। उसके बाद मुसलमानों का राज शुरु हुआ। १५ वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत तक पहुँचने का एक नये मार्ग खोजने पर, वास्को द गामा जैसे पुर्तगाली साहसी, भरत में प्रवेश करने लगे।यहाँ आकर उन्होंने ईसाई धर्म विस्तार करना शुरु किया जिसके वजह से पुर्तगाली संस्कृति, भाषा, व्यंजन और ईसाई मूल्य, गोवा के पहले से ही विद्यमान संस्कृति,व्यंजन और मूल्य में कुल मिल गए।पुर्तगाली के वर्चस्व के दौरान मसाले व्यापार से गोवा में अधिक धन बहता रहा। इसलिए इस युग को गोवा के इतिहास में स्वर्णकाल कहलाया जाता है।पुर्तगाली ने ब्राजील से गोवा में आलू, टमाटर, अनानास,अमरूद और काजू ले आए जिसमे से गोवा के हिन्दु आबादी आलू और टमाटर को २० वी सदि के अन्त में ही स्वीकार किया था।[2]गोवा के मसाले के सबसे महत्वपूर्ण अंग मिर्च है जो की पुर्तगाली अपने साथ लाए थे।यह सब अवयव पुर्तगाली के आने के पहले गोवा के व्यंजन में शामिल नहीं थे।

हिन्दू संप्रदाय का व्यंजन

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गोवा के हिन्दू संप्रदाय का व्यंजन

गोवा के हिन्दु जन अपने खाने में कम गर्मी, खट्टे स्वाद के लिए इमली और कोक्म और मीठे स्वाद के लिए गुड़ का उपयोग करते है। वे हींग, मेथी, कढ़ी पत्ता, सरसों और उरद दाल का भी उपयोग करते है।खाने में वे प्याज और लहसुन का कम मात्रा प्रयोग करते है। वे सब्जी, दाल, कद्दू, लौकी, बांस मार, जड़ें, आदि का अधिक उपयोग करते है।प्रारंभिक काल में गोवा के हिंदुओं टमाटर नहीं खाते थे। आज भी कुछ हिन्दु परिवार धार्मिक उत्सव के अवसरों पर टमाटर, बैंगन, मूली और पपीता नहीं पकाते है क्योंकि यह सब 'बाहर' से भेजा गया है और इसलिए भगवान के सामने रखना प्रदूषित माना जाता है।गोवा के सारस्वत ब्राह्मण के उप जाति दैवज्ना ब्राह्मण, धार्मिक उत्सवो के अलावा बाकी के दिनो पर मछली और मूर्गे का गोश्त खाते है। परन्तु पंच द्रविड़ वर्ग से संबंधित ब्राह्मण शुद्ध शाकाहारी है।

ईसाई संप्रदाय का व्यंजन

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विनदालू गोवा के ईसाई संप्रदाय के घरों में बनाई जाती है।

गोवा के ईसाई संप्रदाय ने पुर्तगाली के लाए गए मिर्च को अपने व्यंजन में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है।विशेष रूप से सूखे लाल किस्म के मिर्च को तीखापन, स्वाद, गठन और सिरके में डुबाये मांस और मछली के लिए उपयोग किया जाता है।यह एक मसाले की मिश्रण में भी इस्तमाल किया जाता है जैसे 'रेचाद-मसाला' जो भरवां मछली को बनाने में डाला जाता है। यह मिश्रण गोवा के प्रसिद्ध सूअर के मांस 'सोर्पोतेल' और झींगा 'बालचाओ' को पकाने में भी इस्तमाल किया जाता है। हरे रंग के मिर्च को चटनी या अचार बनाना में और सब्जी, मांस और मछली में तीखापन लाने के लिए उपयोग किया जाता है। उपनिवेशीय के समय, पुर्तगाली नन द्वारा भारत-पुर्तगाली बनाए गए मिठाई, आज भी ईसाई घरों में त्योहार के दौरान बनाए जाते है।[3]

गोवा के प्रमुख व्यंजन

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  • चोरिज़- चोरिज़ मसालेदार सूअर का मांस है जिसको बान्धकर धूप में सूखा दिया जाता है और फिर आग के ऊपर लटकाया जाता है जहाँ वे धीरे-धीरे पक जाता है।[4]
  • फेनी- फेनी टोड़ी या काजु से बना स्थानीय अलकोहल है।[5]
  • बिबिन्का- चावल का आटा, नारियल का दूध, सूजी, नारियल के गुड़ और अंडे से यह स्वादिष्ट और प्रसिद्ध मिठाई बनी जाती है।
 
बिबिन्का गोवा का प्रसिद्ध मिठाई है।
  • बालचाओ- बालचाओ झींगा के साथ बनी कढ़ी है।
  • सोर्पोतेल- सोर्पोतेल गोवा के ईसाई व्यंजनों का सार है।पारंपरिक रूप से यह क्रिसमस या त्योहारो प्र बनाया जाता है। प्रमुख रुप से यह व्यंजन गोवा और पुर्तगाली के स्वाद को दिखाता है।[6]
  • शाकुति- यह कढ़ी कसा और भुना हुआ नारियल और मूर्गी का मांस या भेड़े के मांस के साथ बनाया जाता है।
  • केफरील- यह मसाला सिरका धनिया, हरी मिर्च और अन्य मसालो के साथ मूर्गी का मांस या मछली में डालकर पकाया जाता है।
  1. http://www.goatourism.gov.in/cuisine/goan-cuisine
  2. http://goa-tourism.com/GTDC-holidays/taste-goan-food.htm
  3. http://www.india-seminar.com/2004/543/543%20fatima%20de%20silva%20gracias.htm
  4. http://www.goanvillage.com/foods-in-goa.html
  5. http://www.goanvillage.com/foods-in-goa.html
  6. http://www.goanvillage.com/foods-in-goa.html