बदलावों से छेड़छाड़ करने बारे

संपादित करें

आप मुझे नहीं लगता कि एकता चाहते हैं। आप हकीकत से डरते हैं इसी लिए सच को झुठला रहे हैं। आपके किए गए बदलाव ये दिखाते हैं की आप सिर्फ जातिवाद मानसिकते से ग्रसित हैं और लगता नहीं की आप कभी इससे निकल पाएंगे। आर्य साहित्य कोश (वार्ता) 01:27, 28 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें

@आर्य साहित्य कोश जी । जिस विषय का नॉलेज होगा उसे ही एडिट करेगे । मैं नई जानकारी इसी कारण नही जोड़ रहा क्योंकि आपकी तरह जाति से ग्रस्त लोग मुझ पर जाति का टप्पा जरूर लगायेगे। इसलिए मैं गुर्जर समाज से संबंधित पेज में जो बर्बरता होती है उसे undo ही करता हु। और मैने किसी भी दूसरी जाति के पेजों पर एक भी शब्द नही लिखा है। क्योंकि मैं विकिपीडिया के नियमो के अनुरूप ही चलने की कोशिश करता हु । धन्यवाद Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 14:12, 28 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
श्रीमान जी, आप शायद हमें गलत समझे लेकिन सिर्फ कुछ इंटरनेट पोस्ट्स और खुद की पब्लिश की गई पुस्तकों के रेफरेंस से इतिहास लेखन करना किसी भी इतिहासकार को शोभा नहीं देता और न ही उसका यह धर्म है।
आपसे निवेदन है अगर आप हमारे द्वारा किए गए कार्य को रद्द करते हैं तो कृपया आप उचित स्रोतों का रेफरेंस देने का कष्ट करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आपके पेज पर कोई गलत वा।मिथ्या जानकारी बिना किसी ठोस सबूत के नहीं जोड़ी जाएगी। लेकिन आप हमारे कार्य को गलत सिद्ध करने की उचित कारण तथ्य सहित व्याख्या दें। आर्य साहित्य कोश (वार्ता) 04:54, 30 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें
@आर्य साहित्य कोश जी । जरूर दिया जायेगा आप भी बदलते समय उसका रीजन जरूर लिखे। धन्यवाद Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 06:15, 30 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें

जातिगत प्रचार

संपादित करें

नमस्कार, मैंने देखा कि आपने बहुत सारे लेखों में बदलाव करके उनमें गुर्जर जाति का प्रचार किया है। मैंने गुर्जरदेश पृष्ठ पर किए गये आपके संपादन को पूर्ववत कर दिया है जिसमें आपने गुर्जर जाति का प्रचार किया था। गुर्जरदेश और गुर्जर जाति का आपस में कोई संबंध नहीं है और आप ऐसे स्रोतो का हवाला देकर यह बदलाव कर रहे है जो किसी भी तरह से ऐसे तर्को का समर्थन नहीं करते है। कृपया भविष्य में पुनः वही जानकारी डालने से पहले लेख के वार्ता पृष्ठ पर चर्चा आरम्भ करें अन्यथा आपको भी जातिगत योद्धा मानकर संपादन से अवरोधित किया जा सकता है। 𝙳𝚛𝚎𝚊𝚖𝚁𝚒𝚖𝚖𝚎𝚛 (बातचीत) 02:41, 21 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें

@DreamRimmer जी । मैं गुर्जर जाति से संबंधित पेजों पर बर्बरता को रोकता हु। इससे आपको लगता है तो आप मेरे को जातिगत योद्धा मान सकते है। गुर्जर जाति का गुर्जर देश से क्या संबंध है ये इतिहास का विषय है । ना की आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नही है । विकिपीडिया पर सोर्स जरूरी है। आपकी गैंग ने गुर्जर समाज को भेस चोर लिख रहे है । क्या यही विकी पीडिया का स्वतंत्र है। आप जैसे लोग खुद जाति से ग्रस्त है और अपने आप को महान समझ कर दूसरो को जाति का ठप्पा लगा देते हो।
अभी समय के अभाव में मैं आपके बेतुके स्वालो का जवाब नही देना ही सही समझा। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 12:37, 28 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
मुझे लगता है कि आप विकिपीडिया पर संपादन युद्ध करने के उद्देश्य से ही सक्रिय है इसलिए आपने मुझ पर भी जाति का ठप्पा लगा दिया है। आपने यहाँ पर पृष्ठों और संपादकों को दो भागो में बाँट दिया है जिसमें आपके संपादन का समर्थन करने वालों को आप अपने समूह का मानते है और आपके प्रचार वाले सम्पादनों को पूर्ववत करने वालों को आप अपने विरोधी समझते है। मेरा उद्देश्य यहाँ हिन्दी विकिपीडिया पर स्रोत समर्थित जानकारी को बनाये रखने का है ना की किसी को नीचा दिखाना और मेरे लिये विकिपीडिया का हर पृष्ठ एक समान है जिसे मैं तटस्थता और स्रोतो द्वारा समर्थित रखने का प्रयास कर रहा हूँ। आपके सम्पादन देखकर हर कोई बता सकता है की आपका उदेश्य केवल प्रचार करना है और रही बात गुर्जरदेश (वर्तमान गुजरात) और गुर्जर जाति के संबंध की तो कही पर भी इसे साबित करने वाले स्रोत नहीं मिल रहे है। 𝙳𝚛𝚎𝚊𝚖𝚁𝚒𝚖𝚖𝚎𝚛 (बातचीत) 15:54, 28 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@DreamRimmer ji आप मेरे से गुर्जरदेश और गुर्जर जाति से संबंधित सोर्स भी मांग सकते थे जाति का ठप्पा लगाने से पहले । और रही बात मेने गुर्जर जाति से संबंधित पेज एडिट और बर्बरता को रोका है। क्योंकि इन पेजों पर बहुत ज्यादा गलत जानकारी डाली जा रही है। इन्ही को ध्यान में रखकर मेने बुक्स का अध्ययन करना शुरू किया । आप देख सकते है मेने अभी तक किसी दूसरी जाति के पेज पर एक शब्द नहीं लिखा है। पहले अपने आप को स्वतंत्र दिखा कर विकिपीडिया की पावर प्राप्त करते है । फिर गुर्जर जाति के पेजों पर बर्बता करना शुरू करते है । और रही बात गुर्जरदेश में वर्तमान का गुजरात और राजस्थान भी आता है। राजपूत के राज करने के कारण ही तो राजपूताना फिर राजस्थान बना । या फिर राजपुताने के कारण राजपूत बने । किसी एक लेखक के द्वारा ये लिख देने। से गुर्जर स्थान वाचक है न की जाति वाचक मान लिया जाय । शिलालेख, ताम्रपत्र और विदेशी यात्रियों का वर्णन ज्यादा मायने रखता है ना की 18 वी और19वी सदी में लिखे कपोलक्लपित बुक्स । राम राम सा। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 01:56, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
कृपया गुर्जरदेश और गुर्जर जाति में सम्बंध को बताने वाले संदर्भ दिजिए क्योंकी मुझे न तो गूगल और न ही अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर इस बारे में कोई संदर्भ मिले है। मुझे किसी भी जाति या धर्म का पक्ष नहीं लेना है और मैं हर ऐसी जानकारी का विरोध करूंगा जो सत्यापित नही होगी। 𝙳𝚛𝚎𝚊𝚖𝚁𝚒𝚖𝚖𝚎𝚛 (बातचीत) 04:33, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@DreamRimmer
राष्ट्रकूट शासक गोविंद-तृतीय द्वारा 810 ई० में लिखा गया शिरूर का अभिलेख है।
इस अभिलेख में गोविंद-तृतीय की अलग अलग राज्य पर विजय का वर्णन मिलता है।
गोविन्द तृतीय के समकालीन नागभट्ट-द्वितीय कन्नौज से शासन चला रहे थे। नागभट्ट-द्वितीय ने अरबों, सिंधुओं व बंगाल के पालों हो हराया था लेकिन वह गोविंद-तृतीय से मालवा‌ की लड़ाई में हार गया था। उन दिनों कन्नौज पर अधिकार के लिए प्रतिहारों, राष्ट्रकूटों व पालों में भयंकर संघर्ष चल रहा था जिसको इतिहासकार "त्रिकोणीय संघर्ष" का नाम देते हैं।
खैर..अब मुद्दे की बात पर आते हैं। इस अभिलेख में बताया गया है गोविन्द-तृतीय ने केरल, मालवा, सौराष्ट्र व गुजरात/गुर्जरान [कन्नौज राजधानी] राज्यों पर विजय प्राप्त की थी।
इस शिलालेख में गुजरात की जगह गुजरान लिखा हुआ है, जिसका अर्थ गुजरात ही होता है।
गुर्ज्जरों के हजारों गांवों के नाम "गुजरान" मिलेंगे जिसका अर्थ होता है गुर्ज्जरों का घर अर्थात गुर्ज्जरों का गढ़ या गुजरात!! जैसे गुजरां बलवा [शामली], शिमला गुजरान, पीपली गुजरान, रामपुर जट्टान [यमुनानगर], नूरपुर जट्टान आदि।
हरियाणा, पंजाब में जाट्ट व गुर्ज्जरों के हजारों गांव जट्टान व गुजरान लिखे मिलेंगे जिसका अर्थ क्रमशः जाट्टों का गढ़ व गुर्ज्जरों का गढ़ होता है।
हिंदी भाषा के व्याकरण के नियम के अनुसार "अंग की बिंदी" को "न्" के रूप में भी लिख सकते हैं। जैसे हिंदी को हिन्दी, सुंदर को सुन्दर, समुंद्र को समुन्दर, जुबां को जुबान, जहां को जहान, खां को खान, जट्टां को जट्टान, गुर्जरां को गुर्जरान लिखते हैं।
गुर्जर एक जाति का नाम है लेकिन गुर्जरां/गुर्जरान एक क्षेत्र का नाम है।
इस अभिलेख में "गुर्जरान" को आज वाले गुजरात या राजस्थान के लिए प्रयोग नहीं किया गया है बल्कि कन्नौज से शासित प्रतिहार-राज्य को "गुजरान" कहा गया है। सीधी सी बात है कन्नौज की राजगद्दी पर विराजमान प्रतिहार-शासक के राज्य को "गुर्जरान" कहा जा रहा है। अतः इतने विशाल प्रतिहार-राज्य को "गुर्जरान" इसलिए कहा गया क्योंकि नागभट्ट-द्वितीय खुद गुर्जर कौम से थे।
जब भी गुर्जरां किसी अन्य राज्यों के नाम के साथ आए तो पता लगाया करो यह गुजरां/गुजरात कितना बड़ा था और इसकी राजधानी क्या थी? इसमें कौन-कौन से छोटे राज्य आते हैं क्योंकि गुजरात की सीमाएं समय के साथ घटती बढ़ती रहती थी। @ड्रीमरिमर आपको कहना चाहता हूं Geographical जगहों के नाम के साथ "गुर्जरां" शब्द लिखा देखकर अतिउत्साहित मत हुआ करो कि गुर्जर तो "एक जगह का नाम" है। अब गुर्ज्जरों ने शिलालेख पढ़ने शुरू कर दिए हैं इसलिए आप लोगों की "गुर्जर" को स्थानवाचक बताने से पहले जरूर विचार करे ।
नोट:- "गुर्जर" जातिवाचक शब्द है लेकिन "गुर्जरां/गुर्जरान/गुजरात" स्थानवाचक शब्द है। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 04:55, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
इसमें संदर्भ कहाँ पर है? किसी भी गाँव का नाम किसी शासक या पुराने राज्य से मिलने से या इतने गाँव इनके या उतने गाँव उनके होने मात्र से आप इन दोनों शब्दों को संबंधित बता रहे है। इसी प्रकार से कई गाँवों के नाम किसी पुराने राज्य या किसी ऐतिहासिक पुरुष के साथ मिलने से आप उन्हें संबंधित कैसे बता सकते है? आप बार-बार मुझे अपना विरोधी बता रहे है जबकि मैं विकिपीडिया पर सत्यापित जानकारी की बात कर रहा हूँ और मैंने आपके साथ संपादन युद्ध न करके चर्चा कर रहा हूँ और आप मुझे ही जातिवादी बोल रहे है। आपकी जानकारी के लिये बता दूँ की मैं किसी भी जाति या धर्म के ख़िलाफ़ नहीं हूँ। मैं कुछ अन्य सदस्यों को इस चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहा हूँ @SM7 जी, @हिंदुस्थान वासी जी और @Aviram7 जी। 𝙳𝚛𝚎𝚊𝚖𝚁𝚒𝚖𝚖𝚎𝚛 (बातचीत) 09:06, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें


@DreamRimmer: जी और @Ramchandra Dhabhai जी,आप दोनों को नमस्ते! @DreamRimmer जी, मैं आपकी बात से पूर्ण सहमत हूँ, @Ramchandra Dhabhai जी, विकिपीडिया पर जातिगत संपादन करना अथवा पुन:संपादन युद्ध करना आपने विशेष अधिकार संपादनो से वंचित होना होगा, और रही गुर्जर जाति के बारे में प्रचार करना अथवा भ्रामक स्रोतो का हवाला देना जो ऐसे तर्को को समर्थन नहीं करते है, जो सामग्री में अंकित है।,आप जातिवाद संपादन को हटाने वाले सदस्यों को जातिवाद विरोधी घोषित नहीं कर सकते, आपको स्वयं को जातिवाद/जातिगत योद्धा मानिये जो विभिन्न जाति के लेखो में भ्रामक अथवा अस्पस्ट जानकारी तो डालते अथवा ऐसे तर्क का समर्थन न करने वाले स्रोतो का हवाला देते है, कृपया विकिपीडिया पर पुन:जातिगत संपादन बंद करें, अन्यथा आपको संपादनो से अनिश्चितकाल के लिए वंचित किया जायेगा, विकिपीडिया जातिगत अथवा किसी भी प्रकार की भ्रामक अथवा अस्पस्ट जानकारी +फालतू स्रोतो को बढ़ावा नहीं देती, ऐसे सदस्यों को विकिपीडिया पर कार्य करने से रोका दिया जायेगा।
कृपया विकिपीडिया पर कार्य करना हो तो सही से करें, विकिपीडिया किसी भी जाति, धर्म, संस्थान, वस्तु, स्थान अथवा व्यक्ति विषेश का प्रचार- प्रसार करने अथवा जातिगत संपादन करने के लिए नहीं है और इसको बढ़ावा नहीं देता है। और यहाँ अच्छे योगदान देना का प्रयत्न करें, आशा है की आप मेरी बातों को समझोगे। ~~ αvírαm|tαlk 10:17, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@Aviram7 जी आपकी बात से सहमत हु लेकिन क्या गुर्जर भेस चोर जाति है जैसे शब्दो की भरमार है । जाति के बारे में गलत जानकारी को हटाना यदि विकी पीडिया और आपकी नजर में जाति का प्रचार है तो आप मुझे अवश्य ही विकिपीडिया स्मपादनो से अवरुद्ध कर सकते है हम कितनी मेहनत कर विकिपीडिया को बेहतर बनाने के लिए कोसिस कर रहे है कितनी बुक्स पढ़ कर ऑथेंटिक सोर्स लाते है फिर बिना जांचे परखे जाति टप्पा लगा देना कहा तक उचित है गुर्जर जाति के पेजों में बर्बरता को रोकने के मेरे प्रयास किसी को हजम नही हो रहा इस कारण मेरे को सभी जाति का टप्पा लगा कर टारगेट कर रहे है। मुझे लगता नही है विकिपीडिया स्वतंत्र रहा है ।जिसके पास पावर है वह अपनी जाति का प्रचार करने लग रहा है। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 10:42, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
विभिन्न पुस्तकों ,दस्तावेज़ों ,अभिलेखों , ग्रंथों आदि में गुर्जर जाति संबंधित दिए गए विवरण इस प्रकार है :-
(1) Gazetteer of the Bombay Presidency, Vol. 9 , Part 1. 
इस गज़ेटियर के पेज नंबर 469 - 502 तक Appendix B. मे “The Gujar” अध्याय हैं। इस अध्याय में गुर्जर जाति के उत्पत्ति,शासक ,गोत्र, प्रवास का ज़िक्र है। साथ ही गुर्जर शब्द का अर्थ बताया गया है कि गुर्जर या गूजर एक जाति है। और गुर्जरों से ही राजपूत के कई वंश की उत्पत्ति है। 
साथ ही बताया गया कि गुर्जरों की उपाधि “मिहिर “ भी है। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज (836-885 ई.) को गुर्जर या गूजर राजा बताया गया है। साथ ही लिखा है कि सहारनपुर में गुजरात है और पंजाब में भी गुजरात है और ग्वालियर में गुर्जर गढ़, पंजाब के गुजराँवाला आदि का वर्णन किया है। 
(2) बॉम्बे गज़ेटियर - खंड -1 भाग -1 
इसके अध्याय 1 मे लिखा है कि प्राकृत भाषा में गुर्जरात्रा व संस्कृत भाषा में गुर्जराष्ट्रा शब्द को आधुनिक गुजरात के लिए प्रयोग किया गया है। गुर्जर जाति के यहाँ बसे होने के कारण ही इसका नाम गुजरात हुआ। यह गुर्जरों के देश के लिए भी प्रयोग किया गया है। संस्कृत पुस्तकों और शिलालेखों में गुर्जरमण्डल व गुर्जरदेश गुर्जरभूमि का प्रयोग गुर्जरों की भूमि के लिए ही प्रयोग किया जाता है। ( The name is Gujarat it from the Prakrit Gujjara-rattra. The Sanskrit of which is Gurjjara-rashtra that is the country of the Gujjaras or Gurjjaras …………In Sanskrit books and inscriptions the name of the Province is written Gurjjarra- Mandal and Gurjjara-Desha the land of the Gurjjaras or Gujjaras. 
Year 300 AD the Gujjars settled in east Rajputana, Malwa and Gujarat. The town of Gujarat and the country still called Gujar-Desha the land of the Gujars. 
The Gujars is a Kshatriya race.) 
(3) Imperial Gazetteer of India, Central India वर्ष 1908 
में लिखा है कि पाँचवीं,छठी शताब्दी में मे गुर्जर (Gurjara) जाति ने मध्य एशिया से प्रवेश किया आठवीं शताब्दी तक गुर्जर जाति के राजपूताना और पश्चिमी हिस्से बसे होने के कारण गुजरात कहा जाने लगा। 
बुंदेलखंड व मालवा के परिहार व परमार राजपूत भी गुर्जर वंश से है। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज 885 ई. में मृत्यू के बाद गुर्जर साम्राज्य बिखर गया। 
(4) Saharanpur Gazetteer Vol. 2 , 1921
The Gurjaras are identical with the Gurjar, Gujar of the old days the ancestor of the modern parihar Rajput. Saharanpur was commonly known as Gujarat. 
(5) Jalaun Gazetteer Vol. 25 , 1909 
में लिखा है कि 500 ई. में जब तोरमन और मिहिरकुल शासन कर रहे थे तब गुर्जर (Gurjar) आसपास के क्षेत्रों में आकर बस गये। 
(6) The Tribes and Castes of the Central Provinces of India, Vol. 3 , 1916 
में गुर्जर जाति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि गुर्जरों के बसने के कारण ही गुजरात, गुजराँवाला, और ग्वालियर के गुर्जर गढ़ आदि का नामकरण इसी जाति के नाम पर हुआ। स्पष्ट किया गया कि Gujar or Gurjara शब्द गूजर जाति के लिए प्रयोग किये जाते है। जो पुरातन जाति है। इसी जाति के राजा मिहिरभोज (840-90) को गुर्जर प्रतिहार संबोधित किया तथा बताया कि प्रतिहार व परिहार भी गुर्जर जाति के लिए संबोधन किए जाते है। स्पष्ट किया है कि Partihara( Parihar) Clan of Gurjara Tribe of Cast and consequently known clan of Parihar Rajput is a branch of Gurjara or Gujar Stock. 
(6 A) Hand book of Castes and Tribes - Tea district Labour Association 1924 
A great historical cast who have given their name to the Gujrat, the tract known as Gujargarh in Gwalior and other localities in the Punjab and Bombay Presidency. They also find in Rajputana, Hoshangabad , Nimar. They have immigrated in small numbers to Assam , but it is hoped to obtain their shortly in longer numbers , especially from the Rajputana State. 
(7) हिमाचल प्रदेश सरकार के Planning Department,Shimla,1710002 ने गुर्जरों पर एक सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की,यह रिपोर्ट आज भी संबंधित विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें लिखा है कि गुर्जर एक लड़ाकू क्षत्रिय जाति है , गुर्जर की उपाधि मिहिर भी है। 
गुर्जर,गुज्जर,गूजर का शाब्दिक अर्थ एक ही है। गुर्जर,गूजर जाति के लोगों के बसने के स्थान को गुजरात,गुजराँवाला,गुर्जरदेश आदि कहा गया है। 
(8) सिक्ख गुर्जरों पर UNESCO की Global Prayer Digest-2011 की रिपोर्ट में गुर्जरों को क्षत्रिय बता कर उत्पत्ति का भी विवरण दिया है। तथा यह भी बताया है कि गुजरात नामक स्थान का नामकरण गुर्जर जाति के बसने के कारण हुआ है। 
(9) Linguistic Survey of India Vol. 9 , Indo - Aryan Family, Central Group,Part 4 
“The Gurjara “ शीर्षक से गुर्जर जाति के बारे में बताया गया है कि गुर्जर या गुज्जर, गूजर शब्द गुर्जर जाति के लिए प्रयोग किये गये हैं। गुजरात, गुजराँवाला आदि स्थानों का नाम गुर्जर जाति के विध्यमान होने पर यह नामकरण हुआ। गुर्जर का शाब्दिक अर्थ शत्रु विनाशक बताया है। गुर्जरों को देश के विभिन्न हिस्सों में बसाया बताया। गुर्जर शासकों नागभट्ट, वत्सराज,,व्याग्रहामुख, कन्नौज के राजा मिहिरभोज (840-90) को गुर्जर जाति से बताया। गुर्जरों द्वारा गुर्जरी भाषा का विस्तृत विवरण दिया है। तथा प्रतिहार व परिहार एवं परमार को भी गुर्जर जाति का होना बताया है। 
(10) Jat ,Gujar and Ahir , 
A Martial Race रिपोर्ट मे A H BIngley ने 
गुर्जर जाति के उत्पत्ति संबंधी विवरण दिए हैं। बताया कि गुर्जरों ने दक्षिण में सिन्धु घाटी में स्थापित होकर सौराष्ट्र बसाया जिसे तब गुजरात कहा जाने लगा। काबुल ,कंधार ,कश्मीर, उत्तरी पंजाब में बसे गुर्जरों के स्थान को गुजराँवाला व गुजरात और गुर्जरदेश कहा गया। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 11:22, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@DreamRimmer गुर्जर जाति होने संबंधी आपके समक्ष कुछ साक्ष्य ,तथ्य रखता हूँ।
आपके वरिष्ठ एवं गुजरात में कार्यरत रहे श्री Kirit Shelot ( IAS) ने वर्ष 2018 में पुस्तक लिखी जिसका नाम Developing Gujarat- My memories लेखक- H R Patankar , Kirit Shelot (IAS) - इस पुस्तक का विमोचन तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी ने किया। तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी इसमें शुभकामनां संदेश लिखा है। इस पुस्तक में लिखा है कि गुजरात का नाम यहाँ पर बसने वाली गुर्जर जाति के नाम पर पड़ा है। जो कालांतर में पंजाब से चलकर यहाँ आकर बस गई। (The Gurjaras from Himalaya and Punjab travelled and settled here it came to be known as Gujarat )
गुजरात के वरिष्ठ अधिकारी रहे श्रीमान Kirit Shelot जी ने स्पष्ट लिखा कि गुजरात का नाम गुर्जर जाति के नाम से पड़ा। यहाँ गुर्जर जाति के बहुतायत होने के कारण ही गुजरात नाम पड़ा।
गुजरात के इतिहास पर लिखी गई सैंकड़ों में यही दर्ज है कि गुर्जर जाति के यहाँ बसने के कारण ही गुजरात नाम पड़ा। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 11:20, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@DreamRimmer आप कहते कि गुर्जर स्थान का नाम है फिर तो 
Gazetteer of the Bombay Presidency. Vol 9. Part 1 के पेज नंबर 481 पर वर्ष 1881 की जनगणना के अनुसार बोम्बे प्रेसीडेंसी में गुर्जरों की जनसंख्या 1416837 बताई गई है। क्या गुजरात में चौदह लाख सोलह हज़ार आठ सौ सैंतीस ( 1416837) गुर्जर नामक स्थान/ प्रदेश थे। आपके अनुसार तो ये संख्या गुर्जर नामक प्रदेशों की होनी चाहिए। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 11:20, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें


@Ramchandra Dhabhai जी, मैंने गुर्जर नामक लेख पर आपके संपादनो की समीक्षा की, और मुझे लगभग सभी सदस्य के संपादन आपके द्वारा हटाये गये दिखाई दिया। जिन्होंने गुर्जर लेख पर पूर्व में संपादन किया था , आपके द्वारा हटाए किसी भी अवतरण में मुझे कोई बर्बरता नहीं दिखाई पड़ी, (जो आपने ऊपर लिखा है ) गलत जानकारी हो सकती थी, परन्तु आप स्वयं ही पुनीरक्षक बन गये और अन्य सदस्यों के संपादनो को हटा दिया, मुझे तो केवल आपके संपादन मुझे उस लेख पर संपादन युद्ध प्रतीत हो रहा है, अगर आप किसी पुनीरक्षक अथवा प्रबंधक से उस सहायता मांगते तो, शायद आज आपको उसे इतनी बार संपादन युद्ध न करना पड़ता, लेख पर (लंबित परिवर्तन सुरक्षा ) लगी है, उसकी समीक्षा केवल यहां के पुनीरक्षक और प्रबंधक द्वारा ही किया जाना चहिये था, क्या आप मुझे बता सकते हो, इन चारो अवतरण को क्यों हटाया, एक,दूसरा, तीसरा, चौथा और इस तीसरे अवतरण में आपने सारांश में लिखा है की व्याकरण सुधारा लेकिन आप ने केवल एक अल्पविराम ही तो हटाया है, इसमें व्याकरण में सुधार कैसे हुआ, क्या अल्पविराम हटाना भी अब व्याकरण सुधारी में कब से आने लगा? आपके द्वारा सभी के हटाये संपादन जातिवाद अथवा संपादन युद्ध ही है, क्यूंकि आपने न तो लेख में सुधार अथवा विस्तार का कार्य निरंतर करते तो शायद वह जातिगत न होता, लेकिन उस लेख पर हर सदस्य के संपादन हटाना ये साबित करता है की आपको उस लेख पर आपकेचौथा अलवा कोई न सदस्य संपादन न करें, इन चार अवतारणों में से तीन अवतारणों में भी तो गलत जानकारी हटाई गई थी, जो आप निरंतर कर रहे थे।
बात यहाँ गलत या सही जानकारी हटाने की नहीं बल्कि आपके द्वारा निरंतर हटाये गये संपादनो को हटाने की है जो जातिगत अथवा व्यक्तिगत मालूम दिखाई पड़ता है, @DreamRimmer जी, अंग्रेजी विकिपीडिया पर नये पृष्ठ समीक्षक के साथ रोलबैकर, पुनीरक्षक है, वो किसी भी सदस्य को बिना मतलब के चेतावनी नहीं देते है, अंग्रेजी विकिपीडिया पर इनके ये वशिष्ठ अधिकार ऐसे ही नहीं मिले है,@SM7: जी, नमस्ते! आपसे अनुरोध है की अब इस पृष्ठ को संपादनो से पूर्ण सुरक्षित करें अनिश्चितकाल के लिए, क्यूंकि यह जातिगत अथवा संपादन युद्ध किया जा रहा है,जो लेख के इतिहास में प्रदर्शित हो रहा है, और इस समस्या का निदान करें, क्यूंकि मैं इस जातिगत मामले को यही समाप्त करना चाहता हूँ। ~~ αvírαm|tαlk 12:07, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@Aviram7 जी यहां मेने @DreamRimmer जी के साथ सिर्फ गुरजदेश और गुर्जर जाति से क्या संबंध है इस बात पर चर्चा हो रही थी । बर्बरता कर रहे है( गुर्जरो का जीजा) नामक id
आप ने बात को ही घुमा दिया ताकि मैं ही लगू पूरा जातिवादी । जो अच्छा कर रहे उनका तो स्वागत करे। Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 12:29, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
Ramchandra Dhabhai जी, मैंने तो वही कथन क्या लिखा है जो सत्य है, गुर्जर जाति से ही सम्बंधित मैं यहाँ टिप्पणी की है, हां आप सत्य कह रहे हो, जो अच्छा कर रहे है उनका स्वागत किया जाना चाहिए, तो उनका स्वागत यहाँ किया जाता है, वैसे आप किन अच्छा कर रहे (सदस्य) की बात कर रहे हो? ~~ αvírαm|tαlk 13:42, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
रामचंद्र जी, मैंने आपके द्वारा दिये गये स्रोत देखें है पर इनका निरीक्षण करने का समय नहीं मिला इसलिए कल इन स्रोतो के बारे में टिप्पणी करने की कोशिश करूँगा। आपकी जानकारी के लिये बता दूँ की सदस्य:गूजरों का जीजा की रिपोर्ट मैंने बहुत पहले ही प्रबंधक सूचनापट्ट पर कर दी थी। इसे देखकर आप मेरें बारे में यह तो अनुमान लगा ही सकते है की मैं किसी भी जाति या धर्म का विरोधी नहीं हूँ और मुझे गुर्जर या अन्य किसी जाति से कोई समस्या नहीं है। मैं जातिगत पृष्ठों पर प्रचार और असत्य/स्रोतहीन जानकारी के सख़्त ख़िलाफ़ हूँ और इसका हमेशा विरोध करता हूँ क्योंकि यह एक सवेदनशील विषय है जिस पर अधिक ध्यान की आवश्यकता है। 𝙳𝚛𝚎𝚊𝚖𝚁𝚒𝚖𝚖𝚎𝚛 (बातचीत) 14:33, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें
@DreamRimmer जी आपकी बात से मैं भी सहमत हु । शुरू में मेने लेखो में लिखा लेकिन बाद में मुझे लगा लिकने से ज्यादा जरूरी है उसका सोर्स तो मेने इसी विषय पर अधिक ध्यान दिया । तो मेने जहा जहा गुर्जर पेजों में बर्बरता होती उसको undo किया हां मैं मानता हु कभी कभार गलती से सही जानकारी हट जाती है। 2019 के बाद गुर्जर शब्द वाले पेजों में बहुत ज्यादा छेड़खानी हुई है । गुर्जर शब्द को देखकर उसको हर बार जाती जोड़ना ये भी गलत है। गुर्जर शब्द से वर्तमान में जाति है। जगहों के नाम है लैंग्वेज के नाम है। उसको हम सिरे खारीज नही कर सकते है इनका आपस में संबध रहा है या नही।। और राजस्थान और गुजरात और इंडिया की हिस्ट्री में महत्वपूर्ण रोल रहा है । हमारे मानने से कुछ नही होता है।
और सोर्स भी है। जरूरत लगे तो बोल दीजिएगा । Ramchandra Dhabhai (वार्ता) 15:15, 29 अगस्त 2023 (UTC)उत्तर दें